बैंकिंग संबंधी बहुत से कामों के लिए् अभी भी चेक से भुगतान होते हैं। लॉकडाउन के दौरान, बहुत से लोगों के चेक भुगतान की प्रक्रिया समय से निपटाने में दिक्कते आई थीं। इस कारण हमारे कई पाठकों ने जानना चाहा था कि बैंक चेक की वैधता कितनी होती है? या चेक की वैलिडिटी कितने दिन तक रहती है? What is the validity of a bank cheque. इस लेख में हम इस प्रश्न का उत्तर देंगे और कुछ अन्य़ महत्वपूर्ण तथ्य साझा करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, किसी बैंक चेक की वैधता (Validity), 3 महीने तक होती है। जिस तारीख को चेक जारी किया जाता है, उसके बाद 3 महीने तक उसकी वैलिडिटी रहती है। तीन महीने बाद फिर से वह तारीख आने से पहले अगर उसे भुनाया (encashed) नहीं जाता है तो फिर उस चेक से भुगतान नहीं हो सकेगा। उदाहरण के लिए कोई चेक 5 जनवरी के जारी किया गया है, तो तो आपको 4 अप्रैल तक इसे अवश्य भुना लिया जाना चाहिए। सामान्य बैंक चेक
के अलावा ड्राफ्ट, पे ऑर्डर और बैंकर्स चेक के ऊपर भी यह नियम लागू होता है। इनकी भी वैधता (Validity), इनको जारी किए जाने की तारीख से 3 महीने तक होती है। कुछ लोगों ने यह भी प्रश्न किया था कि बैंक के चेक की वैलिडिटी 3 महीने तक मानी जाती है कि 90 दिनों के लिए। इसका उत्तर है कि बैंक चेक की वैधता अंतिम तारीख के हिसाब से तय होती है, दिनों की गिनती के हिसाब से नहीं। 3 महीन बाद दोबारा वह तारीख आने से पहले उस चेक से
भुगतान करा लिया जाना चाहिए। जैसे कि, अगर आपका चेक 31 अक्टूबर 2021 को जारी हुआ है तो इससे 30 जनवरी 2022 तक भुगतान प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन अगर चेक 31 नवंबर 2021 को जारी हुआ है तो उसे 28 फरवरी 2022 तक भुना लिया जाना चाहिए, क्योंकि फरवरी में 30 तारीख आती ही नहीं।। अप्रैल 2012 के पहले तक, भारत में बैंक चेक की वैधता अवधि 6 महीने तक होती थी। इसे रिजर्व बैंक ने घटाकर 3 महीने कर दिया था। Banking Regulation Act, 1949 के
Section 35A के तहत मिले अधिकारों के तहत रिजर्व बैंक ने यह नियम लागू किया है। सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को 1 अप्रैल 2012 से नया नियम पालन के निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन में रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया था कि बैंक चेकों की 6 महीने की वैधता का कुछ लोग गलत इस्तेमाल करते थे, इसे देखते हुए वैधता की समय सीमा घटाकर 3 महीने करने का निर्णय लिया गया है। सभी प्रकार के cheques/drafts/pay orders/banker’s cheques के मामलों में इसे लागू किया गया है। हां, किसी चेक की की वैलिडिटी खत्म हो जाने पर उस राशि के लिए दोबारा चेक जारी कराया जा सकता है। जिस व्यक्ति या संस्था ने पहले उसे जारी किया था, वह
दोबारा चेक जारी कर सकता है। अगर पहले जारी किए गए चेक से भुगतान वैलिडिटी खत्म हो जाने के कारण आपको नहीं मिल सका है तो आपको उस व्यक्ति या संस्था से संपर्क करनी चाहिए। वह अपने हस्ताक्षर से फिर चेक जारी कर सकता है।बैंक चेक की वैधता कितनी होती
है?
What is the validity of a bank cheque3 महीने या 90 दिन: चेक की वैलिडिटी कितने दिन तक रहती है??
1 अप्रैल 2012 से लागू है चेक की 3 महीने वैधता का नियम
नॉर्मल बैंक चेक और
बैंकर्स चेक में क्या अंतर होता है?
वैलिडिटी खत्म होने के बाद क्या दोबारा जारी हो सकता है चेक?
