1 एमएम बारिश कितनी होती है? - 1 emem baarish kitanee hotee hai?




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आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे बारिश के बारे में की बारिश को कैसे मापा जाता है और बारिश को मापने के लिए किस चीज़ या यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइये जानते है बारिश कैसे मापा जाता है? आप सभी अक्सर न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर में पड़ते होंगे की आज इतने MM या सेंटीमीटर बारिश हुई, और ये बातें हमे मानसून के मौसम में काफी सुनने को मिलती है और ये बातें सुनकर हमारे मन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर बारिश को मापा कैसे जाता है और ये आंकड़े विभाग को किस आधार पर मिलते है।

Contents

  • 1 बारिश को कैसे मापा जाता है?
  • 2 बारिश को मापने वाला यंत्र कैसे होता है?
  • 3 बारिश का माप कैसे लिया जाता है?
  • 4 बारिश का माप कितनी बार लिया जाता है?

बारिश को कैसे मापा जाता है?

आपको बता दे की बारिश को मापने के लिए एक खास तरह के यंत्र या उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिसे वर्षा मापी यंत्र या रेन गॉग (Rain Gauge) कहा जाता है। इस यंत्र को ऐसी जगह लगाया जाता है जहाँ आसपास पेड़ पौधे या दीवार न हो मतलब इन्हें खुले स्थान पर लगाया जाता है जिससे की बारिश का पानी सीधे इस यंत्र में जाये।

बारिश को मापने वाला यंत्र कैसे होता है?

ये यन्त्र एक सिलेंडर जैसा होता है और इसका जो ऊपरी हिस्सा होता है उनमें एक कीप लगी होती है या फिर इस यंत्र का जो ऊपरी हिस्सा होता है वो कीप के जैसा होता है। इस कीप में बारिश का पानी जाता है और इस यंत्र के नीचे लगे बोतल जैसे पात्र में इकठ्ठा हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की पहला रेन गॉग (Rain Gauge) ब्रिटेन के क्रिस्टोफर व्रेन ने साल 1662 में बनाया था।

बारिश को कैसे मापा जाता है?

यहाँ आपको एक बात और बता दे की वर्षा मापी यंत्र कई तरह के हो सकते है और बारिश को ज्यादातर सेंटीमीटर और इंच में ही मापा जाता है। एक आदर्श वर्षा मापी वो होता है जिसमे एक खोखला बेलन है और उसके अन्दर बोतल हो जिसके ऊपर एक कीप लगी हो। बारिश का पानी इस कीप के जरिये बोतल में इकठ्ठा हो जाता है जिसे बाद में मापक (Scale) के जरिये माप (Measure) किया जाता है, आपको बता दे की इस काम ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट का समय लगता है।

बारिश का माप कैसे लिया जाता है?

जब भी वर्षा की मापना होता है तो इस यंत्र के बाहरी सिलेंडर को खोलकर बोतल में इकठ्ठे हुए पानी को एक बीकर में डाल जाता है ये बीकर कांच का बना होता है और साथ ही इस बीकर में मिलीमीटर के नंबर प्रिंट होते हैं और जितने मिलीमीटर पानी इस बीकर में आता है यही बारिश की माप मानी जाती है। यहाँ आपको एक बात और बता दे की जितना ज्यादा बारिश का माप मिलीमीटर में आता है या जितने ज्यादा मिलीमीटर होते है बारिश भी उतनी ही ज्यादा हुई होती है?

बारिश का माप कितनी बार लिया जाता है?

आमतौर पर बारिश का माप दिन में एक बार लिया जाता है, लेकिन मानसून के समय बारिश का माप दिन में दो बार लिया जाता है, पहला सुबह 8 बजे और फिर शाम को 5 बजे। तो दोस्तों अब आपको समझ आ गया होगा की बारिश को मापा कैसे जाता है। उम्मीद है आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा। जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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बारिश को कैसे मापा जाता है (Barish Ko Kaise Napa Jata Hai), बारिश/ वर्षा को मापने के लिए एक खास तरह का यंत्र इस्तेमाल किया जाता है जिसका नाम है रेन गेज मापन यंत्र (Rain gauge meter/ Symons rain gauge meter ) है। सामान्य तौर पर यह यंत्र खुले और ऊंचे स्थान पर लगाया जाता है। यंत्र को लगाने के लिए जो स्थान चुना जाता है उसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आस-पास कोई पेड़ ऊंची दीवार ना हो ऐसा करने के पीछे खास वजह यह है कि बारिश का पानी किसी वास्तु से टकराने के बजाय सीधे इस यंत्र में आकर गिरे। जिससे बारिश की मात्रा को सही तरह से मापा जा सके।

बारिश को कैसे मापा जाता है (Barish Ko Kaise Napa Jata Hai)

Barish Ko Kaise Napa Jata Hai

रेन गेज मापन यंत्र कैसा होता है?

