हम अपने दैनिक जीवन में कई वृत्ताकार वस्तुओं जैसे अंगूठियां, चूड़ियां, सिक्के, पहिए आदि का उपयोग करते हैं। यदि हम उनकी वृत्ताकार लंबाई को मापना चाहते हैं तो हम यह कैसे कर सकते हैं? इसे स्पष्ट रूप से समझने के लिए यहां एक गतिविधि दी गई है। यदि हमें किसी पहिये की वृत्ताकार लंबाई (The Circumference of Circle) मापनी है तो हम पहिये को फर्श पर रखेंगे और उस पर एक बिंदु P अंकित करेंगे जहाँ वह फर्श को छू रहा है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
अब हम पहिये को एक दिशा में घुमाते हैं। बिंदु P भी पहिये के साथ घूम रहा है जिसे हम चित्र में देख सकते हैं। एक चक्कर में, जब बिंदु P फिर से पहली स्थिति में आ जाता है तो हम पहिये को रोक देंगे। प्रारंभिक बिंदु से अंतिम बिंदु तक की दूरी AB है। यह दूरी पहिए की वृत्ताकार लंबाई के बराबर होगी। पहिये की इस वृत्ताकार लंबाई को वृत्त की परिधि कहते हैं।
वृत्त की परिधि का सूत्र
यदि हम मानते हैं कि पहिया केंद्र के सापेक्ष घूमता है और पहिये की त्रिज्या (r) एक चक्कर पूरा करती है और एक घुमाव में बना कोण 2π (360°) है तो
वृत्त की परिधि = 2π×r = 2πr
और पहिये का व्यास (D) (180°) कोण से एक चक्कर पूरा करता है, तब
वृत्त की परिधि = π×D = πD
या परिधि/व्यास = π [परिधि और व्यास का अनुपात, अचर (π) है]
इसका अर्थ है कि किसी वृत्ताकार वस्तु की परिधि एक चक्कर में तय की गई दूरी के बराबर होती है।
नोट -1) त्रिज्या व्यास की आधी होती है।
2) π का मान 22/7 होता है जो 3.14 (लगभग) के बराबर होता है। महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट द्वारा दिया गया π का अधिक सटीक मान 3.1416 है।
3) π एक अपरिमेय संख्या है क्योंकि इसका दशमलव प्रसार असांत अनावर्ती होता है।
कुछ उदाहरण
उदाहरण 1) वृत्त की परिधि ज्ञात कीजिए जिसकी त्रिज्या 7 सेमी है।
हल – दी हुई त्रिज्या (r) = 7 सेमी
वृत्त की परिधि = 2πr
= 2×(22/7)×7
= 2×22
= 44 सेमी
अत: वृत्त की परिधि 44 सेमी है। उत्तर
नोट – यदि प्रश्न में नहीं दिया गया है तो हम π = 22/7 के मान का उपयोग करते हैं।
उदाहरण 2) वृत्त की परिधि 154 सेमी है। इसका व्यास ज्ञात कीजिए।
हल – यहाँ, वृत्त की परिधि = 154 सेमी
इसलिए, 2πr = 154 सेमी
2×(22/7)×r = 154
r = 154×7 / 2×22
r = 7×7 / 2 = 49/2 सेमी
हम जानते हैं व्यास (D) = 2×r
D = 2× 49/2
D = 49 सेमी
अत: वृत्त का व्यास 49 सेमी है। उत्तर
उदाहरण 3) साइकिल का एक पहिया 12 किमी की दूरी को पूरा करने के लिए 4000 चक्कर लगाता है। पहिए की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
मोटे तौर पर वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे को, और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई (परिमाप) को 'परिधि' कहा जाता है।[1] अर्थात परिधि, परिमाप की एक विशिष्ट अवस्था है। तीन या अधिक सरल रेखाओं से घिरे किसी बहुभुज की सभी भुजाओं की लम्बाई का योग परिमाप कहलाता है जबकि जबकि किसी 'कोणरहित' बन्द वक्र के बाहरी घेरे की कुल लम्बाई परिधि कहलाती है। वृत्त की परिधि ज्यामितीय और त्रिकोणमितीय अवधाराणओं में महत्वपूर्ण है।
परिधि (C) का कोणीय चित्रण जिसमें, व्यास (D) नीले रंग में, त्रिज्या अथवा अर्द्धव्यास (R) लाल रंग में और केन्द्र अथवा मूल बिन्दु (O) मैजेंटा रंग में हैं। परिधि = π × व्यास = 2 × π × त्रिज्या
वृत्त की परिधि उसके चारों ओर की लम्बाई होती है। यह कथन किसी भौतिक वस्तु के लिए काम में लिया जाता और किसी अमूर्त ज्यामितीय सरंचना के लिए भी उपयुक्त है।
जब वृत्त की त्रिज्या 1 हो तो उसकी परिधि 2π होती है।
जब वृत्त का व्यास 1 हो तो उसकी परिधि π होती है।
किसी वृत्त की परिधि गणित में सभी गणितीय नियतांकों में से सबसे महत्वपूर्ण एक को सम्बद्ध करता है। नियतांक पाई, ग्रीक अक्षर पाई (π) से निरुपित किया जाता है। इसका संख्यात्मक मान 3.14159 26535 89793 ... है और यह वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात के बराबर होता है।
वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई को ‘परिधि’ कहा जाता हैं।
अर्थात परिधि, परिमाप की एक विशिष्ट अवस्था है। तीन या अधिक सरल रेखाओं से घिरे किसी बहुभुज की सभी भुजाओं की लम्बाई का योग परिमाप कहलाता हैं।
किसी ‘कोणरहित’ बन्द वक्र के बाहरी घेरे की कुल लम्बाई परिधि कहलाती हैं। वृत्त की परिधि ज्यामितीय और त्रिकोणमितीय अवधाराणओं में महत्वपूर्ण हैं।
किसी वृत्त की परिधि गणित में सभी गणितीय नियतांकों में से सबसे महत्वपूर्ण एक को सम्बद्ध करता है।
पाई, ग्रीक अक्षर पाई (π) से निरुपित किया जाता है।
π का संख्यात्मक मान 3.14159 26535 89793 … है और यह वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात के बराबर होता है।