हिंदी न्यूज़अब 50 साल की उम्र में भी मां बनना मुश्किल नहीं
आज कॅरियर और जिंदगी की भागदौड़ में उलझी महिलाएं परिवार शुरू करने में थोड़ा ज्यादा समय लेती हैं। कई बार उनकी उम्र उस दहलीज पर पहुंच जाती है, बायोलॉजिकली जहां मां बनने में मुश्किल होती है। मगर मेडिकल...
Aparajitaएजेंसी,नई दिल्ली Sun, 23 Sep 2018 12:01 PM
आज कॅरियर और जिंदगी की भागदौड़ में उलझी महिलाएं परिवार शुरू करने में थोड़ा ज्यादा समय लेती हैं। कई बार उनकी उम्र उस दहलीज पर पहुंच जाती है, बायोलॉजिकली जहां मां बनने में मुश्किल होती है। मगर मेडिकल साइंस ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि महिलाओं के अधिक उम्र में मां बनना मुश्किल नहीं है। 50 साल महिलाओं के लिए एक ऐसी उम्र है जब ज्यादातर महिलाओं का मेनॉपॉज शुरू हो जाता है और अंडाशयों द्वारा हार्मोन का उत्पादन बंद हो जाता है। ऐसे में मां बनना नामुमकिन समझा जाता है। मगर साइंस और टेक्नोलॉजी ने इस समस्या का भी हल ढूंढ़ निकाला है। अब 50 की उम्र में मां बनना मुश्किल नहीं रह गया है।
एक ओर मेडिकल साइंस में तरक्की ने कॅरियर पर ध्यान देने वाली, स्वतंत्र महिलाओं को यह विकल्प दिया है कि वे गर्भावस्था को देरी से प्लान कर सकती हैं। वहीं, दूसरी ओर उन महिलाओं के लिए भी संभावनाएं उत्पन्न की हैं जो बढ़ती उम्र में दूसरा या तीसरा बच्चा चाहती हैं। ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्होंने देर से शादी की हो, या जो दूसरी शादी से बच्चा चाहती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो दूसरा बच्चा प्लान करने के बारे में सोच रही हैं, लेकिन लंबे ब्रेक के बाद यानी लेट प्रेगनेंसी प्लानिंग।
बड़ी उम्र में मां बनने पर रिस्क
दिल्ली के फॉर्टिस लाफेम की ऑब्स्टेट्रिक्स और गाइनोकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ कुसुम साहनी का कहना है कि अगर आप 30 साल की उम्र के आसपास बच्चे को जन्म देने की प्लानिंग करती हैं तो प्रेग्नेंसी की संभावना अधिक होती है। हालांकि बड़ी संख्या में महिलाएं अब बड़ी उम्र में भी प्रेग्नेंट हो रही हैं। 40 या 50 साल की उम्र में मां बनना मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं।
हालांकि डॉ साहनी कहती हैं कि अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबीटीज, हाइपरटेंशन, होने वाले बच्चे में डाउन्स सिंड्रोम, समय से पहले डिलिवरी और स्टिल बर्थ जैसे कई रिस्क शामिल होते हैं। अधिक उम्र में 3 तरीकों से कर सकती हैं गर्भधारण। हालांकि इनके अपने-अपने सीमाएं और सफलता की दर है।
गर्भधारण के 3 तरीके
- प्राकृतिक रूप से गर्भधारण
- आईवीएफ तकनीक में खुद के अंडों का इस्तेमाल
- आईवीएफ तकनीक में डोनर की मदद से
उम्र पर निर्भर करती है फर्टिलिटी
इसमें कोई शक नहीं कि फर्टिलिटी की क्षमता उम्र पर निर्भर करती है। महिला की उम्र जितनी अधिक होगी उसके प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की संभावना उतनी ही घट जाएगी। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती जाती है उसके शरीर में मौजूद स्वस्थ अंडों की संख्या घटती जाती है और यही वजह है
कि उसके प्रेग्नेंट होने की संभावना भी कम होती जाती है।
एक महिला जन्म के समय सभी अंडाणु के साथ पैदा होती है। 30 साल की उम्र पार कर चुकी महिलाओं में स्वस्थ अंडाणुओं की संभावनाएं कम होती हैं। इससे उनके गर्भवती होने की संभवाना भी कम हो जाती है। इसलिए, विसंगतियों वाले बच्चे होने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। आंकड़ों की बात करें तो 20 की उम्र के दौर में जेनेटिक डिसऑर्डर के साथ पैदा होने वाले बच्चों की संभावना 2500 में एक होती है, जबकि 40 की उम्र में यह संभावना 350 में एक हो जाती है।
