अर्ध शुष्क क्षेत्र की विशेषताएं क्या हैं? - ardh shushk kshetr kee visheshataen kya hain?

विषयसूची

  • 1 अर्ध शुष्क क्षेत्र क्या होता है?
  • 2 मरुस्थलीकरण का अर्थ क्या है?
  • 3 शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों में जीवन दुष्कर क्यों हो जाता है?
  • 4 मरुस्थलीकरण का मुख्य कारक कौन सा है?
  • 5 राजस्थान में सर्वाधिक सूर्यताप वाला जिला कौन सा है?
  • 6 राजस्थान में सबसे पहले कौन सा मानसून प्रवेश करता है?
  • 7 राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश कौन से मानसून से होती है?
  • 8 राजस्थान में हवाओं के चलने की दिशा प्राइस क्या होती है?

अर्ध शुष्क क्षेत्र क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंयह शब्द उस क्षेत्र अथवा जलवायु के लिए उपयोग किया जाता है जो न तो पूर्ण रूप से शुष्क हो और न ही पूर्ण आर्द्र हो। इसकी प्रवृत्ति शुष्क गुणों की ओर होती है। इसमें कुछ निश्चित किस्म की फसलों को बिना सिंचाई के उगाया जा सकता है।

मरुस्थलीकरण का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमरुस्थलीकरण जमीन के खराब होकर अनुपजाऊ हो जाने की ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से शुष्क, अर्द्ध-शुष्क और निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों की जमीन रेगिस्तान में बदल जाती है। अतः जमीन की उत्पादन क्षमता में कमी और ह्रास होता है।

अर्ध शुष्क जलवायु वाला जिला कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंधौलपुर, सवाई माधोपुर भरतपुर, कोटा, बूंदी जिले, टोंक का दक्षिणी पूर्वी क्षेत्र चित्तौड़गढ़ का उत्तरी क्षेत्र इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आते हैं।

शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों में जीवन दुष्कर क्यों हो जाता है?

इसे सुनेंरोकेंकम वर्षा व अधिक वाष्पोत्सर्जन एवं वाष्पीकरण के कारण फसलों को विभिन्न अवस्थाओं पर सूखे से जूझना पड़ता है जिससे इन क्षेत्रों की वास्तविक उत्पादकता राष्ट्रीय औसत उत्पादकता से काफी कम होती है। 2. अधिक तापमान व मृदा के रेतीले व वनस्पतिविहीन होने से जैविक पदार्थ की न्यूनता तथा मृदा की कम उर्वरता।

मरुस्थलीकरण का मुख्य कारक कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंमरुस्थलीकरण के प्राथमिक कारणों में अधिक चराई, अधिक खेती, आग में वृद्धि, पानी को घेरे में बन्द करना, वनों की कटाई, भूजल का अत्यधिक इस्तेमाल, मिट्टी में अधिक लवणता का बढ़ जाना और वैश्विक जलवायु परिवर्तन शामिल हैं.

राजस्थान में सर्वाधिक वार्षिक तापांतर वाला जिला कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान में सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर चूरू में पाया जाता है। राजस्थान में न्यूनतम वार्षिक तापान्तर डूंगरपुर में जबकि सर्वाधिक दैनिक तापान्तर जैसलमेर का व न्यूनतम दैनिक तापान्तर बांसवाड़ा का है।

राजस्थान में सर्वाधिक सूर्यताप वाला जिला कौन सा है?

(1) ग्रीष्म ऋतु :

  • गर्म – शुष्क हवाएँ – लू।
  • ये हवाएं यदि चक्रवात के रूप में चलती है तो इन्हें भभूल्या कहते हैं।
  • सबसे गर्म व शुष्क स्थान – फलौदी (जोधपुर)।
  • राजस्थान का सबसे गर्म जिला – चूरू।
  • अब तक का सबसे गर्म वर्ष – 2010 रहा।
  • दैनिक तापान्तर व वार्षिक तापान्तर : दैनिक तापान्तर सर्वाधिक जैसलमेर में है।

राजस्थान में सबसे पहले कौन सा मानसून प्रवेश करता है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है।

राजस्थान में कौन सी जलवायु पाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान की जलवायु शुष्क से उपआद्र मानसूनी है। यहां वर्षा मानसूनी हवाओं से होती है। तापमान की दृष्टि से इसके मरुस्थलीय क्षेत्रों में पर्याप्त विषमता पाई जाती है।

राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश कौन से मानसून से होती है?

इसे सुनेंरोकेंवर्षा राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से होती है तथा दुसरा स्थान बंगाल की खाड़ी का मानसून, तीसरा स्थान अरबसागर के मानसून, अन्तिम स्थान भूमध्यसागर के मानसून का है।

राजस्थान में हवाओं के चलने की दिशा प्राइस क्या होती है?

