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उर्वरक कितने प्रकार के होते है?
उर्वरक चार प्रकार के होते हैं:
- कार्बनिक उर्वरक
- खनिज उर्वरक
- बेक्टिरिया उर्वरक
- माइक्रोफर्टिलाइजर
जैव उर्वरक क्या है उदाहरण सहित वर्णन करें?
इसे सुनेंरोकेंकुछ ऐसे जीवाणुओं को जो पौधों के साथ असहजीवी रूप में रहकर वायुमण्डलीय नत्रजन को मृदा में स्थिर करते है, जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) कहलाते है । मृदा में विटामिन अघुलनशील फॉस्फोरस को घुलनशील रूप में परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। जिससे मृदा में पौधों के लिए नत्रजन तथा फॉस्फोरस की उपलब्धता बढ़ जाये ।
उर्वरक एवं कीटनाशक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंउर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है।
यूरिया खाद कितने प्रकार की होती है?
इसे सुनेंरोकेंये दो प्रकार की होती हैं। प्राकृतिक खाद और रासायनिक खाद।
खाद और उर्वरक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंखाद एवं उर्वरक का अर्थ (Meaning of Manure and Fertilizers): खाद एवं उर्वरक (Manure and Fertilizer) शब्द का प्रयोग जल के अतिरिक्त उन सभी पदार्थों के लिए किया जाता है, जो मिट्टी (Soil) की उर्वरकता (Fertility) में वृद्धि करके पौधों की वृद्धि (Growth) में भी सहायक होते हैं ।
एजोला जैव उर्वरक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंएजोला (Azolla) एक तैरती हुई फर्न है जो शैवाल से मिलती-जुलती है। अजोला एक जैव उर्वरक है। एक तरफ जहाँ इसे धान की उपज बढ़ती है वहीं ये कुक्कुट, मछली और पशुओं के चारे के काम आता है। कुछ देशों में तो लोग इसे चटनी व पकोड़े भी बनाते हैं।
इसे सुनेंरोकेंउर्वरक सामान्यतया निम्न प्रकार के होते हैं-(1) यूरिया (2) अमोनियम सल्फेट (3) सुपर फॉस्फेट (4) पोटाश (5) NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम)। लाभ-उर्वरक के उपयोग से हमें गेहूँ, धान तथा मक्का जैसी फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
उर्वरक क्या है उर्वरक का वर्गीकरण कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंमृदा में बाहर से मिलाए जाने वाले वे रासायनिक पदार्थ जो मृदा को उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं, उर्वरक (Fertilizers) कहलाते हैं। अतः उर्वरक वे रासायनिक पदार्थ हैं जो मृदा में डाले जाने पर पेड़-पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तत्वों (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम इत्यादि) की आपूर्ति कर मृदा को उपजाऊ बनाए रखते हैं।
फास्फेट उर्वरक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंफास्फेटीय चट्टान को चूर्ण करके खेतों में फास्फोरस उर्वरक के रूप में काम में लाया जाता है। यदि कार्बनिक पदार्थो के साथ इस चूर्ण को मिट्टी में छोड़ा जाय तो पौधों को अधिक फास्फोरस की प्राप्ति हो सकती है। इसका कारण यह है कि कार्बनिक पदार्थो से कार्बन डाइआक्साइड बनता है, जो पानी में घुलकर अविलेश फास्फेट को विलेय बनाता है।
यूरिया खाद में कौन कौन से तत्व होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकिसान खाद तथा यूरिया में क्या अन्तर है जबकि दोनों में ही नाइट्रोजन तत्व ही होता है? किसान खाद के अन्दर उपस्थित नाइट्रोजन की आधी मात्रा अमोनिया तथा आधी मात्रा नाइट्रेट रूप में होती है जबकि यूरिया में नाइट्रोजन रूप में होती है, जो बाद में रूपान्तरित होकर पहले अमोनियम तथा फिर नाइट्रेट में बदलती है।
NPK खाद में क्या क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंNPK क्या है, NPK खाद के फायदे:- 👉🏻NPK एक केमिकल खाद है जिसमें पौधे के लिए सबसे जरूरी तत्व N (नाइट्रोजन) P (फॉसफोरस) K (पोटैशियम) का मिश्रण होता है। इस खाद के उपयोग से पौधे का सम्पूर्ण विकास होता है।
Solution : उर्वरक-ये रासायनिक पदार्थ हैं जो विशेष पोषकों से समृद्ध होते हैं। इनका उत्पादन फैक्ट्रियों में किया जाता है। उर्वरक सामान्यतया निम्न प्रकार के होते हैं-(1) यूरिया (2) अमोनियम सल्फेट (3) सुपर फॉस्फेट (4) पोटाश (5) NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम)। लाभ-उर्वरक के उपयोग से हमें गेहूँ, धान तथा मक्का जैसी फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
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उर्वरक कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंउर्वरक सामान्यतया निम्न प्रकार के होते हैं-(1) यूरिया (2) अमोनियम सल्फेट (3) सुपर फॉस्फेट (4) पोटाश (5) NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम)। लाभ-उर्वरक के उपयोग से हमें गेहूँ, धान तथा मक्का जैसी फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
गोबर की खाद में कौन कौन से तत्व होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंगोबर की खाद में उपस्थित 50% नाइट्रोजन, 20% फास्फोरस व पोटेशियम पौधों को शीघ्र प्राप्त हो जाता है। इसके अतिरिक्त गोबर की खाद में सभी तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, गंधक, लोहा, मैंगनीज, तांबा व जस्ता आदि तत्व सूक्ष्म मात्रा में पाए जाते हैं।
पोटाश का क्या काम होता है?
इसे सुनेंरोकेंपोटाश फसलों को मौसम की प्रतिकूलता जैसे- सूखा, ओला पाला तथा कीड़े-व्याधि आदि से बचाने में मदद करता है। 3. पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है। पोटाश के प्रयोग से पौधों की कोशिका दीवारें मोटी होती है ओर तने को कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है, जिसके फलस्वरूप फसल के गिरने में रक्षा होती है।
धान में यूरिया कब कब डालें?
इसे सुनेंरोकेंधान की रोपाई के एक सप्ताह बाद 35 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग एक एकड़ खेत में करना चाहिए।
खाद एवं उर्वरक में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंखाद एक प्राकृतिक सामग्री है, जिसे सड़ने वाले पौधे और जानवरों के कचरे से प्राप्त किया जाता है, जो इसकी उर्वरता को बढ़ाने के लिए मिट्टी पर लागू हो सकता है। उर्वरक एक मानव निर्मित या प्राकृतिक पदार्थ है, जिसे इसकी उर्वरता में सुधार करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए मिट्टी में जोड़ा जा सकता है।
गोबर की खाद क्या है?
इसे सुनेंरोकेंगोबर की खाद शब्द का उपयोग गाय ,भैंस ,बैल ,बकरी, घोड़ा, मुर्गी और अन्य पशु पक्षियों के मल-मूत्र के लिए किया जाता है। पशुओं और पक्षियों द्वारा जो खाना जैसे – घास ,भूसा ,खली आदि खाया जाता है उसके पाचन के बाद जो पदार्थ अपचयत (बिना पचा) रह जाते है उन्हें मल या गोबर कहा जाता है।
घर पर गोबर की खाद कैसे बनाएं?
इसे सुनेंरोकेंजैविक खाद बनाने के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए।