2014 में डॉलर की कीमत क्या थी - 2014 mein dolar kee keemat kya thee

नई दिल्ली
नई सरकार के असर में रुपया 11 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। यह 2014 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एशिया-पसिफिक रीजन में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली करंसी बन गई है।

इस साल अब तक 5.3 फीसदी की बढ़त के साथ रुपए ने इंडोनेशिया के रुपए और न्यू जीलैंड के डॉलर समेत एशिया-पसिफिक की सभी मुद्राओं को पीछे छोड़ दिया है। पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 58.52 रुपए पर बंद हुआ।

2014 की शुरुआत में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 61.8 रुपए पर थी। पिछले 6 महीने से कम में यह 327 पैसे मजबूत हो चुका है, जिसके कई कारणों में विदेशी मुद्रा का आना भी शामिल है। पिछले साल अगस्त में इसके अपने सबसे निचले स्तर 68.80 पर पहुंचने के बाद यह बड़ी घटना है।

कोटक महिंद्रा के चीफ इकॉनमिस्ट इंद्रनील एक रिपोर्ट में कहते हैं, '...चुनाव के नतीजों से आए पॉजिटिव सेंटिमेंट्स की वजह से हम अपना एफआईआई फ्लो 5 अरब डॉलर बढ़ाकर 20 अरब डॉलर कर सके। इससे पूरा बैलंस ऑफ पेमेंट 29 अरब डॉलर सरप्लस हो चुका है। हमें फाइनैंशल इयर 2015 में डॉलर के मुकाबले रुपए के 57-61 के बीच रहने की उम्मीद है।'

अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। नरेंद्र मोदी सोमवार को शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि बीजेपी के अकेले बहुमत में आने की वजह से बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार होंगे, जिसका असर बाजार पर अभी से दिखने लगा है।

एशिया-पसिफिक में डॉलर के मुकाबले रुपए के बाद सबसे ज्यादा मजबूत इंडोनेशिया का रुपया (4.6 फीसदी), न्यू जीलैंड का डॉलर (3.75 फीसदी) और ऑस्ट्रेलिया का डॉलर (3.5 फीसदी) हैं।

येन (जापान), वोन (साउथ कोरिया) और रिंग्गिट (मलयेशिया) की मुद्राएं इस साल अब तक 2-3 फीसदी मजबूती हासिल कर पाई हैं।

डॉलर के मुकाबले फिलिपींस का पेसो 1.6 फीसदी चढ़ा है। थाइलैंड और सिंगापुर की मुद्राएं 0.5 फीसदी मजबूत हुी हैं। हांगकांग के डॉलर में बदलाव न के बराबर हुआ है, जबकि ताइवार और चीन की मुद्राएं गिरी हैं।

हालांकि कुछ ऐनालिस्ट्स को आशंका है कि इतनी मजबूती के बाद रुपए में फिर से कुछ गिरावट देखी जा सकती है।

आईसीआईसीआई बैंक ट्रेज़री रिसर्च ग्रुप ने कहा है, 'डॉलर के मुकाबले रुपए के वर्तमान स्तर में कुछ गिरावट की संभावना है। हमारा मानना है कि डॉलर के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में रुपया 60 के आस-पास रहेगा। हमें उम्मीद है कि यह येन और स्विस फ्रैंक के मुकाबले मजबूत होगा।'

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

2014 में डॉलर की कीमत कितनी थी?

वित्त मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि 2014 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, विनिमय दर 63.33 रुपये प्रति डॉलर थी.

2013 में $1 कितने रुपए का था?

साल 2013 में रुपये की वैल्यू में अचानक से बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसकी वजह आयात के लिए डॉलर की डिमांड का बढ़ना और FII का भारतीय बाजारों से पैसा खींचना रहा. तब रुपया कुछ ही दिन में 55.48 रुपये प्रति डॉलर से घटकर 57.07 रुपये पर आ गया.

1947 में डॉलर की कीमत क्या थी?

रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि आज रुपया लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। पहली बार एक डॉलर की कीमत 4.76 रुपए: भारत को जब 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।

15 अगस्त 1947 को डॉलर और रुपये की विनिमय दर क्या थी?

- वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब भारत में एक डॉलर की कीमत 4.16 रुपये तक थी

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग