यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और परहेज - What to eat and what not to eat in uric acid in Hindi
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February 15, 2022
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शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने से कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जैसे गठिया और गाउट। जब आपका शरीर पूरी तरह से अपशिष्ट पदार्थ को बाहर नहीं निकाल पाता है, तब आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर ये क्रिस्टल का रूप धारण कर लेता है, जिसे गाउट कहते हैं। इसलिए यूरिक एसिड के स्तर को सामान्य बनाना बहुत जरूरी होता है। इसे नियंत्रित करने के लिए आपको अपने खाने-पीने पर ध्यान देना होगा।
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इसलिए यूरिक एसिड की समस्या में इस बात का पता होना बहुत जरूरी होता है कि आपको यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा आपको यूरिक एसिड की समस्या में किन चीजों से परहेज करना चाहिए और किन चीजों से परहेज नहीं करना चाहिए, इस बात का भी पता होना चाहिए।
(और पढ़ें - यूरिक एसिड के घरेलू उपाय)
- यूरिक एसिड कम करने में डाइट का महत्व - Importance of diet in reducing uric acid in Hindi
- यूरिक एसिड में क्या न खाएं और परहेज - What not to eat in uric acid in Hindi
- यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए - What to eat in uric acid in Hindi
- यूरिक एसिड डाइट प्लान - Uric acid diet chart in hindi
- इन खाद्य पदार्थों को कम मात्रा में खाएं - Eat these foods in limited amounts in Hindi
यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और परहेज के डॉक्टर
यूरिक एसिड कम करने में डाइट का महत्व - Importance of diet in reducing uric acid in Hindi
डाइट के माध्यम से आप यूरिक एसिड के स्तर को सामान्य बनाने के लिए मदद पा सकते हैं। कई खाद्य पदार्थों में प्यूरीन (Purine; खाद्य पदार्थ में पाया जाने वाला एक केमिकल जिससे गाउट होता है) की मात्रा बहुत अधिक होती है, प्यूरीन प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। जब आपका शरीर प्यूरीन को पचाता है, तब आपके बॉडी में अपशिष्ट के रूप में यूरिक एसिड बनता है। हांलाकि, स्वस्थ लोगों के लिए यूरिक एसिड चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि सेहतमंद लोग आसानी से यूरिक एसिड को अपशिष्ट के रूप में बाहर निकाल देते हैं। लेकिन जो लोग गाउट के रोगी होते हैं, वो लोग पूर्ण रूप से यूरिक ऐसिड को बाहर नहीं निकाल पाते हैं। इसलिए अधिक प्यूरीन वाले डाइट से यूरिक एसिड जमा होने लगता है और इससे गाउट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अधिक प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए।
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कुछ प्रकार के मीट (खास अंग जैसे कलेजी, भेजा आदि), समुद्री फूड, शराब और बियर आदि में प्यूरीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। हालांकि, एक शोध के अनुसार, अधिक प्यूरीन वाली सब्जियां यूरिक एसिड को नहीं बढ़ाती हैं। इसके अलावा फ्रुक्टोज (Fructose; फलों में प्राकृतिक शक्कर) और चीनी युक्त पेय पदार्थ से भी यूरिक एसिड बढ़ता है, जबकि इन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन नहीं होता है। एक अध्ययन में 125,000 प्रतिभागियों को फ्रुकटोज खिलाया गया। इसके बाद इन लोगों में 62% यूरिक एसिड का खतरा देखा गया।
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इसके अलावा एक अन्य रिसर्च में यह भी देखा गया कि कम वसा वाले डेरी प्रोडक्ट, सोया उत्पाद और विटामिट सी के पूरक आहार ब्लड यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अधिक फैट वाले डेरी प्रोडक्ट यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं।
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यूरिक एसिड में क्या न खाएं और परहेज - What not to eat in uric acid in Hindi
यदि आपके यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा है, तो अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को न खाएं। प्रोटीन वाले 100 ग्राम खाद्य पदार्थों में 200 मिली ग्राम प्यूरीन होता हैं। इसके अलावा आपको अधिक फ्रुक्टोज वाले खाद्य पदार्थों को भी नहीं खाना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों को खाने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है। यूरिक एसिड की समास्या में निम्न खाद्य पदार्थों को न खाएं -
- ख़ास प्रकार की मीट - कुछ आतंरिक अंग जैसे कलेजी, गुर्दा (किडनी) और भेजा आदि को नहीं खाना चाहिेए। इसके अलावा तीतर और हिरन का मांस भी न खाएं। इन्हें खाने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है। (और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट क्या है)
- मछली- हेरिंग, ट्राउट, मैकेरल, टूना (यह सभी मछली के प्रकार हैं) मछलियों को न खाएं। यह भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने का काम करती हैं। (और पढ़ें - मछली के तेल के गुण)
