व्यक्तिगत सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था? - vyaktigat satyaagrah ka uddeshy kya tha?

व्यक्तिगत सत्याग्रह- ०३ सितम्बर सन् १९३९ को भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड लिनलिथगो ने यह घोषणा की कि भारत भी द्वतीय विश्व युद्ध में सम्मिलित है। इस घोषणा से पूर्व उसने किसी भी राजनैतिक दल से परामर्श नहीं किया। इससे कांग्रेस असंतुष्ट् हो गई। महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार की युद्धनीति का विरोध करने के लिए सन् १९४० में अहिंसात्मक व्यक्तिगत सत्याग्रह आरम्भ किया। गांधी जी के प्रस्ताव पर 17 अक्टूबर 1940  मैं पवनार आश्रम (महाराष्ट्र )से प्रतिकात्मक विरोधस्वरूप व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ किया।[1] इस सत्याग्रह में महात्मा गाँधी के द्वारा चुना हुआ सत्याग्रही पूर्व निर्धारित स्थान पर भाषण देकर गिरफ्तारी देता था। भाषण से पूर्व सत्याग्रही अपने सत्याग्रह की सूचना जिला मजिस्ट्रेट को भी देता था। पहले सत्याग्रही विनोबा भावे थे।[2] तथा दूसरे सत्याग्रही जवाहरलाल नेहरू थे।

  • व्यक्तिगत सत्याग्रह का अन्य नाम-दिल्ली चलो आंदोलन
  • इस सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के उस दावे को खोखला साबित करना था कि भारत की जनता द्वितीय विश्व युद्ध में सरकार के साथ है व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन जनवरी 1942 तक चला

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. D.C.Dinkar (2008). Rashtriya Andolan ke vaicharik Aayam. Blue Rose Publishers.
  2. Dr. Santosh Anand Mishra (2021). Svatantrata sangrama mem achutom ka yogdan. Gautama Buka Senṭara.

व्यक्तिगत सत्याग्रह का क्या उद्देश्य था?

व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन का उद्देश्य था - द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लेने के विरुद्ध प्रचार के लिए सत्याग्रहियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त करना।

व्यक्तिगत सत्याग्रह क्यों हुआ?

महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार की युद्धनीति का विरोध करने के लिए सन् १९४० में अहिंसात्मक व्यक्तिगत सत्याग्रह आरम्भ किया। इस सत्याग्रह में महात्मा गाँधी के द्वारा चुना हुआ सत्याग्रही पूर्व निर्धारित स्थान पर भाषण देकर गिरफ्तारी देता था। भाषण से पूर्व सत्याग्रही अपने सत्याग्रह की सूचना जिला मजिस्ट्रेट को भी देता था।

व्यक्तिगत सत्याग्रह का नारा क्या था?

व्यक्तिगत सत्याग्रह के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:1. जवाहर लाल नेहरू प्रथम सत्याग्रही थे और विनोबा भावे नेहरू के बाद दूसरे सत्याग्रही। 2. सुभाष चंद्र बोस ने लोगों को लामबंद करने के लिए इस आंदोलन के दौरान 'चलो दिल्ली' का नारा दिया।

व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत कब हुई थी?

इसके प्रथम सत्याग्रही विनोबा भावे थे, दूसरे एवं तीसरे क्रमशः जवाहरलाल नेहरू एवं ब्रहदत्त थे।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग