तुलसी दया न छोड़िये जब लग घट में प्राण - tulasee daya na chhodiye jab lag ghat mein praan

"दया धर्म का मूल है पाप मूल अभिमान, तुलसी दया न छोडिये जब तक घट में प्राण"

परम रामभक्त, महान कवि और श्रीरामचरितमानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन्। pic.twitter.com/eMTBFHAAUO

— Dr. Ramprit Paswan (@rppaswan) August 4, 2022
आपने तुलसीदास जी के कई दोहे पढ़े और सुने होंगे। लेकिन यहां आज हम उनके ऐसे दोहों का छोटा-सा संकलन लेकर आए हैं, जिनमें आज की परिस्थियां दिखाई देती हैं। इनमें कुछ दोहे ऐसे भी हैं, जिनमें जीवन जीने की सीख दी गई है, जो आज के समय में भी पूरी तरह लागू होती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती मनाई जाती है। यह पावन तिथि इस बार 7 अगस्त, बुधवार को है। आइए, जानते हैं कि कैसे इतने वर्ष पहले तुलसीदास जी द्वारा रचे गए दोहे, आज भी प्रासंगिक हैं...

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