सड़क दुर्घटना से बचने के लिए क्या-क्या उपाय करना चाहिए - sadak durghatana se bachane ke lie kya-kya upaay karana chaahie

सड़क दुर्घटना से बचने के लिए जब लोगों को हेलमेट लगाने के लिए कहिये, गाडी धीमे चलाने के लिए कहिये तो यह कहते हुए आप की बातों को टाल देते हैं कि वह बहुत सावधानी पूर्वक सड़क पर गाडी चलाते हैं या फिर यह जवाब दते हैं कि उन्हें गाड़ी पर कमांड करना अर्थात कंट्रोल करना आता है. इस तरह का जवाब सरासर मूर्खतापूर्ण होता है.

अगर ऐसे लोगों से कुछ इस तरह से पलट कर प्रश्न करिए कि आप अपने गाडी पर control कर सकते हैं. लेकिन अगर सामने वाला अचानक से गलती कर बैठे तो उसके लिए आप के पास क्या विकल्प होता है तो फिर दांत निपोर के आगे बढ़ जाते हैं.

जब आप किसी हॉस्पिटल के emergency ward के सामने पुरे दिन तक बैठ इस बात का आभास कर सकते हैं की रोड ड्राइव को लेकर लोग तनिक भी चिंतित नहीं है जो खुद के जान को जोखिम में तो डाल ही रहे हैं और उन व्यक्तियों को नुक्सान पहुँचा रहे हैं जो गाडी चलते समय सुरक्षा के नियमों का पालन कर रहे हैं.

ऐसे में इस समस्या से कैसे निपटा जाये इस तरह का उठना स्वाभाविक है? यहाँ हम कुछ बिन्दुओं के बारे बताने जा रहे हैं जो सड़क दुर्घटना पर विराम लगाने में सहयोग प्रदान कर सकता है.

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ट्रैफिक के नियमों को सख्त किये जाने की ज़रूरत है –

Traffic awareness

हम उस स्थान पर भी लोगों को ट्रैफिक के नियम की अवहेलना करते हुए दखते हैं जहाँ ट्रैफिक पुलिस खड़ी होती है. जबकि यह नहीं होना चाहिए. यह सुरक्षा के लियमों में ढुलमुल रवैये के कारण होता है या फिर अगर कानून है तो उसका पालन नहीं होता है, बस इसलिए की यातायात पुलिस ऐसे गलती करने वालों को फाइन करने में तत्परता नहीं दिखाती है.

सरकार को चाहिए की ऐसे यातायात के नियम तोड़ने वालों को दण्डित करने का कड़ा कानून लाये और अगर है तो यातायात पप पुलिस से इसके प्रति जवाब माँगे कि उसने अपने स्पॉट पर ड्यूटी के दौरान कितने लोगों को दंडित किया हैं या फिर कितने लोगों के गाड़ी को जब्त किया है जो यातायात के नियमों का उल्लंघन किये हैं.

सरकार इसके लिए कैमरे लगाये और यातायात पुलिस के एक्टिविटी को मॉनिटर करता रहे कि कहीं भ्रष्टाचार के उगाही के वजह से जो नियम है वह कहीं कागजों तक तो सिमित नहीं है या फिर पुलिस की गतिविधि बस कागजों तक सिमित है और धरातल स्तर पर किसी भी तरह का काम नहीं हो रहा है.

बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने वाले से सख्ती से निपटा जाए-

आज कल युवाओं को एक लंबी जमात है जो अभी गाड़ी के स्टेयरिंग को ठीक से संभालना नहीं जानता और गाडी को सड़क पर लेकर सरपट भाग रहा है तो चिंता का विषय है और जिस तरह से रोड दुर्घटना में युवा अपनी जान गवां रहे हैं उसने यह भी एक कारण है. सड़क पर उन्ही को गाडी चलाने के लिए अनुमति दी जाए जिसके पास लाइसेंस हो. इसके लिए सड़कों पर नियमित जाँच होनी चाहिए, और बिना लाइसेंस के गाडी चलाने वालों के लिए जो दंड का प्रवधान है उसका अनुसरण किया जाए.

लाइसेंस जारी करने वालों पर निगरानी रखी जाए –

यह लगभग सभी लोग जानते हैं कि लाइसेंस जारी करने के लिए जो कायदे कानून हैं उसका अनुसरण नहीं किया जाता है अर्थात बिना test के लाइसेंस जारी करने की अनुमति नहीं होती है लेकिन यह नियम सिर्फ कायदे कानून कागजों तक सिमित हैं. सरकार को चाहिए की उस स्थान पर सीसी टीवी फुटेज लगाया जाए जहाँ पर ट्रायल देने के पश्चात् लाइसेंस जारी करने का नियम होता है. और किसी भी तारीख का फुटेज माँगा कर देखना चाहिए और उस दिन जारी हुए लाइसेंस की संख्या देखनी चाहिए कि जितने लोगों ने ट्रायल दिया हैं उतना ही तो लाइसेंस जारी हुआ है.

अगर विडियो में ट्रायल देते हुए फेल होने वाले को पहचान कर यह तफतीस करनी चाहिए कि कहीं ट्रायल में फेल होने वालों का लाइसेंस तो जारी नहीं कर दिए हैं.

नियम को प्रभाव में लाने का हरसंभव प्रयास –

यातायात सम्बंधित जितने भी नियम कानून बने हैं, उसमें बहुत अधिकतर नियम ऐसे हैं जो लोगों को इसके बारे में पता तक नहीं हैं और इसका सबसे बड़ा कारण ऐसे कानून का प्रभाव में नहीं होना. यातायात के नियमों का पालन नहीं करने के प्रति यातायात पुलिस जिम्मेदार होती है क्योंकि वह लोगों को यह नहीं बता पानी है की यातायात के नियमों का नहीं पालन करने के बाद व्यक्ति को किस तरह के सजा का प्रवधान है. और इस वजह से प्रभाव में नहीं है क्योंकि लोग ऐसे कानून को प्रभाव को न देखा है और न ही इसको पालन नहीं करने के बाद किसी भी तरह के दंड का सामना करना पडा है. इसलिए ज़रूरी है की नियमों को प्रभाव में लाने के लिए दंड दिया जाना चाहिए अगर कोई यातायात के लिए बनाये गए कानून की अवहेलना करता है.

प्रोत्साहन का प्रावधान –

यातायात पुलिस को चाहिए हर रोज किसी एक या दो व्यक्ति को प्रोत्साहन करे जो यातायात के नियमों का पालन कर रहा होता है. अर्थात उस व्यक्ति के पास यातयात सम्बंधित सभी कागजात हो और वह यातायात के नियमों का पालन करते हुए गाडी को ड्राइव कर रहा है. और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक यह बात पहुंचाए. लोगों में जागरूकता लाने का यह सबसे अच्छा माध्यम हो सकता है. यह सड़क दुर्घटना को रोकने में भी अहम् भूमिका निभा सकता है क्योकि सभी लोग यातायात के नियमों को पालन करने के प्रति जागरूक होंगे.

जागरूकता के प्रति अभियान –

लोगों को समय-समय पर अभियान चला कर लोगों के इसके प्रति जागरूक करना चाहिए. जब तक यातायात पुलिस आगे बढ़ कर इसके प्रति जागरूकता अभियान नहीं चलाएगी तब तक सड़क दुर्घटना पर विराम लगाना आसन नहीं होगा और यातायात नियमों के ईमानदारी से पालन करने के प्रति लोग ईमानदार नहीं होंगे.

सारांश –

अगर हम चाहते हैं की सड़क दुर्घटना पर विराम लगे, लोग यातायात के नियमों का पालन करें तो इसके लिए सबसे पहले हमें हम खुद यातायात के नियमों का पालन कर लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा. गाँधी जी ने एक बात कहीं थी दुनिया में आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, वह सबसे पहले कुछ के अन्दर लाये.कहने के लिए यह बहुत छोटी बात है लेकिन यह बहुत बड़ी बात है. हमें खुद आगे आकर यातायात के नियमों का पालन करना चाहिये जिससे की लोग देख कर उसका अनुसरण करें. भारत में लोग देख कर अनुसरण करना जानते हैं. इसलिए चाहिए की जो समझदार और साक्षर लोग हैं उन्हें आगे आकार यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए. जिससे हम होने वाले सड़क दुर्घटना पर विराम लगा सकते हैं.

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सड़क दुर्घटना से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

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सारांश –.

सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण क्या है?

सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में चालक की लापरवाही, यातायात नियमों का उल्लंघन या उसकी ठीक जानकारी न होना, चालक द्वारा नशा करना, पैदल चलने वालों की लापरवाही आदि का समावेश है। इसके अलावा यातायात विभाग भी इसमें समान रूप से जिम्मेदार है।

दुर्घटना से आप क्या समझते हैं?

“अनियंत्रित व दुखद परिणाम वाली अनजाने में हुई घटना को दुर्घटना (accident) कहते हैं”।

एक्सीडेंट क्यों होता है?

अचानक वाहन को रोकना या मोड़ना भी हादसों की प्रमुख वजहों में से एक है। चौथा कारण खराब सड़कें और मौसम है। धुंध, कोहरा, तेज बारिश, आंधी वाले मौसम में धीमी गति से गाड़ी चलानी चाहिए। इस दौरान दृश्यता कम होती है और अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी आम मौसम की अपेक्षा कुछ ज्यादा दूर जाकर रुकती है।

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