यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर क्यों नहीं करती? - yadi chandrama prthvee ko aakarshit karata hai to prthvee chandrama kee or kyon nahin karatee?

प्रेस मैम से कहा गया कि यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चंद्रमा की गति क्यों नहीं करती ठीक समय इस प्रश्न का उत्तर देना पहले मिस का क्षेत्र बना लेते हैं फिर हम इसको हल करते हैं तो देखिए यहां पर हमने चंद्रमा और पृथ्वी बना लीजिए हमारी जो यह हमारी पृथ्वी है और यह हमारा चंद्रमा ठीक तो इनके बीच की दूरी इसको मार लीजिए डीजे एक समय के लिए ठीक है इनका जन्म आगमन होगा हमारा एम एम लिख लीजिए पृथ्वी का चित्र माने वह हमारे ही रख लीजिए ठीक तो इनके बीच देखें अगर अमृत आकर संपन्न निकालेंगे तो उसका हमारा जो सोता है सोते मारे क्या होता है वह मारा था एफ बराबर जी m1 M2 फोन में आर स्क्वायर ठीक तो अब हम चाहे पृथ्वी के कारण चंद्रमा पर बिल निकालना चाहे चंद्रमा के कारण पृथ्वी पलवल निकाली थी क्योंकि हमारे जो बल का परिमाण होगा वह हमारा जो होगा वहां पर आएगा यहां पर ही रहेगा

बी स्क्वायर लेकिन के बीच की दूरी है बस हमारा इतना ही लग रहा है वह तो इतना बलजीत भी लगा रही होगी चंद्रमा पर लगा रही है बिल्कुल लगा रहा था तो मतलबी लगा रही है मौन पर ठीक हो इतना ही बल जो है हमारा मूल लगा रहा है अर्थ पर ठीक तो यह दोनों ही पंडितों से पर इतना ही बल लगा रहे हैं और यह जो भले ही आकर्षण का बजट यह वाला साइन बिगाड़ देते हैं से कंफ्यूजन हो रही होगी यह दोनों जो है यह मैसेज को पूरा एक निकालने मतलब चंद्रमा पृथ्वी को गर्म पूरा एक निकाय माने तो इस निकाय को देखिए इस ने कहा है मैं दोनों जो पिंडा एक दूसरे पर आकर्षक बंद लगा रहे हैं लेकिन वह दोनों आकर्षण बल जाए वह एक ही देखा क्या नदी से और दिशा में विपरीत होती है तूने एक दूसरे क्या करते हैं यह दोनों एक दूसरे को कैंसिल कर देते जिससे इन कब्बल जो होता है वह सोनू जाता है ठीक जिसकी वजह से क्या होता है क्योंकि इस बल की दिशा जो है वह हमारी एक बलम है इस दिस

एक बार हमारा इस दिशा में दो नंबर विपरीत दिशा में जिससे कि उस पर वह जाता है यह आकर्षण इस वजह से जाता क्योंकि जितने बल से पृथ्वी चंद्रमा कितने बजे चंद्रमा पृथ्वी को भी खींच रहा है तो मतलब दोनों पिंटू पर जब अलग रहो समान है और उनकी क्रिया देखा एक ही है यह मान लीजिए लाइन मारियो समान कल विपरीत दिशा में लगता है तो जरूर राजस्थान निकाय का जो संपूर्ण बेलो जीरो हो जाएगा इसको समझने का एक और तरीका है जैसे क्या समझ लीजिए यहां पर कोई एक लड़का है वह स्थिर अवस्था में यहां खड़ा है यहां पर कोई लड़का इस व्यवस्था में यहां खड़ा है अभी दोनों रस्सी से एक दूसरे को अगर समान बल से खींच आएंगे यह इसको एप्पल से खींच रहा है और यह इसको है बस से खींचा था क्योंकि इस पूरे निकाय पर जो बल लग रहा है आंतरिक बलिए क्रश यांत्रिक बल है तो इस पूरे निकाय पर लगने वाला आंतरिक बजे को सुनने अपने उन्नत मतलब यह लड़का भी अपनी जगह नहीं लेगा यह भी अपनी जगह नहीं लगा क्योंकि दोनों लड़के एक दूसरे पर

सांभर आरोपित करने जिसका बल ज्यादा होगा उसकी तरफ वह दूसरा लड़का हिल जाएगा तीन बिंदुओं में भी अगर कोई पिन किसी पर ज्यादा बल लगा दे तो एक दूसरे तक जाएंगे लेकिन दोनों पिंडे को सब सामान में लगाते हैं इसी वजह से कोई भी एक दूसरी तरफ आकर्षित नहीं होता है यही जमाल इस प्रश्न का उत्तर है तो यह मेरा पर्सनल हो गया धन्यवाद

यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर क्यों नहीं बढ़ती है?

Solution : चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, परंतु पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती क्योंकि चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में काफी कम है।

चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कौन सा बल कार्य करता है?

अभिकेन्द्र बल चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कार्य करता है। सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम: इसके अनुसार सभी निकाय एक दूसरे को एक बल के साथ आकर्षित करते हैं जो दो निकायों के द्रव्यमान के समान आनुपातिक है और उनके केंद्रों को अलग करने वाली दूरी के वर्ग के विलोम आनुपातिक है।

पृथ्वी आकार में चंद्रमा से क्या है?

पृथ्वी से लगभग 3,84,365 किलोमीटर दूर चंद्रमा का धरातल असमतल है और इसका व्यास 3,476 किलोमीटर है तथा द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/8 है। पृथ्वी के समान इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है। सूर्य से परावर्तित इसके प्रकाश को धरती पर आने में 1.3 सेकंड लगता है।

पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वाकर्षण बल को हम क्या कहेंगे?

पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम भार कहते हैं।

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