आंखों में पानी आने का क्या कारण है? - aankhon mein paanee aane ka kya kaaran hai?

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ज्यादातर लोगों के आंखों में पानी आने की समस्या होती है. कभी-कभी आंखों में गई धूल-धक्कड़ को बाहर निकालने के लिए भी आंखों में अपने आप पानी आ जाता है. धुआं, प्याज के केमिकल की वजह से भी आंखों में पानी (Watery Eyes) आने लगता है लेकिन कभी-कभी आंखों में पानी आना आंखों की किसी बीमारी से भी जुड़ा हो सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

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आंखों का सूखना- आंखों के सूख जाने से भी ये समस्या होने लगती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर में पानी, तेल और बलगम का सही संतुलन नहीं होता है. इसकी वजह से आंखे सूख जाती हैं और आंखों में आंसू ज्यादा आने लगते हैं.  

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गुलाबी आंखें (Conjunctivitis)- इंफेक्शन, बैक्टीरिया या वायरस की वजह से आंखों में संक्रमण हो सकता है. बच्चों और बड़ों की आंखों में पानी आने का ये सबसे सामान्य कारण है. इसमें एक या दोनों आंखें गुलाबी या लाल हो सकती हैं, जिसकी वजह से आंखों में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है. इन वायरल इंफेक्शन को एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से ठीक किया जा सकता है.
 

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एलर्जी- कफ, नाक बहने के साथ ही आंखों में पानी आना एलर्जी के लक्षण हैं. इस स्थिति में एलर्जी की दवा लेने से आराम  मिल जाता है. ठंड लगने से भी आंखों में पानी आता है लेकिन इस स्थिति में आंखों में खुजली नहीं होती है. 
 

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पलकों की समस्या- पलकें आखों के वाइपर की तरह काम करती हैं. ये आंसू को फैलाकर अतिरिक्त नमी को बहा देती हैं. लेकिन कभी-कभी पलकें अपना काम सही से नहीं कर पाती हैं. किसी-किसी की पलकें अंदर की तरफ मुड़ जाती हैं, इस स्थिति को एक्ट्रोपियन कहते हैं. इसमें पलकें आंखों को पूरी तरह नहीं पोछ पाती हैं और आंखों में आंसू बनते रहते हैं. ये समस्या स्थायी रूप से सर्जरी से ठीक होती है.
 

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कॉर्निया में खरोंच- धूल, धक्कड़ या फिर गंदगी से कभी-कभी आईबॉल में खरोंच आ जाती है. ऐसी स्थिति में आंखों में चोट लगने का एहसास होता, ये लाल हो जाती हैं और रोशनी में ठीक से काम नहीं कर पाती हैं. ऐसी आंखों में लगातार पानी आता रहता है. हालांकि ये एक या दो दिन में अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन गंभीर स्थिति से बचने के लिए डॉक्टर के संपर्क में रहना ठीक होगा.

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आंख की बिलनी- बिलनी होने पर भी आंखों से पानी आता रहता है लेकिन इसके अलावा आंखों में सूजन आ जाती हैं और ये लाल हो जाती हैं. आंखों के बैक्टीरिया कुछ दिनों में जाते हैं  जिसकी वजह से बिलनी को ठीक होने में समय लगता है. हल्के गर्म पानी से आंखों को साफ करने से दर्द में राहत मिलती है और पानी आने की समस्या दूर होती है.

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पलकों की सूजन- पलकों में सूजन आने को ब्लेफेराइटिस (Blepharitis) भी कहते हैं. इस समस्या में आखों में हर समय पानी रहता है, खुजली होती है और आंखों में कीचड़ भी आने लगता है. ये आमतौर पर एलर्जी और इंफेक्शन की वजह से होता है और इलाज कराने पर ये ठीक हो जाता है.

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ऑयल ग्लैंड्स में दिक्कत- पलकों के किनारे पर छोटी ग्रंथियां होती हैं जिन्हें मीबोमियन ग्रंथियां (Meibomian glands) कहा जाता है. ये आंखों में तेल बनाती हैं जिससे आंखें स्वस्थ रहती हैं. ये आंखों को सूखने से रोकते हैं. लेकिन अगर ये ऑयल ग्लैंड्स ब्लॉक हो जाएं तो आंखों में पर्याप्त मात्रा में तेल नहीं बन पाता है जिसकी वजह से आंखों में खुजली होती है और पानी गिरने लगता है. इसे ठीक करने के लिए गर्म पानी से सिंकाई करने से लाभ होगा.

आंखों में पानी आए तो क्या करना चाहिए?

आंखों में पानी आने की परेशानी को कच्चे आलू द्वारा भी कम किया जा सकता है। कच्चे आलू में एस्ट्रिंजेंट होता है, जिससे आंखों में पानी आने की समस्‍या से जल्‍दी राहत मिल सकती है। इस उपाय को करने के लिए आलू की पतली-पतली स्लाइस काटकर कुछ देर फ्रिज में रख दें। इसके बाद इन ठँडी स्लाइस को 15-20 मिनट के लिए अपनी आंखों पर रख लें।

आंखों में पानी आना कौन सी बीमारी है?

आंख से पानी आने का कारण कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) की समस्या हो सकती है। ये परेशानी एक आंख से शुरू होकर दोनों आंखों में हो सकती है। ये समस्या दो तरह की होती है एक एलर्जी और दूसरा वायरल। अगर एलर्जी है तो इसके लिए ड्रॉप्स और ठंडी सिकाई बेहतर रहेगी।

आंख से आंसू निकलने का कारण क्या है?

एक आंसू तो एलर्जी होने पर, कोई इंफेक्शन या कोई दिक्कत होने पर आते हैं. इन इंफेक्शन को वॉटरी आइज कहते हैं और ये आंखों में कोई ना कोई दिक्कत होने की वजह से आंखों से आते हैं. इसके अलावा एक दूसरे के आंसू होते हैं, जो तेज हवा की वजह से मौसम आदि की वजह से आंख में आते हैं.

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