पिछले अध्याय में हम पढ़ चुके हैं कि जब किसी परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्तित विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न धारा को विस्थापन धारा (displacement current in Hindi) कहते हैं। विस्थापन धारा को id द्वारा निरूपित किया जाता है। एंपीयर के परिपथ नियम के अनुसार, किसी बंद परिपथ के लिए चुंबकीय क्षेत्र का रेखीय समाकल उस परिपथ पर आरोपित कुल धारा का µ0 गुना होता है। एम्पीयर मैक्सवेल के नियम के अनुसार, परिपथ में प्रवाहित कुल धारा सदैव चालन धारा ic तथा विस्थापन धारा id के योग के बराबर होती है। तो पढ़ें…
विद्युत चुंबकीय तरंगे किसे कहते हैं | Physics class 12 chapter 8 notes in Hindi विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव द्वारा ज्ञात होता है कि विद्युत धारा चुंबकीय
क्षेत्र उत्पन्न करती है। तथा इसके विपरीत समय के साथ परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।विस्थापन धारा
तथा आवेशों
के प्रवाह के कारण चालकों में जो धारा प्रवाहित होती है उसे चालन धारा कहते हैं। इसे ic से प्रदर्शित करते हैं।
माना परिपथ का चुंबकीय क्षेत्र \small \overrightarrow{B} तथा उसमें प्रवाहित कुल धारा i है तो
\small \oint \overrightarrow{B} · d \overrightarrow{ℓ}
= µ0i
जहां µ0 को निर्वात की चुंबकशीलता कहते हैं।
i = ic + id
\footnotesize \boxed { i = i_c + ε_o \frac{dΦ_E}{dt} }
पढ़ें… विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नोट्स | Physics class 12 Chapter 6 notes in Hindiविस्थापन धारा की आवश्यकता
अतः मैक्सवेल परिकल्पना द्वारा बताया कि परिवर्ती विद्युत क्षेत्र भी चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। इसके लिए मैक्सवेल ने परिवर्ती धारा से जुड़े संधारित्र के बाहरी किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करने के लिए एंपीयर का परिपथ नियम प्रयुक्त किया तथा परिपथ के बाहर एक अतिरिक्त धारा के अस्तित्व की परिकल्पना की। इस अतिरिक्त धारा को मैक्सवेल ने विस्थापन धारा नाम दिया।
विस्थापन धारा क्या होती है , हिंदी में। What is displacement current in Hindi | visthapan dhara kya hoti hai | definition | paribhasha | physics topic
विस्थापन धारा क्या होती है , हिंदी में। What is displacement current in Hindi | visthapan dhara kya hoti hai | definition | paribhasha | physics topic |
हेलो दोस्तों इस पोस्ट में मैंने विस्थापन धारा को आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है। यदि यह पोस्ट आपको पसंद आए तो कमेंट जरूर करना।
विस्थापन धारा -
"एम्पीयर के परिपथीय नियम से जब किसी बन्द लूप से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो उस लूप के अनुदीश चुंबकीय क्षेत्र के रेखीय समाकलन का मान उस लूप से गुजरने वाली कुलधारा व निर्वात की चुंबक शीलता के गुणनफल के बराबर
होता है"
लेकिन जब एक संधारित्र की प्लेटो के मध्य एक ऐसे बंद पृष्ठ की कल्पना करें जिसका तल प्लेटो के समांतर है। इस बंद लूप से कोई धारा नहीं गुजरती फिर भी प्लेटो के मध्य चुंबकीय क्षेत्र उपस्थित होता है।
मैक्सवेल ने बताया कि इस चुंबकीय क्षेत्र की उत्पत्ति का कारण प्लेटो के मध्य परिवर्ती विद्युत क्षेत्र है।
संधारित्र की आवेशन व निरावेशन प्रक्रिया में प्लेटफार्म पर आवेश का मान शून्य से अधिकतम वह अधिकतम से शून्य से अधिकतम के
मध्य लगातार परिवर्तित होता है। इस परिवर्ती विद्युत क्षेत्र के कारण प्लेटो के मध्य पृष्ठ से संबंध विद्युत फ्लक्स में निरंतर परिवर्तन होता है।
इस कारण प्लेटो के मध्य एक धारा बहती है जिसके कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
इस धारा को विस्थापन धारा कहा जाता है।
चुंबकत्व में परिवर्तन की दर को विस्थापन धारा कहते हैं। विस्थापन
धारा और विद्युत धारा घनत्व current density का मात्रक एक समान होता है।
जिस प्रकार विद्युत
धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र magnetic field मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा displacement current के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है।
किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।
एक परिवर्ती वैधुत क्षेत्र धारा के समरुप होता है |यह धारा उस समय तक उपस्थित मानी जाती है जब तक वैधुत क्षेत्र
उत्पन्न होता है।
इस धारा को विस्थापन धारा कहते है।
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