सोलहवीं सदी में दुनिया सिकुड़ने लगी थी इसका क्या मतलब है व्याख्या करें - solahaveen sadee mein duniya sikudane lagee thee isaka kya matalab hai vyaakhya karen

Solution : संसार के विभिन्न हमदीपों के लोगों के सम्बंदों में वृद्धि हुई। इसके पहले 12 विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच अंतर्संबन्धीय व्यापार का अभाव था । लेकिन सोलहवीं सदी में संसार के महाद्वीपों के बीच व्यापार व्यवसाय सांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान और लोगों का आवागमन बढ़ा जो एशिया से यूरोप और अफ्रीका तक बढ़ा। इससे लोग एक-दूसरे के नजदीक आये और लगा कि दुनिया सिकुड़ने लगी है।

Solution : 16वीं सदी में दुनियाँ सिकुड़ने लगी क्योंकि यह काल औद्योगिक क्रांति एवं उपनिवेशवाद प्रभावित था। लोग गाँव से पलायन कर काम धंधे की खोज म शहरों में विस्थापित होने लगे। शहरों में उनके रहने-खाने एवं स्नान की अत्यंत ही संकुचित व्यवस्था थी। कई शहर नियोजित ढंग से नहीं बसे थे। अतः लोगों ने रहने के लिए चालों का सहारा लिया। लंदन जैसे नियोजित शहरों में जनसंख्या एकाएक बढ़ी ही, मुंबई जैसे अनियोजित शहर भी जनाधिक्य से संकुचित होने लगे। नगर, बस्तियाँ आदि अस्तित्व में आए । गाँवों की जनसंख्या नगण्य हो गई। लोगों ने काम एवं बेहतर सुविधा के लिए शहरों की तरफ रूख किया।

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