सिर में चुभन क्यों होता है? - sir mein chubhan kyon hota hai?

स्ट्रेस, अनियमित दिनचर्या, बदलती लाइफस्टाइल व खानपान की गलत आदतों के कारण पिछले कुछ वर्षो से माइग्रेन आम समस्या बन गया है। इसका दर्द सिर के एक हिस्से से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे में फैल जाता है। आमतौर पर लोग इसे सामान्य समझ कर अनदेखी करते हैं और दर्द होने पर कोई भी पेन किलर ले लेते हैं। लेकिन जब यह बढ़ जाता है तो पेन किलर्स भी काम नहीं करते। इसलिए माइग्रेन से बचने के लिए आवश्यक परहेज व समय पर उपचार कराना जरूरी है।

व्यस्त जीवनशैली के कारण आज लोग कम उम्र में ही तमाम बीमारियों के शिकार होने लगे हैं। माइग्रेन भी इन्हीं में से एक है। सिरदर्द का एक गंभीर रूप जो बार-बार या लगातार होता है, उसे माइग्रेन कहते हैं। माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं। आमतौर पर इसका शिकार होने पर सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है, जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। जिस हिस्से में दर्द होता है, उसकी भयावह चुभन भरी पीडा से व्यक्ति इस कदर परेशान हो जाता है कि उसे बाकी शरीर का होना भी भूल जाता है। यह कोई छोटा-मोटा दर्द नहीं है। यह दिनभर की गतिविधियों को ठप्प कर देने वाला दर्द है।

क्या है यह

माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ चुभन भरा दर्द होता है। यह कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ जी मिचलाने और उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा फोटो फोबिया यानी प्रकाश से परेशानी और फोनो फोबिया यानी शोर से दिक्कत भी आम बात है। माइग्रेन से परेशान एक तिहाई लोगों को इसकी चपेट में आने का एहसास पहले से ही हो जाता है।

कैसे करें पहचान

-सिर के एक हिस्से में बुरी तरह परेशान कर देने वाले पंच जैसा महसूस होना और ऐसा लगना जैसे सिर अभी फट जाएगा

-उस समय अत्यंत साधारण काम करना भी मुश्किल हो जाना

-लंबे समय तक सिर दर्द होना

-धुंधला दिखाई देना

-आंखों में लगातार दर्द। टनल विजन

-सिर दर्द के साथ उल्टी होना

-सिर के जिस हिस्से में दर्द होता है उसके विपरीत हिस्से में सुन्न या असहज महसूस हो सकता है

-जब माइग्रेन का दौरा पडता है तो व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है

- ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं

कारण

ज्यादातर मामलों में माइग्रेन की समस्या अनुवांशिक होती है। लडकों की तुलना में लडकियों को माइग्रेन की समस्या अधिक होती है, क्योंकि उनमें एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर बढता घटता रहता है। काम की थकान, तनाव, समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम इस्तेमाल करना, ज्यादा या कम नींद लेना भी इसके कारण हो सकते हैं। इसके अलावा मौसम का बदलाव, हॉर्मोनल परिवर्तन, सिर पर चोट लगना, आंखों में स्ट्रेस पडना, तेज रोशनी व एक्सरसाइज न करने से भी परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है। जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है।

ध्यान दें

सिरदर्द का मतलब हमेशा माइग्रेन नहीं होता। लेकिन अगर आपको तेज दर्द हो रहा है और ऐसा जो पहले कभी न हुआ, हाथ-पैरों में दर्द और कमजोरी महसूस हो रही हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें और समय पर इलाज लें। कई बार सिरदर्द दूसरी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का भी संकेत होता है। इसलिए बार-बार होने वाले तेज सिरदर्द, गर्दन दर्द, अकडन, जी मिचलाने या आंखों के आगे अंधेरा छा जाने को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

संतुलित आहार

चिकित्सीय इलाज के अलावा संतुलित आहार लेना भी बहुत जरूरी है। पहले यह जानना जरूरी है कि शरीर में किन तत्वों की कमी या अधिकता के कारण ऐसा हो रहा है। उसके ही अनुसार आहार लेना जरूरी है। अगर किसी विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी के कारण दर्द हो तो उसके सेवन से बचना चाहिए।

उपचार

विशेषज्ञों की मानें तो माइग्रेन से निजात पाने में यह अहम है कि आप इसके लिए कितने तैयार हैं। सभी मरीजों में माइग्रेन के पूर्व संकेत (ट्रिगर्स) एक से नहीं होते, इसलिए उनके लिए डायरी में अपने अनुभव दर्ज करना उपयोगी हो सकता है। इसके बाद दवा की सहायता से इन ट्रिगर्स से समय रहते बचकर, माइग्रेन को टाला भी जा सकता है। हालांकि किसी भी चिकित्सा पद्धति में इसका स्थायी उपचार उपलब्ध नहीं है। माइग्रेन के उपचार में योग व व्यायाम अधिक कारगर साबित होते हैं। रोज व्यायाम, योग और ध्यान करने से तनाव व भागदौड भरी जिंदगी के बावजूद अपने दिमाग को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। माइग्रेन के उपचार में योग की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की नेशनल हेडेक फाउंडेशन ने भी अपने शोध में योग को माइग्रेन से छुटकारा पाने में कारगर माना है। इसके मरीज को ध्यान रखना चाहिए कि जिस भी जगह पर रहें या काम करें वह जगह प्रकाश से चकाचौंध वाली, तेज धूप व गंध वाली नहीं हो। साथ ही पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। यहां दी गई योग की कुछ एक्सरसाइज माइग्रेन से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होंगी।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज

