सोयाबीन भिगो के खाने से क्या फायदा? - soyaabeen bhigo ke khaane se kya phaayada?

सोयाबीन एक तरह का दलहन है, जिसका उपयोग खाने और तेल निकालने के लिए किया जाता है। यह पोषक तत्वों का खजाना है, जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। सोयाबीन को पेड़-पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। इसलिए, शाकाहारी लोगों को इसे अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस (एक तरह का बायोएक्टिव कंपाउंड) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से रोकते हैं। इससे जल्दी फ्रैक्चर होने का खतरा नहीं होता(1)। इस लेख में हम सोयाबीन खाने के फायदे और सोयाबीन कैसे बनता है इसकी जानकारी देंगे।

विषय सूची

  • सोयाबीन क्या हैं – What is Soya bean in Hindi
  • सोयाबीन के फायदे – Benefits of Soybean in Hindi
  • सोयाबीन के पौष्टिक तत्व – Soybean Nutritional Value in Hindi
  • खाने में सोयाबीन का उपयोग कैसे करें – How to Use Soya bean in Hindi
  • सोयाबीन के नुकसान – Side Effects of Soybean in Hindi

सोयाबीन क्या हैं – What is Soya bean in Hindi

सोयाबीन के बीज क्रीम रंग के होते हैं। इनके सेवन से शारीरिक और मानसिक स्थिति को सुधार करने में सहायता मिलती है। इसकी खेती सबसे पहले चीन में की गई थी, लेकिन आज पूरे एशिया में इसकी अच्छी उपलब्धता है। सोयाबीन वसा का अच्छा और सस्ता स्रोत माना जाता है। इससे दूध, टोफू, सोया सॉस व बीन पेस्ट बनाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले गुण के कारण डॉक्टर भी सोयाबीन खाने की सलाह देते हैं (1)।

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इस लेख के आगे के भाग में सोयाबीन खाने के फायदे के बारे में जानकारी देंगे ।

सोयाबीन के फायदे अनेक हैं, जिसमें से कुछ के बारे में हम आगे जानकारी दे रहे हैं । इन्हें जानने के बाद आप अपने खाने में सोयाबीन को जरूर शामिल करना चाहेंगे।

1. मधुमेह के लिए सोयाबीन के फायदे

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शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मधुमेह की समस्या बढ़ सकती है। इसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड की श्रेणी में गिना जाता है, जिसमें कार्बोहाड्रेट और वसा की कम मात्रा होती है। इसलिए, मधुमेह में सोयाबीन का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है । इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन ग्लूकोज को नियंत्रित करता है और इंसुलिन में आने वाली बाधा को कम कर सकता है। साथ ही सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने उत्पादों का सेवन मधुमेह के मरीज के लिए उचित माना गया है (1) (2)।

2. हड्डियों के लिए

सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत होती है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन (इसे फीमेल हार्मोन भी कहते है) और हड्डियों के सुरक्षा में भी सहायक होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स (phytoestrogens) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं (3)।

3. हृदय के लिए सोयाबीन के फायदे

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सोयाबीन खाने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और हृदय रोग को रोकने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। सोयाबीन का सेवन करने से रक्त संचार को प्रभावित करने वाले कण को कम किया जा सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि सोयाबीन के सेवन से हृदय संबंधी रोग से दूर रहा जा सकता है (4)।

4. वजन घटाने के लिए

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एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह पता चलता है कि सोयाबीन के सेवन से शरीर के वजन और चर्बी को कम किया जा सकता है। दरअसल, सोयाबीन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, जिन्हें पचाने के लिए शरीर को ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ती है। इससे शरीर की एनर्जी का सही उपयोग हो सकता है और फैट बनने से रोकने में मदद मिल सकती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को थर्मोजेनिक फूड्स की श्रेणी में गिना जाता है (5) (6)। इसके सेवन के साथ-साथ व्यायाम पर भी ध्यान देना जरूरी है।

[ पढ़े: वजन और मोटापा घटाने के असरदार तरीके ]

