शादी में क्या क्या कार्यक्रम होते हैं? - shaadee mein kya kya kaaryakram hote hain?

Authored by

Parag sharma

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 28 Apr 2022, 9:15 pm

देवोत्थान एकादशी के दिन से शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं और जिनकी शादी होने वाली होती है उनकी शादी की रस्में शुरू हो जाती हैं। शादी में होनेवाली रस्में, रीति रिवाज बड़े ही जोश के साथ लोग फॉलो करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं शादी में होने वाली हर रस्म के पीछे एक मान्यता है, आखिर जूते क्यों चुराए जाते हैं, क्यों वरमाला पहनाई जाती है, क्यों हल्दी लगाई जाती है। इन सबका अपना एक अलग महत्व है।

  • हल्दी और उबटन के पीछे की मान्यता

    दूल्हा-दुल्हन की शादी की शुरुआत हल्दी के कार्यक्रम से होती है। हल्दी और उबटन जैसे कार्यक्रम के लिए सुहागन स्त्रियों को बुलाया जाता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि हल्दी और उबटन लगाने से त्वचा में निखार आता है इसलिए इस परंपरा को करते हैं। लेकिन इसके पीछे मान्यता है कि शादी में कई मेहमान आते हैं, उनमें से कईयों को इंफेक्शन हो सकते हैं। वर-वधु को संक्रमण से प्रभावित ना हों इसलिए उन्हें हल्दी और उबटन लगाया जाता है। इसकी वजह यह है कि हल्दी ऐंटी बॉयटिक का काम करता है।

  • यह राज है मेहंदी का

    सभी स्त्रियां कन्या को मेहंदी लगाती हैं, माना जाता है कि मेंहदी जितनी गहरी होती है, भविष्य में वैवाहिक जीवन उतना ही अच्छा होता है। एक और मान्यता यह है कि शादी के दौरान कई तरह का तनाव होता है, उस दौरान मेहंदी मानसिक शांति देती है।

  • सबसे पहले इन्होंने दिया था भात

    दूल्हा व दुल्हन के मामा के घर से लोगों के लिए कुछ उपहार लाए जाते हैं, जिन्हें वह भेंट करते हैं। सबसे पहले कृष्णजी ने सुदामा की लड़की को भात दिया था, तभी से यह प्रथा चली आ रही है।

  • इसलिए घोड़ी पर बैठता है दूल्हा

    दूल्हा घर से निकलने के बाद घोड़ी पर बैठता है, घोड़ी को सभी जानवरों में चंचल व कामुक माना जाता है। इसलिए वर को घोड़ी की पीठ पर बैठाकर बारात निकाली जाती है। मान्यता है कि वर इन दोनो बातों को स्वयं पर हावी ना होने दे इसलिए उसे पीठ पर बैठाया जाता है।

  • इसलिए की जाती है गणेश पूजा

    दूल्हा व बाराती जब विवाह स्थल पर पहुंचते हैं तो दरवाजे पर कन्या पक्ष के लोग बारात का स्वागत करते हैं। इसके बाद कन्या के पिता व पंडित और उनके बंधु-बांधव सभी गणेश पूजा करते हैं। गणेश पूजा के बाद से ही कन्या के घर में सभी रस्मे शुरू की जाती हैं और इस रस्म के बाद वर पक्ष को मिलनी व उपहार मिलती है।

  • दुल्हन की होती है स्वीकृति

    जयमाल में दूल्हा व दुल्हन एक दूसरे को माला पहनाते हैं। मान्यता है कि दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे को माला पहनाकर आपसी स्वीकृति प्रदान करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार देवी लक्ष्मी जब समुद्र मंथन से प्रकट हुईं तो उन्होंने भगवान विष्णु को माला पहनाकर पति रूप में स्वीकार किया था। यह उसी परंपरा का प्रतीक माना जाता है।

  • सात फेरों के सात वचन

    विवाह संस्कार में दूल्हा व दुल्हन का गठबंधन कर अग्नि के सामने सात फेरों के सात वचन लिए जाते हैं। पहले तीन फेरो में दुल्हन आगे रहती है बाद के चार फेरों में दूल्हा आगे रहता है। दूल्हा दुल्हन को सात वचन देता है, वहीं दुल्हन भी दूल्हे को सात वचन देती है। इसके बाद विवाह संस्कार का कार्यक्रम पूरा होता है।

  • समाज में मिलती है मान्यता

    विवाह मंडप में सात फेरों के बाद दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में लाल रंग का सिंदूर भरता है ताकि वह सदा सुहागन रहे व समाज में उसकी पत्नी के रूप में जानी जाए। सिंदूर लगाने की परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण है कि जहां सिंदूर लगाते हैं ब्रह्मरंध्र होता जो सिंदूर लगाने से मन को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।

  • खुशी के लिए है यह रस्म

    दूल्हा जब विवाह मंडप में आता है तब जूता उतारकर आता है। उसी समय दुल्हन की छोटी बहन जूते छुपाकर रख देती है। विवाह संस्कार पूरे होने के बाद बहनें अपने जीजा से नेग लेकर जूते वापस करती हैं। इस रस्म का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है यह जीजा साली के मधुर और स्नेहपूर्ण संबंध और आनंद-विनोद के लिए होता है। कहते हैं यह रिवाज रामायण काल से चली आ रही है।

शादी में कौन कौन से फंक्शन होते हैं?

शादी की हर रस्म में दिखें अलग, जानें 5 टिप्स.
2 मेहंदी की रस्म - मेंहदी की रस्म में हल्का मेकअप ही ठीक रहेगा। ... .
3 संगीत - संगीत की महफिल शादी की अहम रस्मों में से एक है, जब परिवार और करीबी लोगों के साथ अन्य मेहमान भी होते हैं। ... .
4 शादी की रस्म - शादी की रस्म में पारंपरिक रूप से तैयार होना ज्यादा अच्छा लगता है।.

2 शादी में क्या क्या कार्यक्रम होते हैं बताओ?

शादी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। दो अजनबी व्यक्तियों को एक सूत्र में बाँधनेवाली वर पूजा विशेष प्रक्रिया है। इसमें अनेक कार्यक्रम होते हैं। उनमें समावर्तन गौरी पूजा, लाजहोम, कन्यावरण, पाणिग्रहण, सप्तपदि, कन्यादान, अग्नि परिचय, अरुंधती नक्षत्र दर्शन, नागवल्ली आदि मुख्य हैं

दूल्हा दुल्हन शादी के बाद क्या करते हैं?

शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन क्या करते हैं ?.
रीति रिवाज मनाए जाते हैं..
गहने और कपड़े निकाल कर रखते हैं..
एक दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं..
एक दूसरे को महसूस करते हैं.
थके रहने पर भी नींद नहीं आती.
दोनों बच्चे के विषय में बातें करते हैं.
हनीमून पर जाते हैं.

शादी की शुरुआत कैसे करें?

Indian Wedding Preparation.
शादी की तैयारी कैसे करें इसके बारे में सब जानना चाहते है। ... .
जब शादी के लिये लडकी और लड़का तैयार हो जाते है तो उसके बाद शादी की तैयारियों की टेंशन शुरू हो जाती है। ... .
शादी का टाइप चुने ... .
शादी की तारिख ... .
शादी के लिए होटल, गार्डन और होल बुक करें ... .
सबसे पहले बजट बनाएं ... .
मेहमानों की लिस्ट बनायें.

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