अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी? - antariksh mein jaane vaalee pahalee bhaarateey mahila kaun thee?

अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला (Kalpana Chawla) के बाद अब सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) एक नया इतिहास रचने को तैयार है. दरअसल, 11 जुलाई को भारतीय मूल की रहने वाली सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना होंगी.  VSS Unity के 6 अंतरिक्षयात्रियों में से एक नाम  सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) भी हैं. कल्पना चावला  (Kalpana Chawla) के बाद सिरीशा बांदला ऐसा कारनामा करने वाली भारत की दूसरी महिला बन जाएंगी.

सिरीशा बांदला का  जन्‍म  आंध्र प्रदेश में हुआ. वह कल्‍पना चावला के बाद भारत में जन्‍मी दूसरी महिला हैं, जो अंतरिक्ष के सफर पर निकलेंगी. वर्जिन गेलेक्टिक के 'VSS यूनिटी' से पांच अन्‍य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) का सफर सफल होने की उम्मीद जताई जा रही है.  सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) के इस उपलब्धि से भारत के लोगों में भी खूब उत्साह है. ऐसा कर सिरीशा ना सिर्फ अपना बल्कि पूरे देश का नाम गौरवान्वित करेंगी. 

I am so incredibly honored to be a part of the amazing crew of #Unity22, and to be a part of a company whose mission is to make space available to all. //t.co/sPrYy1styc

— Sirisha Bandla (@SirishaBandla) July 2, 2021

जानिए कौन हैं सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) जिसे भारत करता है सलाम

सिरीशा बांदला का जन्‍म आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था. वह अमेरिका के ह्यूस्टन में पली-बढ़ीं हैं. भारत में वह सिर्फ पांच साल तक ही रही, इसके बाद आगे का जीवन यापन उन्होंने अमेरिका में ही किया है सिरीशा वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस में वाइस प्रेसीडेंट के तौर पर कार्य कर रही हैं. जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल करने वाली  सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla) ने बेहद कम उम्र में ही कामयाबी एक बड़ी सीढ़ी हासिल कर ली है. 

कल्पना चावला (Kalpana Chawla) के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी महिला बनेंगी सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla)

दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला इससे पहले यह मुकाम हासिल कर चुकी हैं. कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं. मानव अंतरिक्षयान में उनके प्रमुख योगदानों के लिए उन्हें कई सम्मान भी दिए गए. पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए उड़ान भरने वाले एक अमेरिकी व्यावसायिक मालवाहक अंतरिक्षयान का नाम नासा की दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया था. बता दें कि 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद कल्पना चावला अपने साथियों के साथ धरती पर लौट रही थीं, तभी यान क्षतिग्रस्त हो गया और उनकी मृत्यु हो गई थी. 

बछेन्द्री पालहरबंस कौरज्योतिर्मयी सिकदरडॉ. कल्पना चावला

Answer : D

Solution : कल्पना चावला. प्रथम भारतीय-अमेरिकी महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की थी। 1 फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष अभियान के दौरान 7 सहकर्मियों के साथ उनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अभियान में प्रयुक्त यान स्पेस शटल कोलंबिया था।

वेलनटीना तेरेश्कोवा अंतरिक्ष में जाने वाली पहली (एकल मिशन वोस्तोक 6, 1963) और 1982 तक इकलौती महिला थीं।

मॅई जेमिसन एसटीएस -47, 1992 में अंतरिक्ष में पहली अश्वेत महिला हैं।

कल्पना चावला (सामने)- भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री और लॉरेल क्लॉर्क STS-107 पर, चित्र क्रू की वापसी से पहले का है, जिसमें उनकी जान चली गई थी।

अंतरिक्ष में पहली महिला, सोवियत कॉस्मोनॉट वेलेंटीना टेरेशकोवा ने 1963 में उड़ान भरी थी। हालांकि अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों में 1980 के दशक तक उनके बाद महिलाओं को शामिल नहीं किया गया। तब से कई देशों की महिलाओं ने अंतरिक्ष में काम किया है, हालांकि कुल मिलाकर महिलाओं का अंतरिक्ष में जाने के लिए पुरुषों की तुलना में बहुत कम चयन किया जाता है। चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला को आर्टेमिस कार्यक्रम के भाग के रूप में 2024 के लिए योजनाबद्ध किया गया है।[1]

तीन देश (चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका) सक्रिय अंतरिक्ष कार्यक्रम बनाए रखते हैं जिसमें महिलाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा, कई अन्य देशों - कनाडा, फ्रांस, भारत, ईरान, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड किंगडम ने महिलाओं को रूसी या अमेरिकी मिशन पर कक्षा या अंतरिक्ष में भेजा है। अंतरिक्ष शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मिशन के साथ अंतरिक्ष में अधिकांश महिलाएं संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिक रही हैं।

2003 में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया आपदा में मिशन विशेषज्ञों कल्पना चावला और लॉरेल क्लार्क सहित क्रू पृथ्वी के वातावरण में पुनर्प्रवेश पर मृत्यु को प्राप्त हुआ था।[2]


अंतरिक्ष में महिलाओँ और पुरुषों को समान चुनौतियों का सामना करना होता है जैसे गैर-पृथ्वी की स्थिति और अलगाव और अलगाव के मनोवैज्ञानिक तनाव से उत्पन्न होने वाली शारीरिक कठिनाइयाँ। मादा उभयचरों और गैर-मानव स्तनधारियों पर वैज्ञानिक अध्ययन आम तौर पर लघु अंतरिक्ष अभियानों से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखाते हैं।

यह सभी देखें[संपादित करें]

  • महिला अंतरिक्ष यात्रियों की सूची
  • स्पेसफ्लाइट रिकॉर्ड की सूची
  • राष्ट्रीयता द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों की सूची
  • अधिकतम शोषक परिधान (नासा परिधान पुरुषों और महिलाओं के लिए spaceflight के दौरान शारीरिक उत्सर्जन में मदद करने के लिए)
  • बुध १३
  • महिला खगोलविदों की सूची
  • विज्ञान में महिलाएँ
  • महिला खोजकर्ता और यात्रियों की सूची

संदर्भ[संपादित करें]

  1. ाएं
  2. एसए)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • टेलीग्राफ जॉब्स से अंतरिक्ष में महिलाएं Archived 2020-10-31 at the Wayback Machine
  • अंतरिक्ष में मनुष्यों के 50 वर्ष: अंतरिक्ष में यूरोपीय महिलाएं (ईएसए)

अंतरिक्ष में जाने वाली 2 महिला कौन थी?

Solution : कल्पना चावला. प्रथम भारतीय-अमेरिकी महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की थी। 1 फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष अभियान के दौरान 7 सहकर्मियों के साथ उनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अभियान में प्रयुक्त यान स्पेस शटल कोलंबिया था।

अंतरिक्ष में जाने वाली विश्व की प्रथम महिला कौन है?

अंतरिक्ष में पहली महिला, सोवियत कॉस्मोनॉट वेलेंटीना टेरेशकोवा ने 1963 में उड़ान भरी थी

भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष में जाने वाली कौन थी?

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं. 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद सब कल्पना चावला 6 अन्य साथियों के साथ धरती पर लौट रही थीं तो उनका यान क्षतिग्रस्त हो गया था.

अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय महिला कौन है?

भारतीय मूल की अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हुआ था। कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं।

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