शरीर में खून नहीं बनता है तो क्या करें? - shareer mein khoon nahin banata hai to kya karen?

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एनीमिया से भी ज्यादा खतरनाक है अप्लास्टिक एनीमिया, जानें किस वजह से शरीर में नहीं बनता खून

What is Aplastic Anemia: उत्तरप्रदेश की एक युवती में हार्मोन और खून संबंधित दुर्लभ बीमारी मिलने से डॉक्टर परेशान हैं। केजीएमयू हिमैटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का दावा है कि अमेरिका के बाद...

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 30 Sep 2021 12:19 PM

What is Aplastic Anemia: उत्तरप्रदेश की एक युवती में हार्मोन और खून संबंधित दुर्लभ बीमारी मिलने से डॉक्टर परेशान हैं। केजीएमयू हिमैटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का दावा है कि अमेरिका के बाद एप्लास्टिक एनीमिया नाम की इस बीमारी का यह दुनियाभर में दूसरा मामला है। यूपी की इस युवती में हार्मोन और खून संबंधित दुर्लभ राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन जनित एप्लास्टिक एनीमिया बीमारी मिली है। डॉक्टरों के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि इस युवती में जेनेटिक्स बीमारी राबर्टसोनियन ट्रांसलोकेशन की वजह से एप्लास्टिक एनीमिया हुआ। यह केस स्टडी जरनल ऑफ क्लीनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। आइए जानते हैं आखिर क्या है अप्लास्टिक एनीमिया, इसके लक्षण और बचाव के उपाय। 

क्या है अप्लास्टिक एनीमिया-
अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान अधिक महसूस होती है, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और अनियंत्रित रक्तस्राव होता है। अप्लास्टिक एनीमिया खून की कमी से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम हो जाता है। इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

कुछ वैज्ञानिक के अनुसार ऑटोइम्युन रोग के कारण भी अप्लास्टिक एनीमिया विकार विकसित होने का जोखिम बना रहता है। ऐसा, इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बोन मेरो के भीतर स्टेम कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लगते है। कुछ लोगो में पुरानी बीमारी के इतिहास के होने की वजह से भी अप्लास्टिक एनीमिया के विकार का जोखिम बना रह सकता है।

कितने तरह का होता है अप्लास्टिक एनीमिया-
अप्लास्टिक एनीमिया किसी भी उम्र और लिंग को हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा इस रोग का खतरा टीनेज और 20 वर्ष की उम्र में अधिक बना रहता है। बता दें,  पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान ही बना रहता है। अप्लास्टिक एनीमिया दो तरह के होते है-
-एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया (Acquired Aplastic anemia)
-इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया (Inherent Aplastic anemia) 

-एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया-
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने की वजह से यह स्थिति पैदा होती है। एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया के मुख्य कारण ये हैं-
-एचआईवी वायरस का संक्रमण
-दवाओं का अधिक सेवन
-कीमोथेरेपी 

-इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया-
इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया खराब जीन की वजह से होता है और यह बच्चों और यंग एडल्ट्स में ही देखा जाता है। इस तरह के एनीमिया से व्यक्ति को ल्यूकेमिया और अन्य तरह के कैंसर (Cancer) होने का खतरा अधिक बना रहता है। 

अप्लास्टिक एनीमिया के कारण- (Causes of Aplastic anemia)
अप्लास्टिक एनीमिया रोग हड्डियों में मौजूद बोन मैरो के अंदर पाई जाने वाली स्टेम सेल को नुकसान पहुंचने की वजह से होता है। बोन मैरो,में मौजूद स्टेम सेल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, इनके क्षतिग्रस्त होने पर शरीर में लाल और सफ़ेद रक्त कोशिका व प्लेटलेट्स का निर्माण नही हो पाता। अप्लास्टिक एनीमिया रोग के प्रमुख कारण ये हैं-
-कीमोथेरेपी।
-कुछ खास दवाओं का अधिक उपयोग
-ऑटोइम्यून संबंधी समस्या
-वायरल इन्फेक्शन
-प्रेगनेंसी
-बेंजीन जैसे रसायनों की वजह से
-नॉनवायरल हेपेटाइटिस

अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण-
-सांस संबंधी समस्या
-थकान
-धड़कन का अचानक बढ़ जाना
-त्वचा का पीला पड़ना
-लंबे समय तक इन्फेक्शन का रहना
-नाक और मसूड़ों से खून आना
-किसी भी चोट की जगह पर लंबे समय तक खून का बहना
-शरीर पर लाल रंग के चकत्तों का पड़ना
-सिर चकराना
-सरदर्द
-बुखार
-छाती में दर्द

कैसे की जाती है अप्लास्टिक एनीमिया रोग की जांच-   
अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए CBC यानी कम्प्लीट ब्लड काउंट के टेस्ट का विकल्प चुना जाता है। इसके अलावा बोन मैरो बायोप्सी भी अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने का एक खास तरीका है। 

अप्लास्टिक एनेमिया का इलाज- 
अप्लास्टिक एनीमिया रोग के लक्षण दिखने पर डॉक्टर इसकी पहचान के लिए कई तरह के टेस्ट करते हैं। अगर यह बीमारी किसी को गंभीर रूप से है तो उसका इलाज बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए होता है। बीमारी की स्थिति गंभीर नही होने पर चिकित्सक दवाइयों के सहारे इसका इलाज करते हैं। शरीर को इन्फेक्शन से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटी-फंगल दवाएं भी दी जाती हैं। अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जांच और बोन मैरो टेस्ट किया जाता है।

शरीर में खून नहीं बनने का कारण क्या है?

खून की कमी को मेडिकल भाषा में एनीमिया (Anemia) कहा जाता है। यह रोग तब होता है, जब लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) में हीमोग्लोबिन ( hemoglobin) का लेवल कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन आरबीसी में एक प्रोटीन है, जो ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है।

शरीर में खून नहीं बनता तो क्या करें?

-पालक में आयरन होता है. इसके सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है. अगर आप एनीमिया के शिकार हैं तो आपको खाने में टमाटर जरूर खाना चाहिए. खून की कमी को पूरा करने के लिए टमाटर बहुत काम की चीज है.

सबसे ज्यादा खून बढ़ाने वाला फल कौन सा है?

इस फल का नाम अनार है. इससे बॉडी में सबसे तेज खून बनता है.

सबसे ज्यादा खून क्या खाने से बढ़ता है?

चुकंदर- शरीर में आयरन की कमी को दूर करने का सबसे अच्छा स्रोत चुकंदर है. ... .
पालक- पालक में भी भरपूर आयरन होता है. ... .
अनार- आयरन की कमी को दूर करने के लिए अनार भी अच्छा है. ... .
तुलसी- तुलसी की पत्तियों से खून की कमी को कम किया जा सकता है. ... .
अंडा- अंडे में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है..

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