50 सेमी. वर्षा रेखा राजस्थान को दो भागों में बांटती है।…

  • राजस्थान में जून के महीने में हवाएँ सबसे तेज व नवम्बर के महीने में सबसे हल्की चलती हैं।
  • राज्य में वायु की अधिकतम गति लगभग 140 किमी./घण्टा है।
  • ग्रीष्म ऋतु में गर्म, तेज हवाएँ और आंधियाँ पश्चिमी राजस्थान की विशेषता है।

राजस्थान को कितने जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है?

इसे सुनेंरोकेंव्याख्या:- कोपेन ने राज्य की 4 जलवायु प्रदेशों में बांटा है।

विषयसूची

  • 1 अर्द्ध शुष्क क्षेत्र क्या है?
  • 2 उष्ण आर्द्र जलवायु क्या है?
  • 3 शुष्क कृषि तथा अर्ध कृषि में क्या अंतर है?
  • 4 पंजाब और राजस्थान जैसे अर्ध शुष्क जमीन वाले क्षेत्रों में लोहे के फाल वाले हल का प्रयोग कब शुरू हुआ?
  • 5 चर्चा करें कि राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन कैसे किया जाता है?
  • 6 राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेशों में सिंचाई की कौन सी विधि सबसे अधिक उपयुक्त है?
  • 7 शुष्क कृषि तथा आर्थिक कृषि में क्या अंतर है?

अर्द्ध शुष्क क्षेत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयह शब्द उस क्षेत्र अथवा जलवायु के लिए उपयोग किया जाता है जो न तो पूर्ण रूप से शुष्क हो और न ही पूर्ण आर्द्र हो। इसकी प्रवृत्ति शुष्क गुणों की ओर होती है। इसमें कुछ निश्चित किस्म की फसलों को बिना सिंचाई के उगाया जा सकता है।

उष्ण आर्द्र जलवायु क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआर्द्र उष्ण कटिबंधीय जलवायु, जिसे वर्षावन जलवायु या भूमध्यरेखीय जलवायु के रूप में भी जाना जाता है, की विशेषता उच्च स्तर की आर्द्रता है। इस प्रकार की जलवायु वाले स्थानों में गर्म तापमान और नियमित वर्षा होती है जो सालाना 150 सेंटीमीटर से अधिक होती है.। इसके बावजूद, मौसम कभी शुष्क नहीं होते हैं।

बारानी खेती की मुख्य समस्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअसामान्य वर्षा एवं वर्षा ऋतु में भी, बीच-बीच में लम्बे अन्तराल तक बारिश न होने के कारण सूखे की स्थितियों के कारण खरीफ में असफल फसलोत्पादन इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या है।

शुष्क कृषि तथा अर्ध कृषि में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंशुष्क कृषि की फसल के लिए सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती है। 1. आर्द्र कृषि फसल को अत्याधिक सिंचाई की आवश्यकता होती हैं।

पंजाब और राजस्थान जैसे अर्ध शुष्क जमीन वाले क्षेत्रों में लोहे के फाल वाले हल का प्रयोग कब शुरू हुआ?

इसे सुनेंरोकेंपंजाब और राजस्थान जैसी अर्धशुष्क जमीन वाले क्षेत्रों में लोहे के फाल वाले हल का प्रयोग बीसवीं सदी में शुरू हुआ।

शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों में जीवन दुष्कर क्यों हो जाता है?

इसे सुनेंरोकेंकम वर्षा व अधिक वाष्पोत्सर्जन एवं वाष्पीकरण के कारण फसलों को विभिन्न अवस्थाओं पर सूखे से जूझना पड़ता है जिससे इन क्षेत्रों की वास्तविक उत्पादकता राष्ट्रीय औसत उत्पादकता से काफी कम होती है। 2. अधिक तापमान व मृदा के रेतीले व वनस्पतिविहीन होने से जैविक पदार्थ की न्यूनता तथा मृदा की कम उर्वरता।

चर्चा करें कि राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों , विशेषकर बीकानेर, फलोदी तथा बाड़मेर में लगभग प्रत्येक घर में वर्षा जल संग्रहण के लिए भूमिगत टैंक अथवा टांका बने हुए हैं। इनमें पीने के लिए जल का भंडारण किया जाता है। ये तालाब बहुत बड़े कमरे के आकार के भी हो सकते हैं।

राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेशों में सिंचाई की कौन सी विधि सबसे अधिक उपयुक्त है?

इसे सुनेंरोकेंराजस्थान जैसे शुष्क प्रदेशों में सिंचाई की विकल्प (A) नहर विधि सबसे अधिक उपयुक्त है। Explanation: राजस्थान जैसे राज्य में तकरीबन सब तरह की फसले उगाई जाती है। राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्र में नहर पद्धति से खेती की जाती है ताकि पानी की बचत हो सके।

शुष्क खेती में वार्षिक की वर्षा कितने सेंटीमीटर से कम पाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंशुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क भाग, जहाँ औसत वार्षिक वर्षा 75 सेमी. से कम होती है, वहाँ की जाने वाली खेती शुष्क कृषि कहलाती है।

शुष्क कृषि तथा आर्थिक कृषि में क्या अंतर है?

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