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नई शिक्षा नीति:सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी का प्रावधान, बाल वाटिका होगा नाम, शिक्षा विभाग में होगा बड़ा बदलाव
जयपुरएक वर्ष पहले
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शिक्षा विभाग ने भी नए प्रावधानों के आधार पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।
- दो साल आंगनबाड़ी के बाद एक साल रहेगी बालवाटिका
नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव होगा। सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ करने की तैयारी है। नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया जा रहा है। इस कक्षा को बालवाटिका नाम दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने भी नए प्रावधानों के आधार पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।
नए प्रावधानों के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज की बात कही गई है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और फिर पहली और दूसरी कक्षा होगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होगी।
बालवाटिका के लिए महिला बाल विकास विभाग की ओर से प्रशिक्षण देकर शिक्षा विभाग की मांग के अनुसार शिक्षक उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान रखा जाएगा। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ हो सकेंगी। हालांकि शिक्षा विभाग के सामने प्री प्राइमरी के लिए योग्य शिक्षकों की कमी रहेगी। इसके लिए उसे महिला बाल विकास विभाग के भरोसे रहना पड़ेगा। इसके बाद तीन साल तीसरी से पांचवीं तक, तीन साल छठी से आठवीं तक और 4 साल नवीं से बारहवीं तक का प्रावधान रहेगा।
प्रदेश में वर्तमान में 61613 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। इनमें से 18565 आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही स्कूलों में चल रहे हैं। अन्य में 25810 विभागीय भवन में और 10553 किराए के भवनों में चल रहे हैं।
बालवाटिका स्कूल में चलेगी। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं संचालित हो सकेंगी। इसके लिए
शिक्षकों की व्यवस्था का काम पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती के जरिए महिला बाल विकास विभाग का रहेगा।
-सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा