शत्रु नाश के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए? - shatru naash ke lie shivaling par kya chadhaana chaahie?

वैसे तो भगवान शिव की पूजा करने का दिन हर सोमवार का होता है लेकिन माह के त्रयोदशी तिथि के दिन पूजा करना और उपवास का ज्यादा महत्व है। त्रयोदशी व्रत को हम प्रदोष व्रत के नाम से भी जानते हैं।

माना जाता है कि यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। पुराणों के अनुसार, इस व्रत को करने से बेहतर स्वास्थ और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। इसके अलावे ये भी कहा जाता है कि दिन के अनुसार इस पर्व का अलग महत्व है।

दरअसल, इस बार प्रदोष व्रत अर्थात त्रयोदशी तिथि 20 फरवरी ( गुरुवार ) को है और 21 फरवरी ( शुक्रवार ) को महाशिवरात्रि है। मान्यता है कि गुरुवार को प्रदोष व्रत करने से शत्रु का नाश होता है।

आइये सबसे पहले जानते हैं कि दिन के अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व

रविवार के दिन प्रदोष व्रत रखने पर सदा निरोग रहेंगे।
सोमवार के दिन व्रत करने से इच्छानुसार फल मिलता है।
मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से आप स्वस्थ रहते हैं।
बुधवार के दिन व्रत करने से सभी प्रकार की कामना सिद्ध होती है।
गुरुवार के दिन व्रत करने से शत्रु का नाश होता है।
शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है।
शनिवार को प्रदोष व्रत से पुत्र की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर रंगोली बनाना चाहिए। पूजा करते वक्त कुश के आसन का इस्तेमाल करें। इसके बाद उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर दूध या जल अर्पित करते वक्त ऊँ नम: शिवाय मंत्र का पाठ करते रहें। ध्यान रखें कि व्रत के दौरान उपवास रहें।

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शत्रु नाशक शिव मंत्र सिद्ध कैसे करें

 शत्रु नाशक शिव मंत्र कैसे करें जानिए हमारे साथ ।

मित्र सबसे पहले हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम। 🙏

मित्रों हमारे जीवन में कहीं ना कहीं अपना ही गलती के कारण शत्रु जन्म ले लेते हैं पर उससे बचने के लिए हमें किसी की सहारा भी लेना पड़ता है । अगर शत्रु आप से बलवान है या आर्थिक से भी बलवान है तो आप ऐसे सूत्रों से नाही पैसा से मुकाबला कर सकते हैं और ना ही अपनी शक्ति से मुकाबला कर सकते हैं ।

 इसलिए हमें वह आसान तरीका अपनाना चाहिए जो कि घर बैठे ही आप अपने शत्रु को विनाश कर सकते हैं चुटकियों में । सबसे पहले आपको यकीन रखना बहुत जरूरी है कोई भी चीज साधना हो पूजा हो या किसी परीक्षा लेना हो तो आपको यकीन करना ही है । मंत्रों में इतना शक्ति होती हैं जो उसे आप स्वयं सिद्ध करके किसी भी शत्रु को विनाश कर सकते हैं ।

 जो मित्रों भगवान शत्रु नाशक शिव मंत्रों के लिए लंबे दिनों तक इंतजार कर रहे हैं आज मैं उन्हीं लोगों के लिए यह शत्रु नाशक शिव मंत्रों लेकर आया जिसके जरिए आप अपने कोई भी शत्रु को विनाश कर सकते हैं । 

भगवान शिव ही एक ऐसा देवता है जो  इंसान से लेकर दयत्ता, दानव, शैतान इन सभी भगवान शिव से बड़ी आसानी से वरदान प्राप्त करते हैं और कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं । क्योंकि भगवान शिव बहुत भोले हैं उनके नाम लेने मात्र ही सब भूल जाते हैं कौन इंसान है और कौन शैतान हैं यह सब नहीं देखते हैं । इसलिए भगवान शिव की साधना कैसे करें ताकि आपके आने वाले शत्रु का विनाश हो जाए ।

