बादिों से गजणना का अह्वान कर कनव क्या कहना चाहता है ईत्साह कनवता के अधार पर बताआए - baadion se gajanana ka ahvaan kar kanav kya kahana chaahata hai eetsaah kanavata ke adhaar par bataae

बादलों की गर्जना का आ र्ज ह्वान कर कवि क्या कहना चाहता है उत्साह कविता के आधार पर बताइए?

Solution : बादलों की गर्जना से तात्पर्य क्रांतिकारी स्वर भरना है। कविता के माध्यम से कवि क्रांति की आवश्यकता को चिन्हित करता है। बादल क्रांति के प्रतीक हैं। यह क्रांति रूपी बादल पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षाओं को पूरी करेगा और दूसरी तरफ वहीं बादल नई कल्पना और नए अंकुर उगाएगा।

बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यों करना चाहता है?

कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है।

कभी बादल से फुहार रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है क्या?

कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।

उत्साह कविता में कवि बादल गरजने के लिए क्यों कहता है बादल से कवि की कौन कौन सी अपेक्षाएँ हैं?

उत्तर- 'उत्साह' कविता में कवि बादल को गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वह लोगों में उत्साह और क्रांति लाना चाहता है। उससे कवि अपेक्षा करता है कि गरमी से व्याकुल, पीड़ित और वेचैन लोगों को छुटकारा दिलाए।

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