- समुद्री खाद्य पदार्थ - केकडा, झींगा जैसे समुद्री चीजों को भी नहीं खाना चाहिेए।
- शुगर युक्त पेय पदार्थ - खास कर जिन फलों में शुगर की अधिक मात्रा होती है, उन फलों का जूस न पीएं। इसके अलावा चीनी युक्त सोडा जैसे पेय पदार्थों को न पीएं। इन्हें पीने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है। (और पढ़ें - बेकिंग सोडा के फायदे)
- चीनी - शहद और हाई फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप वाले खाद्य पदार्थों को न खाएं।
- खमीर - किसी भी प्रकार के खमीर न खाएं।
ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों के अलावा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, सफेद ब्रेड, केक और बिस्कुट भी न खाएं। हालांकि इनमें अधिक प्यूरीन और फ्रुक्टोज नहीं होते, लेकिन इनमें पोषक तत्व बहुत कम होते हैं और ये यूरिक एसिड को बढ़ा सकते हैं।
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यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए - What to eat in uric acid in Hindi
ऊपर आपने जाना कि किन अधिक प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए। इसलिए अब आप कम प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं। जिन खाद्य पदार्थों की 100 ग्राम की मात्रा में 100 मिली ग्राम प्यूरीन पाया जाता है, उसे कम प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों में गिना जाता है।
यूरिक एसिड की समस्या में निम्न खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं -
- फल - सभी प्रकार के फल यूरिक एसिड की समस्या में फायदेमंद होते हैं। चेरी यूरिक एसिड के स्तर को कम करती है। इसके साथ ही साथ यह सूजन को भी ठीक करने में मदद करती है। (और पढ़ें - सूजन कम करने का तरीका)
- सब्जियां- यूरिक एसिड की समस्या में सभी प्रकार की सब्जियां खा सकते हैं। सब्जियों में आप आलू, मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तिदार सब्जियां भी खा सकते हैं।
- फलियां- सभी प्रकार की फलियां जैसे मसूर की दाल, बीन्स, सोयाबीन और टोफू आदि यूरिक एसिड की समस्या में खा सकते हैं। (और पढ़ें - सोया मिल्क के फायदे)
- सूखे मेवे - सभी प्रकार के सूख मेवे और बीज खा सकते हैं।
- साबुत अनाज - साबुत अनाज में ओट्स, ब्राउन राइस और जौ खाएं। (और पढ़ें - संतुलित आहार किसे कहते है)
- डेरी उत्पाद- कम वसा वाले सभी डेरी उत्पाद यूरिक एसिड के रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
- अंडा - अंडा भी यूरिक एसिड के मरीजों को खाना चाहिए। (और पढ़ें - क्या गर्मियों में अंडे खाने चाहिए)
- पेय पदार्थ - कॉफी, चाय और ग्रीन टी पीएं।
- जड़ी-बूटी और मसाले - सभी प्रकार के मसाले और जड़ी-बूटियां खा सकते हैं। (और पढ़ें - मसालेदार भोजन)
- पौधों से प्राप्त होने वाले तेल - कैनोला आयल, नारियल तेल , जैतून तेल और अलसी का तेल आदि खाएं। (और पढ़ें - नारियल के दूध के फायदे)
यूरिक एसिड डाइट प्लान - Uric acid diet chart in hindi
भोजन | सुबह का नाश्ता | दोपहर का भोजन | रात का भोजन |
सोमवार | दही के साथ ओट्स और 30 ग्राम जामुन | ताजा सब्जियां और उबले अंडे के साथ चौलाई (या क्विनोआ) सलाद | होल वीट पास्ता के साथ भुना हुआ चिकन, पालक, शिमला मिर्च और कम फैट वाला पनीर |
मंगलवार | आधा कप स्मूदी, 70 ग्राम जामुन, आधा कप पालक, 60 मि.ली. दही और 60 मि.ली. कम फैट वाला दूध | साबुत अनाज का सैंडविच, अंडा और सलाद | हल्का फ्राई किया हुआ चिकन और सब्जियों के साथ ब्राउन राइस |
बुधवार | ओट्स 30 ग्राम, 60 ग्राम दही, 60 मि.ली. कम वसा वाले दूध, 14 ग्राम अलसी के फायदे (या चिया बीज) और 30 ग्राम जामुन | चने, ताजा सब्जियां और होल वीट चपाती | शतावरी, टमाटर और दलीया (या बेक की हुई रावस या सैल्मन मछली) |
गुरूवार | 30 ग्राम चिया के बीज, 1 कप दही और 3 मि.ली. वैनिला एक्सट्रेक्ट | सलाद और दलीया (या बेक की हुई कम मात्रा में रावस या सैल्मन मछली) | चौलाई (या क्विनोआ) सलाद, पालक, बैगन और सलाद |
शुक्रवार | टोस्ट और स्ट्राबेरी | साबुत गेहूं (होल वीट) से बनी ब्रेड का सैंडविच और उबले हुए अंडे के साथ सलाद | ओट्स का उपमा और सब्जियां |
शनिवार | 2 इडली या 2 प्लेन गेहूँ का डोसा सांबर सहित या मशरूम और ऑमलेट | हल्का फ्राइ किया हुआ ओट्स का उपमा (या टोफू और ब्राउन राइस) | घर पर बनी दो रोटी और मिक्स्ड वेज सब्जी (या चिकन बर्गर) और सलाद |
रविवार | 2 उबले हुए अंडे, पालक और मशरूम | चने, ताजा सब्जियां, साबुत गेहूं (होल वीट) की चपाती | होल वीट चपाती, तले हुए अंडे, पालक और लाल शिमला मिर्च। |
इन खाद्य पदार्थों को कम मात्रा में खाएं - Eat these foods in limited amounts in Hindi
सभी प्रकार के मीट या मांस को बहुत कम मात्रा में खाएं। इन्हें हफ्ते में 100 से 200 ग्राम से ज्यादा न खाएं। मीट में कम कम मात्रा में प्यूरीन होता है। 100 ग्राम मीट में 100 से 200 मिली ग्राम प्यूरीन होता है। इसलिए इसे कम मात्रा में खाएं।
निम्न प्रकार के मांस को खा सकते हैं -
- मीट- चिकन, लाल मांस, सुअर का मांस, भेड़ का मांस आदि।
- मछली - ताजा मछली और सैल्मन (एक प्रकार का मछली) मछली में कम मात्रा में प्यूरीन होता है।
(और पढ़ें - मछली के तेल के फायदे)