2014 की शुरुआत में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 61.8 रुपए पर थी। पिछले 6 महीने से कम में यह 327 पैसे मजबूत हो चुका है, जिसके कई कारणों में विदेशी मुद्रा का आना भी शामिल है। पिछले साल अगस्त में इसके अपने सबसे निचले स्तर 68.80 पर पहुंचने के बाद यह बड़ी घटना है। कोटक महिंद्रा के चीफ इकॉनमिस्ट इंद्रनील एक रिपोर्ट में कहते हैं, '...चुनाव के नतीजों से आए पॉजिटिव सेंटिमेंट्स की वजह से हम अपना एफआईआई फ्लो 5 अरब डॉलर
बढ़ाकर 20 अरब डॉलर कर सके। इससे पूरा बैलंस ऑफ पेमेंट 29 अरब डॉलर सरप्लस हो चुका है। हमें फाइनैंशल इयर 2015 में डॉलर के मुकाबले रुपए के 57-61 के बीच रहने की उम्मीद है।' अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। नरेंद्र मोदी
सोमवार को शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि बीजेपी के अकेले बहुमत में आने की वजह से बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार होंगे, जिसका असर बाजार पर अभी से दिखने लगा है।
नई सरकार के असर में रुपया 11 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। यह 2014 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एशिया-पसिफिक रीजन में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली करंसी बन गई है।
इस साल अब तक 5.3 फीसदी की बढ़त के साथ रुपए ने इंडोनेशिया के रुपए और न्यू जीलैंड के डॉलर समेत एशिया-पसिफिक की सभी मुद्राओं को पीछे छोड़ दिया है। पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार को अमेरिकी
डॉलर के मुकाबले रुपया 58.52 रुपए पर बंद हुआ।
एशिया-पसिफिक में डॉलर के मुकाबले रुपए के बाद सबसे ज्यादा मजबूत इंडोनेशिया का रुपया (4.6 फीसदी), न्यू जीलैंड का डॉलर (3.75 फीसदी) और ऑस्ट्रेलिया का डॉलर (3.5 फीसदी) हैं।
येन (जापान), वोन (साउथ कोरिया) और रिंग्गिट (मलयेशिया) की मुद्राएं इस साल अब तक 2-3 फीसदी मजबूती हासिल कर पाई हैं।
डॉलर के मुकाबले फिलिपींस का पेसो 1.6 फीसदी चढ़ा है। थाइलैंड और सिंगापुर की मुद्राएं 0.5 फीसदी मजबूत हुी हैं। हांगकांग के डॉलर में बदलाव न के बराबर हुआ है, जबकि ताइवार और चीन की मुद्राएं गिरी हैं।
हालांकि कुछ ऐनालिस्ट्स को आशंका है कि इतनी मजबूती के बाद रुपए में फिर से कुछ गिरावट देखी जा सकती है।
आईसीआईसीआई बैंक ट्रेज़री रिसर्च ग्रुप ने कहा है, 'डॉलर के मुकाबले रुपए के वर्तमान स्तर में कुछ गिरावट की संभावना है। हमारा मानना है कि डॉलर के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में रुपया 60 के आस-पास रहेगा। हमें उम्मीद है कि यह येन और स्विस फ्रैंक के मुकाबले मजबूत होगा।'
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