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Rakesh Jha| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 23, 2022, 2:00 AM
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घर में रखें शंख, जानिए 8 चमत्कारी फायदे
शंख को धार्मिक दृष्टि से बहुत ही पवित्र माना जाता है। क्योंकि धार्मिक ग्रंथों में इसे भगवान विष्णु और लक्ष्मी का प्रिय बताया गया है। लेकिन शैव मत में शंख को पूजा मे वर्जित माना गया है यही कारण है कि भगवान शिव की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं होता है।
शंख कैसे उत्पन्न हुआ
इसके पीछे कथा यह है कि शंख को विष्णु भक्त शंखचूर नामक असुर से उत्पन्न माना जाता है जिसका वध भगवान शिव ने किया था। यह तो शंख के उत्पन्न होने की धार्मिक कथा और धार्मिक महत्व की बात हुई लेकिन व्यवहारिक जीवन में शंख के इतने फायदे हैं कि जानकर आप अपने घर में शंख जरूर रखेंगे।
इसलिए नियमित बजाएं शंख
” शंख शब्दो भवेद् यत्र, तत्र लक्ष्मीश्च सुस्थिरा” यानी कहा गया है कि जहां शंख की ध्वनि होती है वहां लक्ष्मी निवास करती है। इसलिए नियमित घर में शंख ध्वनि करनी चाहिए।
शंख जल के फायदे
ब्रह्मवैवर्त पुराण में लिखा है कि शंख में जल भरकर पूजा स्थल में रखना चाहिए। इस जल को जहां भी छिड़का जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता है यानी वहां से नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है। शंख में जल भरकर ईशान दिशा में रखने से परिवार में परस्पर तालमेल बढ़ता है।
वाणी और बुद्धि के लिए फायदेमंद शंख
बच्चों को शंख में जल भरकर पिलाने से उनकी आवाज साफ होती है एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
प्राकृतिक आपदा में शंख
कुछ स्थानों पर ऐसी भी मान्यता है कि शंख ध्वनि से प्राकृतिक आपदा से रक्षा होती है। इसलिए प्राकृतिक आपदा, यहां तक कि भूकंप आने पर भी लोग शंख बजाते हैं।
कुण्डली में सूर्य के प्रतिकूल होने पर
कुण्डली में सूर्य के प्रतिकूल होने पर हृदय रोग की आशंका रहती है। नियमित शंख बजाने से इस रोग की आशंका कम होती है।
नकारात्मक उर्जा और शंख
वराह पुराण में बताया गया है कि शंख की ध्वनि से सात्विक उर्जा का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा का लोप होता है। यानी ऐसे स्थान पर जादू-टोना और दूसरी नकारात्मक शक्तियों का भय नहीं रहता।
वैवाहिक जीवन में शंख
ऐसी मान्यता है कि दक्षिणवर्ती शंख से शालिग्राम और लक्ष्मी की पूजा करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है एवं वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल बढ़ता है।
नजर दोष में लाभकारी शंख
नजर दोष की आशंका होने पर दक्षिणवर्ती शंख में जल भरकर छिड़कने से लाभ मिलता है।
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घर में भगवान विष्णु का होता है वास
सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है और इसे घर के मंदिर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में शंख को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का बहुत प्रिय बताया गया है। इसलिए माना जाता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां भगवान विष्णु का वास होता है, और जहां भगवान विष्णु होंगे वहां महालक्ष्मी स्वयं आ जाती हैं। घर पर शंख रखने का केवल धार्मिक पहलू ही नहीं बल्कि शंख को बजाना सेहत की दृष्टि से भी बहुत लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं शंख बजाने के फायदे…
शंख का महत्व
शंख में जल भरकर पूजा स्थल पर रखना चाहिए। इस जल को जहां भी छिड़का जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता है यानी वहां से नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है। साथ ही उस जल को बच्चे को पिलाने पर उसकी बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। शंख की ध्वनि से सात्विक उर्जा का संचार होता है और जादू-टोना और दूसरी नकारात्मक शक्तियों का भय नहीं रहता। नियमित शंख बजाने से फेफड़ों का व्यायाम होता है और हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है।
दक्षिणावर्ती शंख घर में रखने के बड़े हैं फायदे
गणेश शंख
समुद्र मंथन के दौरान 8वें रत्न के रूप में गणेश शंख की उत्पत्ति हुई थी। इस शंख की आकृति बिल्कुल गणेशजी जैसी दिखती थी इसलिए इसका नाम गणेश शंख रखा गया। यह शंख दरिद्रतानाशक और धन प्राप्ति का कारक है। गणेश शंख प्रकृति का मनुष्य के लिए अनूठा उपहार है।
दक्षिणावर्ती शंख
दक्षिणावर्ती शंख का घर में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शंख को घर में बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। दक्षिणावर्ती शंख को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है और इसके पूजन से लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है।
कौरी शंख
कामधेनु शंख
कामधेनु शंख को गौमुखी भी कहा जाता है। यह शंख कामधेनु गाय के मुख जैसी रूपाकृति का होने की वजह से इसे गोमुखी कामधेनु शंख कहा जाता है। कहते हैं इस शंख की पूजा करने से तर्कशक्ति प्रबल होती है। इसे कलयुग में मनोकामना पूर्ति का साधन बताया गया है।
वामवर्ती शंख
वामवर्ती शंख को बांए हाथ से बजाया जाता है। इसके बजाने के लिए एक छिद्र होता है। यह शंख नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकालने में सक्षम होता है। इसके घर पर रहने से हमेशा सुख-शांति का वास होता है। यह शंख आसानी से मिल जाता है।
कृष्ण का पाञ्चजन्य शंख
महाभारत काल के दौरान भगवान कृष्ण के पास पाञ्चजन्य शंख था। बताया जाता है कि इस शंख की आवाज कई किमी तक पहुंचती थी। अब यह शंख मौजूद नहीं है। बताया जाता है कि भारत में कहीं पर यह शंख आज भी मौजूद है। कुछ लोग कहते हैं कि यह आदि बद्री में सुरक्षित रखा है। वैसे ही पौण्ड्र शंख भीष्म के पास और युधिष्ठिर के शंख का नाम अनंतविजय था। अर्जुन के शंख का नाम देवदत्त था।
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हीरा शंख
मोती शंख
मोती शंख को घर में स्थापित करने पर सुख-शांति का वास होता है। साथ ही यह हृदय रोगनाशक भी माना गया है। इसकी हर रोज पूजा करने पर आर्थिक उन्नति होती है। अगर इस शंख को कारखाना, दुकान या ऑफिस में रखेंगे तो कभी भी आपको व्यापार घाटा नहीं होगा।