बायोलॉजी कितने भागों में बांटा है? - baayolojee kitane bhaagon mein baanta hai?

प्रियंका तिवारी  ज्ञानीटेक न्यूज़ के Co-Founder हैं। इनकी शिक्षा हिंदी ऑनर्स से स्नातक तक हुई हैं, इन्‍हें हिंदी में बायोग्राफी, फुलफार्म, अविष्‍कार, Make Money , Technology, Internet & Insurence से संबंधित जानकारियो को सीखना और सिखाना पसन्‍द हैंं। कृपया अपना स्‍नेह एवं सहयोग बनाये रखें। सिखते रहे और लोगों को भी सिखाते रहें।

जीव विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Biology) – विज्ञान की शाखाओं ( Branches of Science ) में से एक जीव विज्ञान ( Biology ) है। इसकी दो उप-शाखायें जंतु विज्ञान ( Zoology ) और वनस्पति विज्ञान ( Botany ) हैं। इस लेख में जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान की विभिन्न शाखाओं की जानकारी दी गई है।

जन्तु विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Zoology)

  • एनाटोमी – शरीर एवं विविध अंगो की विच्छेदन द्वारा प्रदर्शित सकल रचना 
  • एंथ्रोपोलॉजी – मानव जाति के सांस्कृतिक विकास का अध्ययन
  • एंजिओलॉजी – परिसंचरण तंत्र का अध्ययन
  • एयरोबॉयोलॉजी – उड़ने वाले जंतुओं का अध्ययन
  • एरेकनोलॉजी – मकड़ियों का अध्ययन
  • बायोमेट्रिक्स – जीव विज्ञान के प्रयोगों के विभिन्न परिणामों का सांख्यिकी विश्लेषण व अध्ययन
  • साइकोबायोलॉजी – जंतुओं की मनोवृत्ति का अध्ययन
  • जूजियोग्राफ़ी – पृथ्वी पर जंतुओं के वितरण का अध्ययन
  • पेलियेन्टोलॉजी – जीवाश्मों का अध्ययन
  • फाइलोजेनी – जाती के उद्विकास का इतिहास
  • आन्टोजेमी – जीवन वृत्ति का अध्ययन
  • ट्राफोलॉजी – पोषण विज्ञान
  • प्रोटोजोआलॉजी – प्रोटोजोआ का अध्ययन
  • रेडियोलॉजी – जीवों पर विकिरण प्रभाव का अध्ययन
  • सार्कोलॉजी – पेशियों का अध्ययन
  • सिन्डेस्मोलॉजी – कंकाल संधियों एवं स्नायुओं का अध्ययन
  • सिरोलॉजी – रुधिर सीरम का अध्ययन
  • टेक्टोलॉजी – शरीर के रचनात्मक संघटन का अध्ययन
  • टेक्सोनॉमी – जीवजातियों के नामकरण एवं वर्गीकरण का अध्ययन
  • टटोलॉजी – उपार्जित लक्षणों का अध्ययन
  • टॉक्सिकोलॉजी – जंतुओं के लिए विषैले पदार्थों और शरीर पर इनके प्रभावों का अध्ययन
  • एन्जाइमोलॉजी – उत्प्रेरकों का अध्ययन
  • एंटोमोलॉजी – कीट पतंगों का अध्ययन
  • जेनेटिक्स – जीवों के आनुवंशिक लक्षण एवं उनकी वंशागति का अध्ययन
  • हिस्टोलॉजी – सूक्ष्मदर्शी द्वारा अंगों की औतिक संरचना का अध्ययन
  • हीमेटोलॉजी – रुधिर एवं रुधिर रोगों का अध्ययन
  • हेल्मिन्थोलॉजी – परजीवी कृमियों का अध्ययन
  • हर्पेटोलॉजी – उभयचारियों एवं सरीसृपों का अध्ययन
  • इक्थियोलॉजी – मछलियों का अध्ययन
  • इम्यूनोलॉजी – संक्रमण के विरुद्ध जंतु शरीर के प्रतिरोध का अध्ययन
  • कैरियोलॉजी – केन्द्रक का अध्ययन
  • मार्फोलॉजी – जंतुओं की आकृति एवं रचना का अध्ययन
  • मायोलॉजी – पेशियों का अध्ययन
  • मेमेलोलॉजी – स्तनधारियों का अध्ययन
  • मेलेकोलॉजी – मोलस्का एवं इनके खोलों का अध्ययन
  • मॉलिक्युलर बायोलॉजी – आणविक स्तर पर जंतुओं की रासायनी का अध्ययन
  • माइक्रोबायोलॉजी – अतिसूक्ष्म जीवों का अध्ययन
  • न्यूरोलॉजी – तंत्रिका तंत्र का अध्ययन
  • ऑस्टियोलॉजी – कंकाल तंत्र का अध्ययन
  • ओडोन्टोलॉजी – दन्त विज्ञान संबंधी अध्ययन
  • ऑर्गेनोलॉजी – अंग विज्ञान संबंधी अध्ययन
  • ऑर्निथोलॉजी – पक्षियों का अध्ययन
  • ऑफियोलॉजी – साँपों का अध्ययन
  • फीजियोलॉजी – शरीर के विभिन्न भागों के कार्य एवं कार्य विधियों का अध्ययन
  • पारासिटोलॉजी – परजीवी जीवों का अध्ययन
  • पैथोलॉजी – रोगों की प्रकृति, लक्षणों एवं कारणों का अध्ययन
  • बॉयोमिक्स – जन्युओं के तंत्रिका तंत्र का अध्ययन
  • सायटोलॉजी – कोशिकाओं का बहुमुखी अध्ययन
  • क्रेनिओलॉजी – करोटि का अध्ययन
  • इकोलॉजी – सजीव एवं निर्जीव वातावरण से जीवों के विविध संबंधों का अध्ययन
  • एक्सटर्नल मॉर्फोलॉजी – जीवों के शरीर की बाहरी संरचना का अध्ययन
  • एंडोक्राइनोलॉजी – अन्तःस्त्रावी तंत्रों का अध्ययन
  • इथोलॉजी – जंतुओं के व्यव्हार का अध्ययन
  • एम्ब्रायोलॉजी – भ्रूणीय परिवर्धन का अध्ययन
  • इवोल्यूशन – जीव जंतुओं का उद्भव एवं विभेदीकरण का इतिहास
  • यूजेनिक्स – आनुवांशिकी के सिद्धांतों द्वारा मानव जाती की उन्नति का अध्ययन
  • यूफेनिक्स  – कोशिकाओं में जीन →RNA →प्रोटीन  श्रंखला में परिवर्तन करके मानव जाति की उन्नति का अध्ययन 