डोनर
की मदद से
50 साल की उम्र में ज्यादातर महिलाओं की रजानिवृत्ति शुरू हो जाती है। ऐसे में उनका मां बनना लगभग असंभव हो जाता है। वह अपने ही अंडों से गर्भधारण करने की कोशिश करने के बजाय किसी डोनर की सहायता से आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल कर सकती हैं। सबसे अहम बात यह है कि महिला को पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए ताकि प्रेग्नेंसी से जुड़े रिस्क को कम किया जा सके और स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सके।
अपने अंडाणु का इस्तेमाल कर के
गुरुग्राम स्थित कोलंबिया एशिया
अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग कंसल्टेंट डॉ. रितु सेठी ने बताया कि, अपने अंडाणु से गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अंडाशय से प्राप्त परिपक्व अंडे के उर्वरता की जटिल प्रक्रिया है। इनफार्टिलिटी कई कारकों जैसे फेलोपियन ट्यूब में क्षति या अवरोध होना, एंडोमीट्रिओसिस, शुक्राणु गतिशीलता में कमी आना और ओवुलेशन में गड़बड़ी की वजह से हो सकती है। ओवरी से अण्डे के बाहर आने की क्रिया को ओवुलेशन कहते हैं। बढ़ती उम्र में अपने अंडे का उपयोग कर गर्भ धारण करने का सफलता दर काफी कम है। हालांकि, अगर किसी
ने कम उम्र में एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया कर ली है, तो उन्हें फर्टाइल करने के लिए क्लीनिकों की सहमति की संभावना अधिक होती हैं।
अंडदान के क्षेत्र में हाल के वर्षों में हुए तकनीकी विकास के कारण पचास वर्ष से अधिक की महिलाओं के लिए अब गर्भधारण ज्यादा संभव हो पाया है। आमतौर पर एक महिला के गर्भधारण की क्षमता उसके मासिक धर्म के समाप्त होते ही खत्म मानी जाती है, जिसे बारह महीने तक लगातार मासिक धर्म के नहीं होने के तौर पर परिभाषित किया जाता है।
रजोनिवृति अवस्था में मासिक धर्म चक्र के अनियमित हो जाता है और अंत में यह पूरी तरह बंद हो जाता है, लेकिन इस अवस्था में भी अगर मासिक धर्म नियमित होता है तो अंडे की गुणवत्ता आम तौर पर चालीस वर्ष की महिलाओं में युवतियों की तुलना में कम हो जाती है, जिससे कि स्वस्थ बच्चा पैदा करने की संभावना भी 42 वर्ष की महिलाओं में कम हो जाती है। इसके विपरीत पुरूषों में आमतौर पर आजीवन इसके लिए जरूरी शारीरिक क्षमता बनी रहती है, हालांकि पैत्रिक दोष की वजह से ज्यादा उम्र के पुरूषों से पैदा हुए बच्चों में आनुवांशिक विसंगतियां आमतौर पर देखी जाती है। पुरषों में इससे जुड़े परिवर्तन 30 साल के बाद होने शुरू होते हैं। [1]
संयुक्त राज्य अमेरिका में 1997 और 1999 के बीच पचास वर्ष से अधिक की महिलाओं ने 539 बच्चों को जन्म दिया(चार बच्चा प्रति एक लाख पर), इसमें से 194 बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं की उम्र 55 वर्ष से अधिक थी। [2][3]
आज की तारीख तक गर्भ धारण करने वाली सबसे वृद्ध महिला की उम्र 71 साल और सबसे कम की उम्र 5 साल है। मानव निषेचन एवं भ्रूण विज्ञान प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार अंडदान की मदद से इन-विट्रो फर्टीलाइजेशन के द्वारा ब्रिटेन में प्रति वर्ष बीस से अधिक बच्चों को पचास वर्ष से अधिक की महिलाओं ने जन्म दिया है।
मारिया डेल कार्मेन बौसाडा दे लारा 66 साल, 358 दिन की सबसे वृद्ध प्रमाणित माता है, जिन्होंने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया। वह एड्रियाना इलेस्क्यू से 130 दिन बड़ी हैं जिन्होंने 2005 में एक बच्ची को जन्म दिया था। इन दोनों मामलों में गर्भधारण आईवीएफ के जरिये अंडदान से किया गया था। प्राकृतिक रूप से बच्चा पैदा करने वाली सबसे अधिक उम्र की प्रमाणित महिला ब्रिटेन की डाउन ब्रुक्स है जिनका नाम गिनीज बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। इन्होंने 1997 में 59 साल की उम्र में एस्ट्रोजेन की सहायता से पुत्र को जन्म दिया।
