साल 2022 भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है और देश इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। भारत सरकार ने 2022 में कम से कम 17 लक्ष्यों को हासिल करने की समय सीमा निर्धारित की है। लेकिन दुर्भाग्य से इन सभी लक्ष्यों को तय समय सीमा के अंदर हासिल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इनकी प्रगति बेहद धीमी है
By DTE Staff
On: Thursday 02 June 2022
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दो जून 2022 को डाउन टू अर्थ के वार्षिक संस्करण स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2022 जारी होगी। इस रिपोर्ट में पर्यावरण, विकास, अर्थव्यवस्था जैसे मोर्चे पर भारत की वर्तमान स्थिति को आंकड़ों के जरिए समझाया गया है। पहले समझते हैं कि भारत सरकार ने 2022 में कम से कम 17 लक्ष्यों को हासिल करने की समय सीमा निर्धारित की है। 2022 भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है और देश इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। आंकड़ों में समझिए, क्या है हकीकत -
नई दिल्ली, ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। पीएम ने इसे न केवल आजादी के साथ जोड़ा है, बल्कि इसे बहुआयामी भी बनाया है। प्रधानमंत्री के प्रयास से महोत्सव जन--जन तक पहुंचा। केंद्रीय गृह मंत्री शुक्रवार को मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से फिट इंडिया फ्रीडम राइडर बाइक रैली को झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे। ये बाइक सवार 75 दिन में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 18 हजार किलोमीटर की यात्रा करेंगे। साथ ही देश के 75 स्थानों पर आजादी के अमृत महोत्सव का प्रचार करेंगे। 75 मोटरसाइकिलों पर कुल 120 लोग सवार हैं। इनमें 10 महिलाएं भी हैं।
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इस असर पर शाह ने कहा कि 130 करोड़ भारतीय अगर देशभक्ति की भावना का परिचय देते हुए अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। बोले, पीएम ने जब आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की बात देश के सामने रखी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि इसके इतने दूरगामी परिणाम आएंगे। 15 अगस्त को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और द्वारका से लेकर कामाख्या तक पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान के साथ समाज के हर वर्ग का व्यक्ति साथ जुड़ा।
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यह भी पढ़ेंशाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन लक्ष्य हमारे सामने रखे हैं। पहला, नई पीढ़ी, युवाओं, किशोरों और बच्चों को आजादी के लंबे और कड़े संघर्ष से परिचित कराना है। दूसरा लक्ष्य है, 75 वर्ष में देश द्वारा हासिल उपलब्धियों के प्रति गौरव का भाव पैदा करना। तीसरा लक्ष्य है कि जब 2047 में देश आजादी की शताब्दी मनाएगा, उस वक्त के लिए लक्ष्य निर्धारित करके, 75 से 100 साल के बीच के अमृत काल का रास्ता प्रशस्त करना। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की नीतियों के कारण ही आज देश की मजबूत अर्थव्यवस्था विश्व में अपना बखान करा रही है। इस दौरान गृह और खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री निशीथ प्रामाणिक, संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। देश को आजाद कराने के लिए हजारों वीर सपूतों को अपना जीवन खपाना पड़ा। इन्हीं सेनानियों की कुर्बानी को याद करने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है। शनिवार से तीन दिवसीय 'हर घर तिरंगा' अभियान भी शुरू किया गया है। मौजूदा वक्त में देखें तो देश के नाम अनगिनत उपलब्धियां हैं। आज भारत दुनिया की बड़ी ताकतों में गिना जा रहा है। आइए डालते हैं देश की प्रमुख उपलब्धियों पर एक नजर...
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आजादी के बाद भारत ने अपनी सबसे पहली उपलब्धि के रूप में संविधान की रचना की जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। इसके साथ ही अंग्रेजों के जमाने का गवर्मेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट खत्म हुआ।
पंचवर्षीय योजनाओं के जरिए विकास की नींव
आजादी के बाद देश को गरीबी से उबारने की कोशिशें शुरू हुई। देश में तेजी से विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत हुई जो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुईं।
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यह भी पढ़ेंखेती को मजबूती देने के लिए हरित क्रांति
देश में खेती किसानी को मजबूती देने के लिए हरित क्रांति की शुरुआत हुई। इसने देश में खाद्यान संकट को दूर किया। मौजूद वक्त में भारत दुनिया के अग्रणी कृषि पैदावार वाले देशों में शुमार है।
श्वेत क्रांति के जरिए बड़ा मुकाम
देश में डेयरी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए 13 जनवरी, 1970 को श्वेत क्रांति की शुरुआत की गई। दुनिया के इस सबसे अनूठे कार्यक्रम ने दूध उत्पादन के क्षेत्र में भारत को दूग्ध उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचाने का काम किया।
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स्पेस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को अमली-जामा पहनाने के लिए 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का गठन किया गया। आज भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल है। भारत चंद्रमा और मंगल मिशन को अंजाम दे रहा है।
हासिल की परमाणु ताकत
भारत ने आत्मरक्षा को लेकर 18 मई, 1974 को पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया। इसके साथ ही भारत अमेरिका समेत तमाम ताकतवर मुल्कों की नजर में आ गया। 24 साल बाद तमाम अंतरराष्ट्रीय विरोधों को नजरंदाज कर के 11 और 13 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षणों को अंजाम देकर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास करा दिया।
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यह भी पढ़ेंजीएसटी के साथ आर्थिक मजबूती की ओर बढ़े कदम
भारत ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में तेजी से फैसले भी लिए जा रहे हैं। भारत सरकार ने 1 जुलाई, 2017 से जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर के जरिए कर प्रणाली की विसंगतियों को दूर करने का काम किया है।
अनुच्छेद-370 हटाकर देश विरोधी ताकतों को बड़ा संदेश
पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाकर देश विरोधी ताकतों को एक बड़ा संदेश दिया था। इस अनुच्छेद के चलते जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा हुआ करता था। अलगाववादी अनुच्छेद-370 की आड़ लेकर स्थानीय लोगों को गुमराह किया करते थे।
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यह भी पढ़ेंअग्निपथ के जरिए सेना में बदलाव का आगाज
केंद्र सरकार ने हाल ही में तीनों सेनाओं में आमूलचूल बदलाव के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत करके दुनिया की चुनिंदा 'युवा सैन्य शक्तियों' में शुमार होने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। काफी पहले से सैन्य क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव की सिफारिशें की जाती रही हैं।
तेजस के जरिए रक्षा उत्पादन की दिशा में क्रांतिकारी कदम
भारत ने रक्षा उत्पादन की दिशा में क्रांतिकारी कदम बढ़ाए हैं। वायु सेना में शामिल लड़ाकू विमान तेजस को लेकर आज दुनिया में चर्चा है। कई देशों ने इस विमान को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इतना ही नहीं भारत मिसाइलों के निर्माण में दुनिया के चुनिंदा मुल्कों में शुमार है। मौजूदा वक्त में डीआरडीओ भारत की इन्हीं आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद कर रहा है। फिलीपींस समेत कई देशों ने अपने सैन्य विमानों के बेड़े को अपग्रेड करने में भारत के डिफेंस सेक्टर पर भरोसा जताया है।