 

वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ ( Branches of Botany ) :-

  • एग्रोस्टोलॉजी – घासों का अध्ययन एवं पालन 
  • बायोमेट्रिक्स – जीव वैज्ञानिकों के प्रेक्षणों का गणितीय विवेचन
  • हिस्टोलॉजी – ऊतकों का अध्ययन
  • एल्गोलॉजी – शैवालों का अध्ययन 
  • एन्थोलॉजी – फूलों का अध्ययन 
  • एनाटोमी – आतंरिक संरचना का अध्ययन 
  • टेक्सोनॉमी – पादप वर्गीकरण का अध्ययन 
  • स्पर्मोलॉजी – बीजों का अध्ययन 
  • स्पेसबायोलॉजी – अंतरिक्ष ततः वायुमण्डल में स्थित पादपों का अध्ययन 
  • फाइटोजिओग्राफी – पौधों के वितरण एवं उनके कारणों का अध्ययन 
  • टेरिडोलॉजी – टेरिडोफाइट्स का अध्ययन 
  • बैक्टीरियोलॉजी – जीवाणुओं का अध्ययन 
  • ब्रायोलॉजी – ब्रायोफाइटा का अध्ययन 
  • केसीडियोलॉजी – पादप में रोगजन्य गाँठों, पादप कैंसर का अध्ययन 
  • साइटोलॉजी – कोशिकाओं का अध्ययन
  • डेंड्रोलॉजी – वृक्षों एवं झाड़ियों का अध्ययन
  • डेंड्रोकोनोलॉजी – वृक्षों की आयु का अध्ययन
  • इकोलॉजी – पौधों का वातावरण से संबंध का अध्ययन
  • इकोनॉमिक बॉटनी – आर्थिक महत्त्व के पौधों का अध्ययन
  • एम्ब्रियोलॉजी – युग्मकों के निर्माण, निषेचन एवं भ्रूण के परिवर्धन का अध्ययन
  • इथेनोबॉटनी – आदिवासियों द्वारा पादप के उपयोग का अध्ययन
  • इवोल्यूशन – सजीवों के विकास प्रक्रम का अध्ययन
  • एक्सोबॉयोलॉजी – अन्य ग्रहों पर संभावित जीवों की उपस्थिति का अध्ययन
  • फ्लोरीकल्चर – सजावटी फूलों का संवर्धन एवं अध्ययन
  • फॉरेस्ट्री – वनों का अध्ययन
  • जेनेटिक्स – आनुवांशिकता एवं विभिन्नताओं का अध्ययन
  • जेनेटिक इंजीनियरिंग – कृत्रिम जीन का निर्माण एवं स्थानांतरण का अध्ययन
  • जेरोन्टोलॉजी – आयु के साथ जीवों में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन
  • हेरीडिटी – पैतृक लक्षणों का संतति में पहुंचने का अध्ययन
  • लाइकेनोलॉजी – लइकनों का अध्ययन
  • लिम्नोलॉजी – झीलों तथा अलवणीय जलीय पादपों का अध्ययन
  • माइक्रोबायलॉजी – सूक्ष्म जीवों का अध्ययन
  • मार्फोलॉजी – पादपों का आकारीय संरचना का अध्ययन
  • माइकोलॉजी – कवकों (फफूंद) का अध्ययन
  • माइकोप्लाजमोलॉजी – माइकोप्लाज्मा का अध्ययन
  • निमेटोलॉजी – निमेटोड्स का पादपों का साथ संबंध का अध्ययन
  • पेलियोबॉटनी – पादप जीवाश्मों का अध्ययन
  • पेलिनोलॉजी – परागकणों का अध्ययन
  • पैथोलॉजी – पादप रोगों व उपचार का अध्ययन
  • पिडोलॉजी – मृदा का अध्ययन
  • पेरासिटोलॉजी – पोषिता तथा परजीवियों का संबंध का अध्ययन
  • फाइकोलॉजी – शैवालों का अध्ययन
  • फार्मेकोलॉजी – औषधीय पादपों का अध्ययन
  • फिजियोलॉजी – विभिन्न पादप जैविक क्रियाओं का अध्ययन
  • पॉमोलॉजी – फलों का अध्ययन
  • एग्रोनोमी – फसली पादपों का अध्ययन
  • बायोटेक्नोलॉजी – प्रोटोप्लास्ट का पृथक्करण एवं संवर्धन का अध्ययन
  • रेडिएशन बायोलॉजी – विभिन्न उपकरणों का पादपों पर प्रभाव व उत्परिवर्तन का अध्ययन
  • फाइटोफिजिक्स – भौतिक सिद्धांतों  उपापचय में महत्त्व का अध्ययन
  • बॉयोकेमिस्ट्री – सजीवों में कार्बनिक पदार्थों का अध्ययन
  • वायरोलॉजी – विषाणुओं का अध्ययन
  • हार्टीकल्चर – फल, सब्जियों तथा उद्यान पादपों का संवर्धन का अध्ययन
  • मॉलिक्युलर बायोलॉजी – न्यूक्लिक अम्लों ( DNA व RNA ) का अध्ययन
  • सिल्वीकल्चर – वनीय वृक्षों तथा उनके उत्पादों का संवर्धन व अध्ययन
  • टिश्यू कल्चर – कृत्रिम माध्यम पर ऊतकों का संवर्धन का अध्ययन
  • हिस्टोकेमिस्ट्री – कोशिकाओं एवं ऊतकों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों की स्थिति का अध्ययन

विज्ञान की प्रमुख शाखाओं के जनक :-

  • जन्तु विज्ञान – अरस्तु 
  • आनुवांशिकी – जी. जे. मेण्डल 
  • विकिरण आनुवांशिकी – एच जे मुलर 
  • आधुनिक आनुवांशिकी – बेटसन 
  • आधुनिक शारीरिकी – एंड्रियास विसैलियस 
  • रक्त परिसंचरण – विलियम हार्वे 
  • वर्गिकी – केरोलस लीनियस 
  • चिकित्सा शास्त्र – हिप्पोक्रेट्स 
  • उत्परिवर्तनवाद – ह्यूगो डी ब्रीज 
  • माइक्रोस्कोपी – मारसेलो माल्पीजी 
  • जीवाणु विज्ञान – रॉबर्ट कोच 
  • प्रतिरक्षा विज्ञान – एडवर्ड जेनर 
  • जीवाश्म विज्ञान – लिओनार्डो दी विन्ची 
  • सूक्ष्म जैविकी – लुई पाश्चर 
  • जिरोंटोलॉजी – ब्लादिमीर कोरनेचेवस्की 
  • एंडोक्राइनोलॉजी – थॉमस एडिसन 
  • आधुनिक भ्रूणिकी – कार्ल ई वॉन वेयर 
  • वनस्पति शास्त्र – थियोफ्रेस्टस 
  • पादप रोग विज्ञान – ए. जे. बटलर 
  • पादप क्रिया विज्ञान – स्टीफन हेल्स
  • बैक्टिरियोफेज – टवार्टव दीहेरिल
  • सुजननिकी – फ्रांसिस गाल्टन 

बायोलॉजी के कितने भाग है?

जीव विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Biology) – विज्ञान की शाखाओं ( Branches of Science ) में से एक जीव विज्ञान ( Biology ) है। इसकी दो उप-शाखायें जंतु विज्ञान ( Zoology ) और वनस्पति विज्ञान ( Botany ) हैं।

बायोलॉजी की कितनी शाखा है?

जीव विज्ञान की तीन मुख्य शाखाएं वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान हैं।

बायोलॉजी का पूरा नाम क्या है?

'जीव विज्ञान' शब्द ग्रीक के 'Biology' शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। Biology ग्रीक भाषा के दो शब्दों Bios तथा Logos से बना है, | जिसमें Bios का अर्थ है- Life (जीवन) तथा Logos का अर्थ है| Study (अध्ययन )। अध्ययन किया जाता है।

बायोलॉजी के जन्मदाता कौन है?

अरस्तुजीव विज्ञान / पिताnull

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