26 जनवरी 1931 के दिन को अमर दिन क्यों कहा गया? - 26 janavaree 1931 ke din ko amar din kyon kaha gaya?

नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए -
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
'विद्या' शब्द का अंतिम स्वर 'आ' और दूसरे शब्द 'अर्थी' की प्रथम स्वर ध्यनि 'अ' जब मिलते हैं तो वे मिलकर दीर्घ स्वर 'आ' में बदल जाते हैं। यह स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।
संधि शब्द का अर्थ है - जोड़ना। जब दो शब्द पास-पास आते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस प्रक्रिया को संधि कहते हैं। संधि तीन प्रकार की होती है - स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। जब संधि युक्त पदों को अलग- अलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं; जैसे - विद्यालय - विद्या +आलय
नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए -
1. श्रद्धा + आनंद = ................
2. प्रति + एक  = ..................
3. पुरुष + उत्तम= .................
4. झंडा + उत्सव = .................
5. पुन: + आवृत्ति =...................
6. ज्योति: + मय = ....................

1. श्रद्धा + आनंद =श्रद्धानंद
2. प्रति + एक = प्रत्येक
3. पुरुष + उत्तम =पुरुषोत्तम
4. झंडा + उत्सव =झंडोत्सव
5. पुन: + आवृत्ति =पुनरावृत्ति
6. ज्योति: + मय =ज्योतिमय

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रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार होते हैं-
सरल वाक्य- सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है।
उदाहरण - लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।
संयुक्त वाक्य- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है।
योजक शब्द - और, परंतु, इसलिए आदि।
उदाहरण - मोनूमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी।
मिश्र वाक्य- वह वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र वाक्य कहलाता है।
उदाहरण - जब अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उनको पकड लिया?
निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए
I. (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया।
   (ख) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।
  (ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।
II. 'बड़े भाई साहब' पाठ में से भी दो-दो सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए।

I. क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार जाकर गिरफ्तार हो गया।
  ख) हज़ारों आदमियों की भीड़ होने पर लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।
  ग) सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।
 

II.
सरल वाक्य − (क) वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे।
(ख) उनकी रचनाओं को समझना छोटे मुँह बड़ी बात है।

संयुक्त वाक्य−1. उनकी नज़र मेरी ओर उठी और प्राण निकल गए।
                2. मुद्रा कांतिहीन हो गई थी, मगर बेचारे फेल हो गए।

मिश्र वाक्य − (क) मैंने बहुत चेष्टा की कि इस पहेली का कोई अर्थ निकालूँ लेकिन असफल रहा।
              (ख) मैं कह देता कि मुझे अपना अपराध स्वीकार है।

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निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार किया गया है।
(क)  1. कई मकान सजाए गए थे।
       2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।
(ख)  1. बड़े बाजार के प्राय : मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।
       2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।
       3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।
(ग) 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।
     2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।

(क) 1. कई मकान सजाए गए थे।
     2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।

(ख) 1. बड़े बाजार के प्राय: मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।
      2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।
      3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।

(ग) 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।
     2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।

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लेखक ने 26 जनवरी के दिन को अमर क्यों कहा है?

लोग सामने आए जो इस महासंग्राम में अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर थे। 26 जनवरी 1930 को गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। यह सिलसिला आगे भी जारी रहा। आज़ादी के ढाई साल बाद, 1950 में यही दिन हमारे अपने गणतंत्र के लागू होने का दिन भी बना ।

26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या क्या तैयारियाँ?

Solution : 26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए काफी तैयारियाँ की गई, कार्यकर्ताओं को उनका कार्य घर-घर जाकर समझाया गया। लोगों द्वारा अपने घरों को खूब सजाया गया। मकानों, बाजारों आदि में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तैयारी की गई। कलकत्ता के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए।

26 जनवरी 1931 के दिन का इतिहास में क्या महत्व है?

एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि आज जो बात थी वह निराली थी?

आज का दिन निराला इसलिए था क्योंकि स्वतंत्रता दिवस मनाने की प्रथम आवृत्ति थी। पुलिस ने सभा करने को गैरकानूनी कहा था किंतु सुभाष बाबू के आह्वान पर पूरे कलकत्ता में अनेक संगठनों के माध्यम से जुलूस व सभाओं की जोशीली तैयारी थी

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