गंजों के लिए इससे बड़ी खुशखबरी क्या हो सकती है कि अब उनके भी सिर पर घने बाल होंगे. लेकिन यह खास खुशखबरी बाल उड़ने की बीमारी 'एलोपेसिया एरियाटा' से ग्रस्त लोगों के लिए है. अमेरिका की कोलंबिया युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों के सिर पर बाल उगाने में सफलता प्राप्त कर ली है.
शोधकर्ताओं ने एलोपेसिया एरियाटा से पीड़ित लोगों के बाल कूप को नष्ट करने वाले इम्यून कोशिकाओं की पहचान कर ली है. उन्होंने खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा स्वीकृत उस दवा का सफल परीक्षण किया है, जो उन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को खत्म करता है, जिससे सफलतापूर्वक दोबारा बाल उगते हैं. इस इलाज के शुरू होने के पांच महीने के अंदर ही मरीजों के घने बाल उग आए और हमला करने वाली टी कोशिकाएं समाप्त हो गईं.
कोलंबिया युनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) के प्रमुख शोधकर्ता राफेल क्लिंस ने कहा, 'यदि यह दवा सफल और सुरक्षित रही, तो इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की जिंदगी पर जबर्दस्त सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.' शोध दल ने इस बीमारी से ग्रस्त चूहों पर इसका अध्ययन किया और बाल कूप पर हमला कर उसे खत्म करने वाले टी कोशिकाओं की पहचान की.
इसके बाद के अध्ययन में यह सामने आया कि किस प्रकार टी कोशिकाएं बाल कूपों को नष्ट करती हैं, जिसके बाद एक नई दवा 'जेएके इनहिविटर' का विकास संभव हो पाया. एफडीए ने दो दवाओं- रूक्सोलिमिनिब और तोफासितिनिब- को मंजूरी दी है, जो बाल कूप को नष्ट होने से रोकने में सक्षम है. यह अध्ययन पत्रिका 'नेचर मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ है.