चिकित्सा विचार[संपादित करें]
माता की उम्र बढ़ने के साथ ही गर्भधारण में होने वाले जोखिम भी बढ़ने लगता है। पचास साल की उम्र में बच्चे को जन्म देने से होने वाले दुष्प्रभावों में गर्भावधि मधुमेह, गर्भपात, अकाल प्रसव, असाधारण प्रसव, गर्भनाल में संक्रमण मुख्य रूप से शामिल है। 20 से 29 वर्ष की महिलाओं की तुलना में, 50 से अधिक वर्ष की महिलाओं में औसत से कम वजन के बच्चे का पैदा होना, अकाल जन्म और अत्यन्त अपरिपक्व बच्चे के जन्म की संभावना तिगूनी होती है वहीं अत्यन्त कम वजन के बच्चे के पैदा होने और भ्रूण मृत्यु की संभावना दुगूनी होती है। [3]
50 साल से ऊपर गर्भधारण के मामले[संपादित करें]
इस उम्र में गर्भधारण की अवधारणा के बारे में तथ्यों के निर्धारण में कठिनाई आ सकती है लेकिन अंडदान के साथ आईवीएफ के उपयोग के कारण लगभग हमेशा ऐसा होता है।
१८९९ | जार्जिया बिटजिस पुले | ५० उम्र | उनके पति | प्राकृतिक प्रसव | अमेरिका | जार्जिया बिटजिस पुले पहली यूनानी महिला थीं जोकि शिकागो में जाकर बसीं। इलिनॉइस ने 1899 में पचास वर्ष की आयु में अपने अंतिम बच्चे को प्राकृतिक तरीके से जन्म दिया[4]. |
१९६० | मसेज एल. | ५० उम्र | उनके पति | प्राकृतिक प्रसव | यूक्रेन | विज्ञान और तकनीक की दुनिया में मेटसेंको जी.ओ. की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व हिस्से के टर्नोपिल ओबलास्ट के पिडवोलोच्यिस्क की रहने वाली श्रीमती एल. पचास वर्ष की उम्र में मां बनकर खुश हैं। यह विवरण यूक्रेन के रिकॉर्ड बुक के पृष्ठ संख्यां 18 में दर्ज किया गया है[5] |
२०१४ | मारिया चियारा | ५६ उम्र | उनके पति | प्राकृतिक प्रसव | इटली | मारिया चियारा, छप्पन वर्षीय महिला, डॉ पंकज नरम उपचार के बाद इटली में एक बच्चे को जन्म दिया।[6] |
अगस्त, २०१० | एगी एजेकिल | ५० उम्र | उनके दामाद विल्सन ब्राऊन (सरोगेट से गर्भधारण) | आईवीएफ रजोनिवृति के बाद | कनाडा | एलवर्टा के एडमेन्टन की एगी एजकिल को अपने पति जॉनी एजकिल से तीन पुत्रियां हैं, जो अब वयस्क हो चुकीं हैं। अगस्त, 2010 में पचास वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पोती क्लारे को जन्म दिया। वह बिना गर्भाशय के पैदा हुई अपनी 28 वर्षीय पुत्री टीना, जिसका एक अंडाशय 21 वर्ष की आयु में निकाला गया, एगी उसकी सरोगेट मां बनी। एगी दो वर्षों से रजोनिवृति की अवस्था में थी और वह प्रसव धारण करने में असमर्थ थी, इस कारण उसे अपने उर्वर के लिए जरूरी हार्मोन की जरूरत थी ताकि उसकी मासिक धर्म की जरूरत पूरी हो सके और वह अपनी बेटी के पति विल्सन ब्राऊन के वीर्य से बच्चे पैदा कर सके। [7] |
२०१६ | जेनेट जैक्सन | ५० उम्र | उनके पति | प्राकृतिक प्रसव | अमेरिका | डॉ कैथरीन डुगरते उपचार के बाद, जेनेट जैक्सन ने अमेरिका में एक बच्चे को जन्म दिया।[8] |
२००८ | राजो देवी लोहान | ७० उम्र | उनके पति | IVF | भारत | राजो देवी लोहान ने एक बेटी, नवीन को जन्म दिया।[9] |
२०१५ | पूंजीबेन रणछोड़ पटेल | ६० उम्र | उनके पति | IVF | भारत | गुजरात के कच्छ जिले में डॉ मेहुल दमानी उपचार के बाद, पूंजीबेन रणछोड़ पटेल ने एक बेटे को जन्म दिया।[10] |
२०१६ | दलजिंदर कौर | ७० उम्र | उनके पति | IVF | भारत | राष्ट्रीय फरटिलिटी और टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के बाद, दलजिंदर कौर ने एक बेटे को जन्म दिया।[11] |
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जनवरी 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.