10 के सिक्के कब चले थे? - 10 ke sikke kab chale the?

जानें देश के सिक्कों का इतिहास, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा को 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया.

5 पैसाः 1957-1994 के बीच 5 पैसे का सिक्का ढाला जाता रहा और 2011 में इन्हें चलने से बैन कर दिया गया.

भारत 1947 में आजाद हुआ था लेकिन ब्रिटिश सिक्के 1950 तक देश में चलन में थे. भारत का पहला रुपये का सिक्का 1950 में ढाला गया था.

8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान क्या किया, देश की तस्वीर ही कुछ और दिख रही है. देश में हर जगह लाइनों में लगे लोग बैंकों और एटीएम से अपने कैश की जरूरतों को पूरा करने के लिए इंतजार करते देखे गए. जाहिर तौर पर बड़े नोटों को बंद करने का ये ऐलान बेहद खास था लेकिन करेंसी के नजरिए से देखें तो भारत में पहले भी कई तरह के नोट और सिक्कों का चलन बंद कर दिया गया है. कई पुराने सिक्कों का चलन बंद होने के बाद ये सिक्के इतिहास का हिस्सा बन गए और आज इन्हीं के बारे में हम आपके बताएंगे. देखें सारी तस्वीरें आगे...

50 पैसाः साल 1960 से लेकर आज तक ये सिक्का ढाला जा रहा है. हालांकि आधिकारिक तौर पर ये सिक्का चलन से बाहर नहीं किया गया है लेकिन आजकल शायद ही कोई 50 पैसे का सिक्का लेने के लिए राजी होता हो.

25 पैसाः 1957-2002 के बीच ये सिक्के ढाले जाते रहे और तत्कालीन यूपीए सरकार ने 25 पैसा या चवन्नी को बंद करने का ऐलान कर इसे आधिकारिक तौर पर लेन-देन के लिए अमान्य घोषित कर दिया.

20 पैसाः 1968-1994 के बीच ये सिक्के छपते रहे और 2011 में इन्हें बैन किया गया.

10 पैसाः 1957-1998 के बीच 10 पैसे का सिक्का ढाला जाता रहा और इन्हें भी साल 2011 में चलने से बाहर कर दिया गया.

3 पैसा 1964-1972 के बीच ये सिक्के ढाले गए और साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया.

आधा आनाः 2 पैसा या आधा आना 1957-1979 के बीच ढाले गए. साल 2011 में इन्हें भी चलन से बाहर कर दिया गया.

1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे.

2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये का सिक्का आज भी लेने-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 2 रुपये का सिक्का 1982 से चलन में आया और 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था. इसके अलावा साल 2006 से सरकार ने 10 रुपये का सिक्का भी देश में जारी कर दिया. हाल में ही 10 रुपये के सिक्कों को लेकर कुछ अफवाहें भी बाजार में थीं कि 10 के सिक्के नकली हैं. स्त्रोतःविकीपीडिया

कुछ समय तक भारत में आना सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. आना सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे.

1 रुपयाः 1962 से चलन में आया ये सिक्का आज भी चलता है. हालांकि इसके अलग-अलग रूप सामने आते रहते हैं.

1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था और 1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था.

1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे और ढाले गए. इन्हें 2011 में डीमॉनेटाइज कर दिया गया यानी इन पर बैन लगा दिया गया.

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10 का सिक्का कब से चालू हुआ?

10 रुपये के सिक्के को साल 2016 में जून में श्रीमद रामचंद्र की 150वीं जयंती के मौके पर जारी किया गया था.

10 के सिक्के कितने प्रकार के होते हैं?

रिजर्व बैंक का कहना है कि देश में 10 रुपए कीमत के 14 प्रकार के सिक्के प्रचलित हैं.

सबसे प्राचीन सिक्के का नाम क्या था?

दोस्तों हमारे भारत का सबसे पुराना सिक्का पंच चिन्हित सिक्का है इसको पुराण करशापान या पान भी कहा जाता है ! इस सिक्के को छठी शब्ताब्दी में बनाया गया था !

सिक्के की शुरुआत कब हुई?

ईसापूर्व प्रथम सहस्राब्दी में भारत के शासकों द्वारा सिक्कों की निर्माण का कार्य आरम्भ हो चुका था। प्रारम्भ में मुख्यतः ताँबे तथा चाँदी के सिक्कों का निर्माण हुआ।

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