अम्मा ने बच्चों द्वारा किए गए घर के हालत को देखकर ऐसा कहा था। पिताजी ने बच्चों में कामचोरी निकालने की नीयत से उनसे घर के काम काज में हाथ बँटाने के लिए कहा था परन्तु उन्होंने किया इसके विपरीत। सारे घर का हूलिया ही बदल डाला था। चारों तरफ़ समान बिखरा दिया, मुर्गियों और भेड़ों को घर में घुसा दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि काम करने के बजाए उन्होंने घर का काम कई गुना बढ़ा दिया जिससे अम्मा जी बहुत परेशान हो गई थीं। उन्होंने पिताजी को साफ़-साफ़ कह दिया कि या तो बच्चों से करवा लो या मैं मायके चली जाती हूँ। इसका परिणाम ये हुआ कि पिताजी ने घर की किसी भी चीज़ को बच्चों को हाथ ना लगाने कि हिदायत दे डाली नहीं तो सज़ा के लिए तैयार रहने को कहा।
या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो अम्मा ने ये कब कहा और इसका परिणाम क्या हुआ?
“या तो बच्चाराज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ? उत्तर:- अम्मा ने बच्चों द्वारा किए गए घर के हालत को देखकर ऐसा कहा था। जब पिताजी ने बच्चों को घर के काम काज में हाथ बँटाने को कहा तब उन्होंने इसके विपरीत सारे घर को तहस-नहस कर दिया।
बच्चों के काम करने का क्या परिणाम हुआ?
► घर भर में अव्यस्था फैल गई 'कामचोर' कहानी में जब घर के आलसी बच्चों से उनका आलस्य दूर करने के लिए एक काम करवाने हेतु उन्हें पैसे का लालच देकर काम करवाने की कोशिश की गई. तो बच्चों ने ऐसा उल्टा सीधा काम किया कि सारे घर में अव्यवस्था फैल गई।
क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए मिलकर पानी भी नहीं पिएंगे?
Question 5. क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे। Solution: बच्चों द्वारा लिया गया निर्णय उचित नहीं था क्योंकि स्वयं हिलकर पानी न पीने का निश्चय उन्हें और भी कामचोर बना देगा। वे कभी-भी कोई काम करना सीख ही नहीं पाएँगें।
अम्मा ने क्या चुनौती दी थी?
मातम - सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं। - “या तो बच्चा - राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो । नहीं तो मैं चली मायके," अम्मा ने चुनौती दे दी।