यूपी में सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है? - yoopee mein sabase bada havaee adda kaun sa hai?

जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। 2024 तक एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य है। 

Noida, First Published Nov 25, 2021, 5:53 AM IST

नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को उत्तर प्रदेश को एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का तोहफा देने वाले हैं। वह दोपहर एक बजे यूपी के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Noida International Airport) की आधारशिला रखेंगे। यह दिल्ली-एनसीआर में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके बन जाने से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) का दबाव कम हो जाएगा। 

जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। 2024 तक एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य है। पहले चरण के विकास में 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। फर्स्ट फेज में यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। 

एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीट्यूट, होटल-शॉपिंग मॉल और कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी योजना है। इससे करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इससे कारोबारी सहित किसानों के भी दिन बहुरेंगे। जेवर एयरपोर्ट के करीब 69 फर्मों को लगभग 146 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन दी गई है। बुलंदशहर के खुर्जा के पॉटरी उद्योग, अलीगढ़ के ताला, मेरठ के कैंची और स्पोर्ट्स, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, मुजफ्फरनगर के गुड़-खांडसारी और सहारनपुर के काष्ठ कला कारोबार को पंख लगेंगे। देश ही नहीं विदेशों से भी कारोबारी यहां आवागमन की सुविधा होने पर आसानी से आ-जा सकेंगे।

2030 तक लेगा अंतरराष्ट्रीय आकार
जेवर एयरपोर्ट पर पहले साल करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही रहेगी। 2025-26 में यात्रियों की संख्या 70 लाख तक हो सकती है। साल-दर-साल संख्या दोगुने के हिसाब से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। 2044 तक यात्रियों की संख्या करीब 8 करोड़ होने की उम्मीद है।

जेवर एयरपोर्ट से 8 डोमेस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएंगीं। दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता पूरी होते ही यहां से 27-27 डोमेस्टिक-इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरने लगेंगीं। यह एयरपोर्ट कम से कम साल 2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा।

1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। ग्लोबल टेंडर के जरिये एटरपोर्ट निर्माण का कार्य स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को दिया गया है। एयरपोर्ट के फेज 2 में 1365 हेक्टेयर, फेज 3 में 1318 हेक्टेयर और फेज 4 में 735 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण कार्य होगा।

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Last Updated Nov 25, 2021, 5:59 AM IST

Jewar Airport news: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार (22 नवंबर, 2021) को कहा कि राज्य में अब पांचवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है. लखनऊ में जारी एक बयान में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि 25 नवंबर को निर्धारित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शिलान्यास होगा. इसी के साथ राज्य में अब पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की राह पर है. यूपी में 2012 तक सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लखनऊ और वाराणसी थे.

फिलहाल यूपी में आठ ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स
वहीं 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू हुआ जबकि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम प्रगति पर है जहां हवाई सेवाएं अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है. पांचवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में नोएडा के पास जेवर में बनना है. बयान के मुताबिक वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आठ ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं. जबकि 13 हवाई अड्डे और सात हवाई पट्टी विकसित की जा रही हैं. 

36 महीने में किया जाएगा पूरा
प्रदेश में कमर्शियल फ्लाइट्स को संभालने वाले हवाई अड्डे लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और हिंडन (गाजियाबाद) हैं. नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. इस हवाई अड्डे के पहले फेज में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी और इसे 36 महीनों में पूरा किया जाना है.

शानदार होगा जेवर एयरपोर्ट
यह एयरपोर्ट दुनिया की बेहतरीन और नवीन तकनीक से बनेगा. नोएडा इं‍टरनेशल एयरपोर्ट, जेवर पूरी तरह से डिजिटल होगा. इस एयरपोर्ट पर मुसाफिरों को कस्टमाइज्ड सुविधाएं मिलेंगी, यानी यात्रियों की जरूरत के हिसाब से सारी सुविधाएं दी जाएंगी. यह एयरपोर्ट अपनी श्रेणी में पहला नेट जीरो एमीशन एयरपोर्ट होगा जो एविएशन के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा. 

कितना आएगा खर्च 
गौरतलब है कि जेवर में एयरपोर्ट के लिए 6 गांवों के 5926 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इन गांवों में रन्हेरा, रोही, पारोही, बनवारीवास, किशोरपुर, दयानतपुर गांव शामिल हैं. करीब 1,339 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले इस हवाईअड्डे पर करीब 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

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उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है?

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. इस हवाई अड्डे के पहले फेज में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी और इसे 36 महीनों में पूरा किया जाना है. यह एयरपोर्ट दुनिया की बेहतरीन और नवीन तकनीक से बनेगा.

उत्तर प्रदेश में कुल कितने हवाई अड्डे?

अभी उत्तर प्रदेश में कितने हवाई अड्डे हैं अभी उत्तर प्रदेश में 8 एयरपोर्ट्स से उड़ा भरी जाती है। इनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, हिंडन (गाजियाबाद), कुशीनगर है। इसके अलावा 13 एयरपोर्ट्स और एयरस्ट्रिप अभी तैयार हो रहे हैं। राज्य में लखनऊ और वाराणसी से इंटरनैशनल फ्लाइट्स भी जाती हैं।

उत्तर प्रदेश में कौन सा हवाई अड्डा स्थित है?

Detailed Solution. जून 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया गया है। कुशीनगर हवाई अड्डे के अलावा, उत्तर प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ में दो और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। गौतम बुद्ध नगर में जेवर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है।

उत्तर प्रदेश में कितने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे?

उत्तर प्रदेश में अब तक केवल दो ही शहरों में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट (अमौसी हवाई अड्डा) और वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा वाराणसी (बाबतपुर एयरपोर्ट) से ही अंतरराष्ट्रीय उड़़ानों का संचालन किया जाता है।

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