रोज सुबह या काम के दौरान ब्रेक लेकर 3 से 5 मिनट तक सीधे बैठ कर धीरे-धीरे गहरी सांस खींचने और फिर जल्दी-जल्दी सांस छोडने से सिरदर्द व माइग्रेन से राहत मिलती है। इस प्रक्रिया से शरीर का तनाव कम होता है। इसके लिए पहले पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। फिर अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद कर लें और बाएं छिद्र से भीतर की ओर सांस खींचें। अब बाएं छिद्र को अंगूठे के बगल वाली दो उंगलियों से बंद करें। दाएं छिद्र से अंगूठा हटा दें और सांस छोडें। अब इसी प्रक्रिया को बाएं छिद्र के साथ दोहराएं। इसे प्रतिदिन 5 से 10 मिनट तक करें।

पद्मासन (कमल मुद्रा)

कमल मुद्रा दिमाग को आराम पहुंचा कर सिर दर्द से राहत दिलाती है।

सेतु मुद्रा

यह आसन रक्तसंचार को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इस व्यायाम के द्वारा मस्तिष्क का रक्तसंचार सुचारू रूप से होता है और सिरदर्द से राहत मिलती है।

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव से राहत दिलाता है।

अधोमुख श्वानासन

पेट के बल लेट कर हाथ जमीन पर टिकाएं और ऊपर की ओर उठें। अधोमुख श्वानासन मस्तिष्क में रक्तसंचार को बढाता है, जिससे सिरदर्द में राहत मिलती है।

प्राणायाम

प्राणायाम से शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन का संचार होता है। खास तौर पर गर्दन और मस्तिष्क में ऑक्सीजन पहुंचने से माइग्रेन के अटैक या सिरदर्द की समस्या में राहत मिलती है। प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ओम् चैंटिंग से माइग्रेन में लाभ होता है।

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम के दौरान सुखासन में सीधे बैठ जाएं। दोनों कानों को अंगूठों से बंद करें व मध्य की दो उंगलियों को आंखों पर रखें। अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोडते हुए गले से आवाज निकालें। इस प्रक्रिया के दौरान मुंह बंद रखें और श्वांस की सारी क्रिया नाक से ही करें।

जल नेति क्रिया

जल नेती भी माइग्रेन या सिरदर्द से राहत के लिए बेहतरीन उपाय है। लेकिन ध्यान रहे यह योग योग्य प्रशिक्षक के संरक्षण में ही करें।

(इनपुट्स : इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. सुधीर त्यागी व योग एक्सपर्ट दीपक झा)

इला श्रीवास्तव

सिर में चुभन क्यों होती है?

ये लक्षण, माइग्रेन सिरदर्द का संकेत हो सकता है, जो कि एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें सिर के सिर्फ एक तरफ तेज धड़कन के साथ सनसनी होती है। इसलिए, अगर आपको मतली, उल्टी और रोशनी व आवाज के साथ चुभन के साथ सिरदर्द होता है तो आपको माइग्रेन के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है

सिर में गैस चढ़ने से क्या होता है?

इसके लक्षणों की बात करें तो आमतौर पर ऐसा होने पर सिर में तेज दर्द, माइग्रेन, पेट में दर्द, कब्‍ज, कभी कभी नॉजिया या उल्‍टी आदि हैं. अगर आप भी इस तरह की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से गैस से होने वाले इस सिर दर्द में आराम पा सकते हैं. कई बार पेट और आंतों की समस्‍या ब्रेन से जुड़ा होता है.

सिर के बाएं हिस्से में दर्द क्यों होता है?

इसका कारण माइग्रेन, क्लस्टर, ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक और इंफेक्शन हो सकता है. ऐसे में अगर आपको बाईं ओर सिर दर्द हो रहा है तो इस स्थिति को नजर अंदाज करने से बचें. यह आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. माइग्रेन - इस स्थिति में आपको बाईं ओर सिरदर्द के साथ-साथ जी मिचलाना, उल्टी, चक्कर आना जैसी परेशानी हो सकती है.

माइग्रेन का पता कैसे चलता है?

सिरदर्द से कुछ घंटे या दिन पहले, माइग्रेन से पीड़ित लगभग 60% लोगों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं:.
प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना.
भोजन की लालसा या भूख की कमी.
मनोदशा में बदलाव.
गंभीर प्यास.
कब्ज या दस्त.

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