स्वच्छता के लिए हम क्या क्या कर सकते हैं? - svachchhata ke lie ham kya kya kar sakate hain?

स्वच्छता का महत्व

हम सब जानते हैं कि हम रोज़ाना स्वास्थ्य के आने वाले जोखिम से पूरी तरह से अवगत हैं, और इसने स्वच्छता को हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। असल में, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसे नई दुनिया के विशाल रोगों को स्वच्छता की कमी के साथ संबद्ध किया गया है। हम आज बेहतर स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में काम करते हैं, तो इससे निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी को मदद मिलेगी। स्वच्छता एक आदत है जिसे महत्व दिया जाना चाहिए और कम उम्र से ही बच्चों में इसकी शुरुआत की जानी चाहिए। स्वच्छता सिर्फ हमारे शरीर के बारे में नहीं होना चाहिए; इसे हमारे परिवेश को अच्छा बनाए रखने पर भी ध्यान देना चाहिए।

हम देखते हैं कि हम कैसे अच्छी तरीके से स्वच्छता बनाए रख सकते हैं:

  • आत्म स्वच्छता के लिए संकल्प लेना

भारत में कठोर मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, स्वच्छ रहना और अपने प्रियजनों को स्वच्छता के महत्व की शिक्षा देना बेहद जरूरी है। एक भारतीय होने के नाते, हमने हमेशा स्वच्छता के बारे में अपनी कमी देखी है और यह उचित समय है कि हम उस धारणा को बदल दें।

कुछ सुझावों पर नजर डालते हैं जिनसे आपको स्वच्छ रहने में मदद मिलेगी:

  • सुनिश्चित करें कि आप एक प्रतिदिन पर दो बार अपने दांतों को ब्रश करें। चिकित्सकीय स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है क्यूंकि आपके दाँत आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं अगर ठीक से देखभाल नहीं करें तो
  • सुनिश्चित करें कि आप दैनिक स्नान करें, और मौसम की स्थिति पर निर्भर होते हुए, दो बार स्नान करने से परहेज़ न करें, अगर ज़रूरी लगे। स्नान वास्तव में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से एक शहर जहां नमी और प्रदूषण बैक्टीरिया को तेजी से जन्म देती है।
  • एक क्लिनिकल मास्क पहनें अगर आप अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं। एक नियमित आधार पर प्रदूषकों के संपर्क में आना आपके शरीर में विष का स्तर बढ़ाकर श्वसन समस्याओं को जन्म दे सकता है।
  • हमेशा धुले हुए कपड़े पहनें। एक ही अनधुले कपड़े पहनना त्वचा रोग की विविधता बढ़ा सकते हैं। आप अपने कपड़े धोने के लिए मल्टी यूज़ हाइजीन लिक्विड का प्रयोग कर एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर जोड़ सकते हैं
  • हमेशा अपने गुप्तांग बेहद साफ रखें। बैक्टीरिया और संक्रमण के लिए वहां से प्रसार करना बहुत आसान है।
  • नियमित अंतराल में अपने हाथ धोयें। हम कई अशुद्ध स्थानों को लगभग हर कुछ मिनट में छूते हैं।

हमें समझना है कि कैसे हम अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रख सकते हैं:

  • अपशिष्ट का निपटान तुरंत करें। अगर अपशिष्ट पदार्थ ठीक से संभाला नहीं गया तो यह निमोनिया, पीलिया, और तपेदिक जैसी घातक बीमारियों का प्रकोप बढ़ा सकता है। इतिहास गवाह है कि महामारी का सबसे बड़ा कारण अनुचित अपशिष्ट निपटान रहा है।
  • हमेशा अपने घर को साफ रखें। अपने शौचालय और किचन को रोगाणुमुक्त रखें। अत्यधिक प्रभावी किचन जैल बाजार में उपलब्ध हैं जो सफाई और कई सतहों को जीवाणु-रहित करने में मदद करते हैं। जो त्वचा परीक्षण किये गए और हाथों पर सुरक्षित हैं, उन्हें चुनें।
  • पास के रिहायशी इलाकों में अपशिष्ट निपटान न करें
  • कभी सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें न पेशाब करें।

Solution : स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों को निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए(1) स्वच्छता के लिए विद्यार्थियों का पहला कर्तव्य है कि वे स्वयं के शरीर की सफाई रखें, इसके लिए नित्य स्नान करें, साफ कपड़े पहनें। (2) शौच जाने के उपरान्त हाथों को साबुन से धोएँ। (3) अपने नाखूनों को काटें जिससे उनमें गन्दगी न रहे। क्योंकि नाखूनों में भरी गन्दगी मुँह में पहुँच कर संक्रमण का कारण बन जाती है। (4) अपने घर और स्कूल की साफ-सफाई में अपना पूरा सहयोग करना चाहिए। (5) स्वयं कचरा नहीं फैलाना चाहिए और ढके पात्र का ही पानी हाथ धोकर उससे लेकर पीना चाहिए। बाद में उसे ढक देना चाहिए। (6) हमेशा खाना खाने से पहले हाथ धो लेना चाहिए। | (7) बाजार की खुली चीजें खरीद कर कभी भी नहीं खानी चाहिए। (8) कच्ची सब्जी व फलों को हमेशा अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए। (9) गन्दे पैरों को कभी भी बिछौने पर नहीं रखने चाहिए। (10) बाल्टी को धोकर ही स्नान करना चाहिए और उसमें पीने का पानी भरना चाहिए। (11) हमेशा ताजा खाना ही खाना चाहिए। | (12) हमेशा शौचालय का ही प्रयोग करना चाहिए।

प्रस्तावना : साफ-सफाई हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह हमारे जीवन की प्राथमिकता भी है। स्वच्छता जरूरी है क्योंकि साफ-सफाई से हम जीवन में आने वाली कई परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।

स्वच्छता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। सफाई से रहने से जहां शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है। स्वच्छता, सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में अवश्य ही शामिल करना चाहिए।

महात्मा गांधी ने कहा था- 'स्वच्छता ही सेवा है। हमारे देश के लिए, हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है। गंदगी हमारे आसपास के वातावरण और जीवन को प्रभावित करती है। हमें व्यक्तिगत व आसपास भी सफाई अवश्य रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

स्वच्छता का महत्व- अभी कोरोना काल में रोगियों की बढ़ती जनसंख्या एवं अस्पतालों में साफ-सफाई को ध्यान देने की आवश्यकता से यह बात और भी स्पष्ट हो गई है कि जीवन में स्वच्छता की कितनी जरूरत है।


जीवन में स्वच्छता से तात्पर्य स्वस्थ होने की अवस्था से भी है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है, जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना, नाखून काटना, आदि। इसके लिए हमें प्रतिदिन सुबह जैसे ही हम सोकर उठते हैं, अपने दांतों को साफ करना चाहिए। चेहरा, हाथ पैर धोना चाहिए। साथ ही स्नानादि और दैनिक क्रियाओं को समय पर पूर्ण करना चाहिए।

स्वस्थ रहने और शांति से जीवन जीने का अच्छा गुण है। इसके लिए घर के बड़े-बुजुर्गों को और माता-पिता और को अपने बच्चों में इस आदत को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे स्वच्छता के महत्व को समझें।

स्वच्छ भारत अभियान-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर चलाया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है। यह अभियान नई दिल्ली के राजघाट से शुरू किया गया था। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कई योजनाएं शामिल की गई है, जिसमें ग्रामीणों के घरों में शौचालाय निर्माण प्रमुख हैं, जिससे लोग आस पास की स्वच्छता का महत्व समझेंगे और वातावरण को स्वच्छ रखेंगे।

स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के विचार

1. महात्मा गांधी ने कहा था कि राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है।

2. यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नहीं है तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता है।

3. बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांवों को आदर्श बनाया जा सकता है।

4. शौचालय को अपने ड्रॉइंग रूम की तरह साफ रखना जरूरी है।

5. नदियों को साफ रखकर हम अपनी सभ्यता को जिंदा रख सकते हैं।

6. अपने अंदर की स्वच्छता पहली चीज है जिसे पढ़ाया जाना चाहिए। बाकी बातें इसके बाद होनी चाहिए।

7. हर किसी एक को अपना कूड़ा खुद साफ करना चाहिए।

8. मैं किसी को गंदे पैर के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।

9. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ कर देता है।

10. स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह अपना लो कि वह आपकी आदत बन जाए।

प्लास्टिक बंद और वृक्षारोपण- प्लास्टिक मानव जीवन में लगातार जहर घोल रहा है। मानव सुबह से लेकर शाम तक प्लास्टिक का उपयोग करता है। जिसे मानव वरदान की तरह समझता है दरअसल वह पर्यावरण, पशु और हम सभी के लिए बहुत घातक है। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ही आवश्यक है। अत: प्लास्टिक बंद का आह्वान कर कई कड़े कानून बनाए गए। यह भी स्वच्छता के प्रति एक अच्छा सराहनीय कदम है। वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए।

* गंदगी से कई तरह की बीमारियां पैदा होती है जो मानव के विकास में बाधा डालती है। अत: स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वच्छता को अपना कर ही हम बीमारियों को खत्म कर सकते हैं। हमें अपने घर के अलावा आसपास की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

* स्वच्छता को बनाए रखने के लिए हमें इधर-उधर कचरा नहीं भेजना चाहिए। कचरा हमेशा कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए। कहा भी गया है अत: स्वच्छता में ईश्वर का वास होता है। अत: स्वच्छता को अपनाएं और देश को आगे बढ़ाएं। बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांव को आदर्श बनाया जा सकता है। अत: स्वच्छता के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें।

स्वच्छता के लिए हम क्या प्रयास कर सकते हैं?

स्वच्छता के लिए हमें निम्न प्रयास कर सकते हैं..
हमें खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति को त्यागना चाहिए।.
जगह-जगह थूककर, कचरा डालकर गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।.
हमें प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बन्द कर देना चाहिए।.
घर एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर डस्टबिन का उपयोग करना चाहिए।.

स्वच्छता और स्वच्छता हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारे लिए शरीर की भी स्वच्छता बहुत जरूरी है, जैसे रोज नहाना, स्वच्छ कपड़े पहनना, दांतों की सफाई करना, नाखून काटना, आदि। इसके लिए हमें प्रतिदिन सुबह जैसे ही हम सोकर उठते हैं, अपने दांतों को साफ करना चाहिए।

व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए 10 बातें क्या हैं?

व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए 10 बातें क्या है?.
स्वास्थ्य.
सिर की सफाई.
आँख, कान और नाक की सफाई.
मुँह की सफाई.
त्वचा की देखभाल.
हाथ धोना.
शौच के बाद सफाई.
जननांगों की सफाई.

स्वच्छता का महत्व क्या है?

Solution : स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। स्वच्छता रखने से न तो बीमारियाँ बढ़ती हैं, न पेयजल और खाद्य पदार्थ दुषित होते हैं और न पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मानव जीवन सुखमय बनता है। अत: मानव के लिए स्वच्छता सब तरह से आवश्यक है।

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