साल 1662 में क्रिस्टोफर ब्रेन ने पहला रेन गेज वर्षा मापी यंत्र बनाया था। रेन गेज मापन यंत्र सिलेंडर नुमा आकार का होता है जिसमें ऊपरी सिरे पर एक कीप लगी होती है। कीप की मदद से बारिश का पानी सीधा सिलेंडर नंबर यंत्र में गिरता है। वर्षा मापी यंत्र कई प्रकार के होते हैं इन्हें अधिकतर मिलीमीटर या सेंटीमीटर में मापा जाता है।

बारिश वर्षा को मापने का तरीका

कौन से इलाके में कितनी मात्रा में बारिश हुई है जब इसको मापना होता है तब बाहर के सिलेंडर को खोलकर बोतल में जमा पानी को कांच के बने एक बीकर में डाल दिया जाता है इस कांच के बीकर पर मिलीमीटर के नंबर अंकित रहते हैं।

जितना मिलीमीटर पानी बीकर में आता है वह बारिश का माप होता है इसका मतलब यह है कि जितना ज्यादा मिली मीटर में माप है बारिश उतनी अधिक हुई है। मानसून के समय दिन में दो बार बारिश को मापा जाता है। मापने का समय है सुबह के 8:00 बजे और शाम को 5:00 बजे

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FAQ

Q1 : वर्षा को मापने का यंत्र क्या है?

Ans : वर्षा को मापने का यंत्र रेन गॉग है।

Q2 : वर्षा मापने की इकाई क्या है?

Ans : वर्षा मिलीमीटर में ही मापी जाती है।

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Arjun

मेरा नाम अर्जुन है और मैं CanDefine.com में एडिटर के रूप में कार्य करता हूँ। मैं CanDefine वेबसाइट का SEO एक्सपर्ट हूँ। मुझे इस क्षेत्र में 3 वर्ष का अनुभव है और मुझे हिंदी भाषा में काफी रुचि है। मेरे द्वारा स्वास्थ्य, कंप्यूटर, मनोरंजन, सरकारी योजना, निबंध, जीवनी, क्रिकेट आदि जैसी विभिन्न श्रेणियों पर आर्टिकल लिखता हूँ और आपको आर्टिकल में सारी जानकारी प्रदान करना मेरा उद्देश्य है।

1 मिमी बारिश क्या होती है?

एक mm rainfall का मतलब है कि समतल भुमी पर एक मीलीमिटर उँचा है । 10 मीलीमिटर समान एक सेन्टिमिटर और 1000 mm = 1 मीटर या 100 सेमि. धन्यवाद जी ।

वर्षा की गणना कैसे करते हैं?

किस स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, इसे मापने के लिए एक यंत्र काम में लाया जाता है, जिसे वर्षामापी (Rain gauge) कहते हैं। इसे एक निश्चित समय में तथा निश्चित स्थान पर वर्षा में रखकर पानी के बरसने की मात्रा को माप लिया जाता है। वर्षामापी कई तरह का होता है। वर्षा अधिकतर इंच या सेंटीमीटर में मापी जाती है।

बारिश का पानी कैसे नापते हैं?

बारिश को मापने के लिए रेन गॉग या वर्षा मापन यंत्र का प्रयोग किया जाता है. यह यंत्र सामान्‍य तौर पर ऊंचे और खुले स्थान पर लगाया जाता है. इसके लिए ऐसा स्‍थान चुना जाता है जहां आसपास पेड़, ऊंची दीवारें ना हों. जिससे बारिश का पानी सीधे यंत्र में गिरे.

एमएम में बारिश कैसे मापें?

जितना मिलीमीटर पानी बीकर में आता है वह बारिश का माप होता है इसका मतलब यह है कि जितना ज्यादा मिली मीटर में माप है बारिश उतनी अधिक हुई है। मानसून के समय दिन में दो बार बारिश को मापा जाता है। मापने का समय है सुबह के 8:00 बजे और शाम को 5:00 बजे।

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