आइन-ए-अकबरी क्या है ?

आईने अकबरी किताब Aina e Akbari In Hindi: आइने अकबरी- यह अबुल फजल की दूसरी कृति हैं. वास्तव में आइने अकबरी अकबरनामा के ही अंतिम तथा निर्णायक अध्यायों के रूप में हैं. फिर भी उसमें कई नवीन एवं विशिष्ट बातें हैं जो अकबरनामा में नहीं हैं. आइने अकबरी को हम अकबरनामा का परिशिष्ट कह सकते हैं.

ain e akbari Hindi pdf free download aine akbari book in urdu: इस ग्रंथ के भी तीन भाग है. अकबर की शासन प्रणाली की जानकारी की दृष्टि से आइने अकबरी एक मूल्यवान रचना हैं. इसके महत्व की चर्चा करते हुए डॉ परमात्माशरण ने लिखा हैं कि उस समय की राजनीतिक संस्थाओं के सम्बन्ध में आइने अकबरी आज भी हमारा अप्रितम स्रोत हैं.

आईन विभिन्न विषयों जैसे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक आदि के संचालन पर पर्याप्त प्रकाश नहीं डाला गया हैं और न उसमें शासन के विभिन्न विभागों और शाखाओं के सम्बन्ध में पर्याप्त सूचनाएं दी गई हैं.

आइने अकबरी के तीसरे भाग में हिन्दू सभ्यता और हिन्दू दर्शन का भी वर्णन हैं. इसके साथ अकबर की कुछ सूक्तियां भी हैं. और अबुल फजल के वंश का वर्णन भी जोड़ दिया गया हैं. संक्षेप में आइने अकबरी एक प्रकार से अकबर के शासन के विभिन्न अंगों का विस्तृत ब्यौरा हैं.

आइन ए अकबरी का अर्थ होता है अकबर का संस्थान होता हैं. 16 वीं सदी की यह किताब फारसी भाषा में रची गई. आधुनिक काल में इसका अंग्रेजी हिंदी तथा उर्दू में अनुवाद किया जा चुका हैं. पांच खंडों में विभक्त आइन अकबरी का पहला भाग अकबर के दरबार का चित्रण तथा सम्राट की प्रशस्ति में लिखा गया हैं.

दूसरे भाग में राज्यकर्मचारी, सैनिक तथा नागरिक (सिविल) पद, वैवाहिक तथा शिक्षा संबंधी नियम, विविध मनोविनोद तथा राजदरबार के आश्रित प्रमुख साहित्यकार और संगीतज्ञ के बारे में लिखा हैं तीसरा भाग आकड़ों और सांख्यिकी से जुड़ा हैं जिसमें विभिन्न विभागों के तत्कालीन आकडे दिए हैं. चौथा भाग बहुसंख्यक हिन्दू आबादी के धर्म, दर्शन, विश्वास साहित्य तथा विज्ञान के बारे में लिखा हैं जबकि अंतिम व पांचवे अध्याय में अकबर के दीन व उनके सुभाष्य का संकलन हैं.

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आईने अकबरी क्या है?

इसका निर्माण भारत देश में फारसी भाषा में अकबर के दरबारी कवि अबुल फजल के द्वारा किया गया था। इस प्रकार से यह अकबरनामा का ही एक भाग है।  अकबर के दरबारी कवि अबुल फजल के द्वारा निर्मित यह ग्रंथ हमारे भारत देश के परिचय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

अबुल फजल के द्वारा आईने अकबरी ग्रंथ को लगभग हिजरी 1006 में खत्म कर दिया गया था। अबुल फजल ने इस ग्रंथ में एक सुबे, जिला और परगना के भी बेहतरीन आंकड़े दिए थे।

इसमें अकबर के शासन काल के दरमियान राज्य व्यवस्था, जीवन समाज, संस्कृति इत्यादि के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारियां हमें पढ़ने को मिलती है। अबुल फजल के द्वारा रचित आईने अकबरी के द्वारा ही हम अकबर के शासन काल के इतिहास और उसके जनजीवन के बारे में इतनी अधिक बातें प्राप्त कर पाते हैं।

