सालिम अली का कौन सा सफर अन्य शहरों से भिन्न हैं? - saalim alee ka kaun sa saphar any shaharon se bhinn hain?

सालिम अली का कौन सा सफ़र अन्य शहरों से भिन्न हैं?

सालिम अली का यह सफर पिछले सभी सफरों से किस प्रकार भिन्न था? उत्तरः सालिम अली का पार्थिव (मृत) शरीर आगे-आगे जनाजे के रूप में था। मृत्यु के पश्चात् उनका यह सफर अन्तहीन सफर बन गया था जो उनके द्वारा किए गए अन्य सफरों से भिन्न था जहाँ से लौटना सम्भव नहीं था।

सालिम अली का कौन सा सफर अन्य सफरों से भिन्न हैं क विदेश का ख मौत का ग जंगल का?

सालिम अली की मृत्यु कसर से हुई थी।

सालिम अली की यह कौन सी यात्रा है और यह बाकी यात्राओं से भिन्न क्यों है?

भीड़-भाड़ की जिंदगी और तनाव के माहौल से सालिम अली का यह आखिरी पलायन है। अब तो वो उस वन-पक्षी की तरह प्रकृति में विलीन हो रहे हैं, जो जिंदगी का आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा !

सालिम अली ने जीवन भर कौन सी यात्रा की?

मित्र सालिम अली ने जीवन भर पक्षियों की खोज में लंबी-लंबी यात्राएँ की थीं।

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