5. कैंसर के लिए

सोयाबीन के फायदों के बारे में बात करें, तो इनमें से एक कैंसर से बचाव भी शामिल है। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि सोयाबीन में आइसोफ्लेवोंस (एक तरह के रासायनिक कंपाउंड) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही सोयाबीन को फाइटोकेमिकल्स के समूह का भी मुख्य स्रोत माना गया है। ऐसे में ये दोनों तत्व एंटीकैंसर के रूप में अपना असर दिखा सकते हैं। सोयाबीन के सेवन से स्तन और गर्भाशय से संबंधित कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है (7)।

6. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में

सोयाबीन के फायदे की बात हो रही है, तो आपको बता दें कि इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी फायदेमंद है। सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले आइसोफ्लेवोंस आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करते हैं। सोयाबीन के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा तो कम होती है, लेकिन अच्छे कोलेस्ट्रॉल पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता (8)।

7. रक्तचाप के लिए सोयाबीन के फायदे

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सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इससे बने सप्लीमेंट्स को लेने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाने के लिए सोयाबीन प्रोटीन से बने सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है (9)।

8. माहवारी में सहायक

सोया उत्पादों में प्लांट एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के निर्माण में मदद करते हैं। इसके सेवन से मासिक धर्म नियमित रूप से आते हैं। साथ ही बांझपन और रजोनिवृत्ति से पहले होने वाली समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय डिसमेनोरिया का सामना करना पड़ता है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें महिला को गर्भाशय में असहनीय दर्द होता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक के अध्ययन अनुसार, जो महिलाएं रेड मीट के मुकाबले अधिक सोया खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, उन्हें डिसमेनोरिया से जल्द राहत मिल सकती है। साथ ही प्रीमेन्स्ट्रुअल से भी आराम मिलता है। मासिक धर्म से पहले होने वाली विभिन्न समस्याओं को प्रीमेन्स्ट्रुअल कहा जाता है (10) (11)।

9. नींद और अवसाद के लिए

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सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन (एक तरह का हार्मोन) गुण होता है (2), जो रासायनिक संरचना में मानव एस्ट्रोजन से मिलता-जुलता है। एस्ट्रोजन नींद के अवधि में वृद्धि करता है। एक रिसर्च से यह पता चलता है कि सोयाबीन का सेवन नींद के लिए लाभकारी हो सकता है (12)। नींद पूरी होने से अवसाद की समस्या भी दूर हो सकती है। बुजुर्गों में अवसाद की समस्या होना आम बात है, ऐसे में सोयाबीन का सेवन उनके लिए लाभकारी हो सकता है (13)।

10. त्वचा के लिए

सोयाबीन के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी व कोलेजन (प्रोटीन का समूह) के गुण पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर त्वचा को खिला-खिला और जवां बनाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को अल्ट्रा वाइलेट किरणों से भी सुरक्षा पहुंचाता है (14)। इससे बनी क्रीम के उपयोग से भी त्वचा को लाभ पहुंचता हैI

11. बालों के लिए

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सोयाबीन के फायदे में से एक फायदा बालों के लिए भी है। सोयाबीन के बीज में फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-सी, और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ये बालों के विकास और मजबूती के लिए सहायक होते हैं। इसमें आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है, जो बालों को झड़ने से रोकने में सहायता पहुंचता है (15)।

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इस लेख के अगले भाग में हम सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।

सोयाबीन के पौष्टिक तत्व – Soybean Nutritional Value in Hindi

सोयाबीन पौष्टिक तत्वों का भंडार होता है। इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं और उनमें उनकी मात्रा कितनी होती है, आइए जानते हैं (16) :

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 Gमिनरल्सविटामिन्सलिपिड
पानी 67.5 g
ऊर्जा 147 kcal
प्रोटीन 12.95 g
टोटल लिपिड (फैट) 6.8 g
कार्बोहाइड्रेट 11.05 g
फाइबर , टोटल  डाइटरी 4.2 g
कैल्शियम ,Ca 197 gm
आयरन ,Fe 3.55 mg
मैग्नीशियम , Mg  65 mg
फास्फोरस ,P 194 mg
पोटैशियम ,K 620 mg
सोडियम ,Na 15  mg
जिंक ,Zn 0.99 mg
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 29 mg
थाइमिन 0.435 mg
राइबोफ्लेविन 0. 175 mg
नियासिन 1.65 mg
विटामिन बी -6 0. 065 mg
फोलेट DFE 165 µg
विटामिन ए ,RAE 9 µg
विटमिन ए ,IU 180 IU
फैटी एसिड्स , टोटल सैचुरेटेड 0. 786 g
फैटी एसिड्स टोटल मोनोसैचुरेटेड 1.284 g
फैटी एसिड्स , टोटल पोलयूंसैचुरेटेड 3.2 g