सुप्रीम काेर्ट ने वैलिडिटी बढ़ाने से किया इंकार
Cheque’s validity will not extend: SC
कोरोना महामारी के दौरान, लॉकडाउन होने के कारण बहुत से बैंक चेकों का भुगतान समय सीमा के भीतर नहीं हो सका था। ऐसे चेकों और ड्रॉफ्टों की वैधता का समय बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अप्रैल 2020 में याचिका पर सुनवाई के बाद, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने निर्णय दिया था। अपने फैसले में खंडपीठ ने कहा कि बैंक चेक की वैलिडिटी नहीं बढ़ाई जा सकती। कोर्ट ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को बैंक चेक की वैधता (validity) 3 महीने तक ही मानने के आदेश दिए थे।
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अमाउंट भरने के बाद ‘/-' साइन न डालना
चेक में शब्दों और अंकों में धनराशि डालने के बाद उसके पीछे '/-' का साइन बनाना बेहद जरूरी है। शब्दों में धनराशि डालते वक्त यह साइन लगाने से पहले ‘ओनली’ लिख देना भी बेहतर रहता है। उदाहरण के तौर पर- Twenty Thousand only/- और 20000/- । यह साइन इस बात को दर्शाता है कि आपने जो अमाउंट भरा, वह इतने तक ही सीमित है। अगर ‘/-'साइन नहीं लगाते हैं तो जालसाजों के लिए अमांउट बढ़ा लेने का अवसर पैदा हो जाता है।
MICR कोड को नुकसान
Bank चेक पर सबसे नीचे सफेद पट्टी पर एक MICR (मैग्नेटिक इंक
कैरेक्टर रिकग्निशन) कोड रहता है। जब भी चेक का इस्तेमाल करें तो ध्यान रखें कि इस MICR कोड को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। चेक साइन (Signature) करते वक्त या किसी अन्य वजह से इस डिटेल को नुकसान नहीं होना चाहिए। MICR कोड चेक्स की जल्दी प्रोसेसिंग और सेटलमेंट में मदद करता है।
चेक की डेट की अनदेखी
बैंक चेक उस पर डाली गई डेट यानी तारीख के बाद 3 महीने तक ही वैलिड रहता है। यानी इसे इसी अवधि में डिपॉजिट या विदड्रॉ करना होता है। इस अवधि के बाद चेक का इस्तेमाल करने पर चेक आपके काम नहीं आएगा और आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। इसके अलावा आप भी जब किसी को आगे की डेट
में चेक से पेमेंट करें तो इस बात का ध्यान रखें। चेक पर तारीख डालते वक्त अगर कोई गलती हो जाए तो उसे ओवरराइट करने की बजाय दूसरा चेक इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा। तारीख के साथ अन्य डिटेल्स में गलती होने पर भी नया चेक जारी करना ही ठीक रहता है।
अकाउंट पेई और बीयरर चेक
अगर आप सीधे किसी के बैंक अकाउंट में पेमेंट करना चाहते हैं तो चेक पर अकाउंट पेई जरूर डालें। यह साइन चेक के लेफ्ट (बायीं) टॉप कॉर्नर पर डबल क्रॉस लाइन के बीच A/C Payee लिखकर बनाया जाता है। इस साइन से चेक का पेमेंट सीधा बैंक अकाउंट में होता है और इसे तुरंत
भुनाया नहीं जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि चेक खोने की स्थिति में कोई जालसाज खुद को टार्गेट पर्सन बताकर उसके बदले कैश नहीं ले सकता है। अकाउंट पेई करते वक्त चेक पर राइट (सीधी) साइड में लिखे बीयरर को काट दें। वहीं अगर चेक कैश करने के लिए दे रहे हैं तो लेफ्ट टॉप कॉर्नर पर अकाउंट पेई साइन न बनाएं।
शब्दों और फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस
जब भी किसी को चेक से पेमेंट करें तो नाम और धनराशि को लेकर शब्दों व फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस देने से बचें। ज्यादा स्पेस नाम और अमांउट में छेड़छाड़ होने की गुंजाइश पैदा कर देता है। इसके अलावा चेक कर लें कि जो अमाउंट शब्दों
में भरा है, वहीं अमाउंट फिगर्स यानी अंकों में भी हो। बैंक, चेक को तभी स्वीकार करेंगे जब दोनों तरह से अमाउंट मैच होगा वर्ना चेक रिजेक्ट हो जाएगा।
बैलेंस से ज्यादा अमाउंट भर देना
Bank चेक से पेमेंट करते वक्त पहले अपने बैंक अकाउंट (Bank Account) के बैलेंस को चेक कर लें। इसके बाद ही चेक को भरें। अगर बैलेंस से ज्यादा अमाउंट भर गया तो चेक बाउंस (Cheque Bounce) हो जाएगा और पेनल्टी लगेगी। चेक बाउंस पर पेनल्टी (Cheque Bounce Penalty)
विभिन्न बैंकों में 500 रुपये प्लस GST तक है। इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें।
हस्ताक्षर पर ध्यान न देना
जब भी बैंक चेक पर हस्ताक्षर यानी सिग्नेचर (Signature) करें तो याद रखें कि आपको वैसे ही साइन करने हैं, जैसे संबंधित बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं। कई लोग अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग सिग्नेचर रखते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया हुआ है तो बैंक चेक (Bank Cheque) को साइन करते वक्त सावधानी जरूर बरतें वर्ना आपका चेक रिजेक्ट भी हो सकता है।
चेक की डिटेल्स अपने पास न रखना
जब भी किसी को बैंक चेक से पेमेंट करें तो उस चेक की डिटेल्स जैसे चेक नंबर, अकाउंट का नाम, अमाउंट और डेट जरूर नोट कर लें। यह इनफॉर्मेशन चेक कैंसिल करने की जरूरत पड़ने पर आपके काम आ सकती है। इसके अलावा आपको यह भी पता चलता रहता है कि कहीं कोई चेक इधर-उधर तो
नहीं हो गया या आपकी जानकारी के बिना किसी ने चेकबुक में से चेक तो नहीं लिया।
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