जब अंग्रेज हमारे भारत में आए तब उन्हें अपने गजेटियर को तैयार करने में अबुल फजल के द्वारा निर्मित आईने अकबरी से काफी सहायता प्राप्त हुई थी।

आईने अकबरी किसका भाग है

आईने अकबरी को अकबरनामा का ही भाग कहा जाता है। अकबरनामा में टोटल 3 भाग है जिनमें जो तीसरा भाग है उसे आईने अकबरी कहा जाता है। आईने अकबरी में भी टोटल 5 भाग है।

अबुल फजल के द्वारा अकबरनामा ग्रंथ में अकबर के साथ ही साथ उसकी संतान और अकबर के शासन काल तथा अकबर के जीवन काल के बारे में सारी जानकारी बड़े ही विस्तार से दी गई है। यहां तक कि अकबर के पोते के बारे में भी बताया गया है। हालांकि एक बात है कि अबुल फजल की भाषा कहीं थोड़ी ज्यादा ही अतिशयोक्ति वाली हो गई है जिसकी वजह से यह ग्रंथ काफी बड़ा बन गया है।

इस ग्रंथ का टोटल पांच बार संशोधन किया गया है और साल 1598 में यह ग्रंथ संपूर्ण तौर पर बन करके तैयार हुआ। आईने अकबरी ग्रंथ को मुगल शासक अकबर के समय के सामाजिक और आर्थिक इतिहास के अध्ययन के लिए बहुत ही प्रमाणिक ग्रंथ माना जाता है।

आईने अकबरी किताब में क्या है?

आईने अकबरी किताब में भारत की कई महत्वपूर्ण बातों का वर्णन किया गया है। जैसे कि इसमें यह बताया गया है कि भारत के ऐतिहासिक स्थल कौन से हैं, भारत के प्रसिद्ध स्थान कौन से हैं, भारत की प्रमुख नदियां, नहर, नाले कौन से हैं और वह कहां से निकलती है। 

इसके अलावा उन से क्या लाभ होता है और कहां क्या खतरा है साथ ही भारत की सेना, अमीरों की सूची, नौकरो के भेद,दरबारी विद्वानों की सूची, आलिम और गुनी, संगीतकार, साधु तपस्या करने वाले और मंदिर तथा मजारों का विवरण इत्यादि बातें आईने अकबरी ग्रंथ में है।

यह भी पढ़े-

  • मुन्तखाब उत तवारीख
  • तबकाते अकबरी
  • तुजुक ए जहाँगीरी या जहाँगीर नामा
  • तारीखे दाउदी
  • तारीखे फिरोजशाही
  • खजाइन उल फुतूह

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अकबरनामा और आइन ए अकबरी में क्या अंतर है?

अकबरनामा तीन पुस्तकों में विभाजित है: पहली पुस्तक अकबर के पूर्वजों से संबंधित है। दूसरी ने अकबर के शासनकाल की घटनाओं को दर्ज किया। तीसरी है आइन--अकबरी। यह अकबर के प्रशासन, सेना, राजस्व, गृहस्थी और उसके साम्राज्य के भूगोल से संबंधित है

आइन ए अकबरी का अंग्रेजी में अनुवाद किसने किया?

आईन--अकबरी का मूल फारसी से अंग्रेजी में एच॰ ब्लॉकमैन एवं कर्नल एच॰एस॰ जैरट ने अनुवाद किया था और इसी रूप में वह दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

तारीख ए अकबरी क्या है?

तारीख़--अकबरी ऐतिहासिक पुस्तक है, जिसकी रचना मुग़ल काल में हुई। इस पुस्तक की रचना आरिफ़ कंधारी ने की थी। मुग़ल काल की इस पुस्तक में अकबर के सुधारों की चर्चा तथा उसकी प्रशंसा की गई है।

आई ए अकबरी कितने भागों में विभक्त है?

अबुल फजल ने अकबर के शासनकाल का तीन खंडों का इतिहास लिखा, जिसका शीर्षक अकबरनामा था। प्रथम खंड अकबर के पूर्वजों से संबंधित है, जबकि द्वितीय खंड में अकबर के शासनकाल का वर्णन किया गया है। आइन-ए अकबरी तृतीय खंड है।

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