आगे हम सोयाबीन के उपयोग की जानकारी दे रहे हैं।

खाने में सोयाबीन का उपयोग कैसे करें – How to Use Soya bean in Hindi

सोयाबीन ऐसा दलहन है, जिसे अनेक प्रकार से उपयोग किया जा सकता है (6)। इस लेख में सोयाबीन खाने की विधि की जानकारी के साथ सोयाबीन कैसे बनता है, यह भी बताएंगे ।

  • सोयाबीन के बीजों की सब्जी बनाई जा सकती है।
  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस यानी जिन लोगों को गाय का दूध डाइजेस्ट नहीं होता है, वे सोया मिल्क का उपयोग कर सकते हैं। सोया मिल्क में कम कैलोरी, कम फैट और अधिक प्रोटीन होता है।
  • सोयाबीन से बड़ी और सोया दूध से टोफू बनाया जाता है, जिसकी सब्जी बनाई जा सकती है।
  • सोयाबीन को सूप की तरह भी उपयोग किया जाता है।
  • सोयाबीन को अंकुरित करके भी खाया जा सकता है।
  • सोयाबीन से तेल निकालकर सब्जी बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • सोयाबीन का उपयोग क्रीम बनाने में भी किया जाता है।

सोयाबीन की सब्जी बनाने की विधि :

1. सोयाबीन-आलू करी

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सामग्री :

  • 50 ग्राम सोयाबीन बड़ी
  • 200 ग्राम आलू
  • 2 टमाटर
  • 2 प्याज
  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 2 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1 चम्मच गरम मसाला
  • 2 हरी मिर्च
  • आधा चम्मच अदरक पेस्ट
  • थोड़े धनिया पत्ते
  • 2 कप पानी
  • तेल आवश्यकतानुसार
  • नमक स्वादानुसार

विधि :

  • कढ़ाई को गैस पर रखकर तेल गर्म करें।
  • फिर सोयाबीन बड़ी को भून कर निकाल लें।
  • फिर उसी तेल में प्याज व हरी मिर्च को डालकर सुनहरा होने तक भून लें।
  • प्याज भुनने के बाद उसमें आलू डाल दें।
  • उसके बाद टमाटर और स्वादानुसार नमक डालें।
  • टमाटर को गलने दें, फिर सोयाबीन को भी डाल दें।
  • साथ ही अदरक पेस्ट, हल्दी, धनिया, मिर्च और गरम मसाला पाउडर भी डालें।
  • थोड़ी देर सामान्य आंच पर पकने दें।
  • फिर उसमें पानी डालकर थोड़ी देर पानी को सूखने दें। ध्यान रहे कि करी पूरी तरह नहीं सूखनी चाहिए।
  • गैस बंद करने के बाद ऊपर से धनिया पत्ते बारीक काटकर डालें।
  • इस सोया-आलू करी को आप रोटी या चावल किसी के साथ भी खा सकते हैं।

अब जानिए सोयाबीन के नुकसान के बारे में।

सोयाबीन के नुकसान – Side Effects of Soybean in Hindi

सोयाबीन हो या कोई अन्य खाद्य पदार्थ आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन करने पर आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

  • सोयाबीन के उपयोग से एलर्जी की समस्या होना आम है।
  • सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन पाए जाते हैं। इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता में कमी आ सकती है (17)।
  • सोयाबीन का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से यौन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है (17)।
  • सोयाबीन का सेवन अधिक मात्रा में करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