भगवान राम जब लंकापति रावण के साथ युद्ध करने गए थे सर्वप्रथम भगवान शिव की साधना की थी । ताकि भोलेनाथ की वरदान से रावण को आसानी से परास्त कर सके । उसके बाद महाभारत में सर्वप्रथम अर्जुन ने महादेव के कृपा पाने के लिए बहुत दिनों तक तपस्या की थी बाबा भोलेनाथ प्रसन्न होकर अर्जुन को अस्त्रों प्रदान किया था । जिसके कारण महाभारत में पांडवों ने विजय प्राप्त की ।

मित्रों आप भी अगर इसी प्रकार शत्रु को विनाश करना चाहते हैं तो बस कुछ दिन भगवान शिव के साधना करना होगा जिसके जरिए आप अपने शत्रु को बड़ी आसानी से परास्त कर सकते हैं ।

कैसे करें भगवान शिव की साधना ?

सर्वप्रथम पंचामृत, गंगाजल और फूल और नैवेध्य आदि से भोलेनाथ का पूजन करें। पंचमुखी रुद्राक्ष की छोटे दानों वाली माला भोलेनाथ को पहना दीजिए अफेयर दूसरी माला से जप करना चाहिए। साधना के बाद यह माला दिव्य हो जाती हैं। इसके बाद एक पाठ रुद्राष्टक का करें  मंत्र जप की सिद्धि के लिए प्रार्थना करें। अब अपनी संकल्प शक्तिअनुसार ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।

ध्यायेन्नितय् महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रावतंसं ,

रत्नाकल्पोज्ज्व्लाङ्ग परशुमृगवराभीति हस्तं प्रसन्नम् !

पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैव्याघ्रकृत्तिं वसानं,

विश्ववाध्यम विश्ववध्यम निखिल भयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रं !

ॐ श्री उमामहेश्वराभ्यां नमः आवाहयामि, स्थापयामि पूजयामि

यह मंत्र 108 बार जप करने से 

सिद्ध हो जाता है ।

मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद एक पाठ रुद्राष्टक का ओर दोबारा गुरु मंत्र का करें। पूरा दिन यहीं क्रम करें। मंत्र साधना में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन, भूमिशयन करें।

लगातार इस मंत्रों का जप करके साधना एवं पूजा करें।  ऐसे साधना से भोलेनाथ बहुत जल्द ही प्रसन्न होकर आपको कृपा प्रदान करेंगे माना जाता है कि भोलेनाथ जिस पर कृपा करते हैं कितने भी बड़े शत्रु क्यों ना हो वह पल भर में विनाश हो जाति हैं ना कोई शत्रु होते हैं और ना कोई संकट आते हैं । ऐसे भक्तों को हमेशा रक्षा करते हैं भोलेनाथ इसलिए भक्ति और श्रद्धा के साथ  साधना करें जिसके जरिए अपने शत्रु को नष्ट कर सकते हैं ।

शत्रु का नाश करने के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

शत्रु नाश के लिए आर्थिक और शारीरिक हानि पहुंचाने का प्रयास कर रहे हों तो शत्रु का नाम लेते हुए शिवलिंग पर काले तिल और उड़द अर्पित करें। शिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 21 दिनों तक शिवलिंग पर प्रतिदिन जल अर्पित करें।

अपने दुश्मनों का नाश कैसे करें?

आइए आपको बताते हैं कि आखिर आरती के जरिए कैसे आप अपने शत्रुओं को शांत रख सकते हैं..
पहला उपाय - भगवान शिव की उपासना.
दूसरा उपाय - हनुमान जी की उपासना.
तीसरा उपाय - श्री नृसिंह उपासना.
चौथा उपाय- मां बगलामुखी उपासना.

नमक से शत्रु का नाश कैसे होगा?

घर शौचालय में डाल दे एक चुटकी नमक ||सिर्फ 10 मिनट में आपका दुश्मन पागल होगा ||शत्रु को पागल कैसे करे

शत्रु नाशक मंत्र कौन सा है?

यदि शत्रु कमजोर करना हो या दुश्मन पर विजयश्री की अभिलाषा हो तो जपें यह सिर्फ यह मंत्र : 'पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा।। '

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