सोयाबीन खाने के फायदे अनेक हैं। इसलिए, इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए, तो सोयाबीन के नुकसान से डरने की जरूरत नहीं है। सोयाबीन को अपने डायट चार्ट में शामिल कर, स्वाद के साथ-साथ इसके गुणों का भी लाभ उठाएं। नियमित रूप से और सीमित मात्रा में सोयाबीन खाने से आप स्वस्थ और तंदुरुस्त जीवन का आनंद ले सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी और रोचक जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

और पढ़े:

  • कुलथी दाल (Kulthi Dal) के 11 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • चिया बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान
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  • मटर के 23 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • अलसी के फायदे, उपयोग और नुकसान

Sources

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    1. Soy and Health Update: Evaluation of the Clinical and Epidemiologic Literature
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5188409/
    2. Antidiabetic effects of fermented soybean products on type 2 diabetes
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20116654/
    3. Soy foods: are they useful for optimal bone health
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3383497/
    4. Soy protein supports cardiovascular health by downregulating hydroxymethylglutaryl-coenzyme A reductase and sterol regulatory element-binding protein-2 and increasing antioxidant enzyme activity in rats with dextran sodium sulfate-induced mild systemic inflammation
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22153518/
    5. Soy isoflavone supplementation could reduce body weight and improve glucose metabolism in non-Asian postmenopausal women–a meta-analysis
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22858192/
    6. Role of Dietary Soy Protein in Obesity
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1838825/
    7. Soybean products and reduction of breast cancer risk: a case–control study in Japan
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2361487/
    8. Soy isoflavones lower serum total and LDL cholesterol in humans: a meta-analysis of 11 randomized controlled trials
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17413118/
    9. Effect of soybean protein on blood pressure: a randomized, controlled trial
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15998749/
    10. Effects of soy foods on ovarian function in premenopausal women
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2363237/
    11. Intake of dietary soy isoflavones in relation to perimenstrual symptoms of Korean women living in the USA
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16764563/
    12. Relationship between daily isoflavone intake and sleep in Japanese adults: a cross-sectional study
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4696198/
    13. Soybeans or Soybean Products Consumption and Depressive Symptoms in Older Residents in Rural Northeast China: A Cross-Sectional Study
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26482689/
    14. Dermatological and cosmeceutical benefits of Glycine max (soybean) and its active components
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25850195/
    15. Soybean, Nutrition and Health
      //cdn.intechopen.com/pdfs/42663/InTech-Soybean_nutrition_and_health.pdf
    16. Soybeans, green, raw
      //ndb.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169282/nutrients
    17. Soy and phytoestrogens: possible side effects
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4270274/

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पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more

Neha Srivastava - Nutritionist M.Sc -Life Science PG Diploma in Dietetics & Hospital Food Services. I am a focused health... more

सोयाबीन के बीज भिगोकर खाने से क्या होता है?

इससे इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है। शरीर के टिशू, सेल्‍स को बेहतर करने में मदद करता है। अंकुरित सोयाबीन खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, आयरन का बेहतरीन स्त्रोत है, वजन घटाने का बेहतरीन उपाय है और ठंड में हड्डियों को मजबूत करता है।

सुबह खाली पेट सोयाबीन खाने से क्या होता है?

सोयाबीन का सेवन मानसिक संतुलन को बेहतर बनाकर दिमाग को तेज करने का काम करता है. सोयाबीन का सेवन दिल के रोगों में भी काफी फायदेमंद है. सोयाबीन में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स कई तरह के कैंसर रोकने में मददगार होते हैं. सोयाबीन में पाए जाने पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं.

कच्चा सोयाबीन खाने से क्या होता है?

यह पोषक तत्वों का खजाना है, जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। सोयाबीन को पेड़-पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। इसलिए, शाकाहारी लोगों को इसे अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस (एक तरह का बायोएक्टिव कंपाउंड) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से रोकते हैं।

सोयाबीन 1 दिन में कितना खाना चाहिए?

सोयाबीन के उत्पादों जैसे सोया प्रोटीन को लेकर अक्सर लोगों में एक डर रहता है कि यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ शोध भी बताता है। इस शोध में करीब 12 पुरुषों को लिया गया जिन्हे रोजाना 56 ग्राम सोया प्रोटीन दिया गया।

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