संघवाद क्या है इसकी मुख्य विशेषताएं बताइए? - sanghavaad kya hai isakee mukhy visheshataen bataie?

संघवाद की मुख्य विशेषताएं क्या हैं ?

  1. यहाँ सरकार दो या अधिक स्तरों वाली होती है।
  2. अलग - अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है ।
  3. विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार - क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित होते है।
  4. संविधान के मौलिक प्रावधानों का बदलाव दोनों स्तर की सरकारों की सहमति से ही हो सकता है ।
  5. अदालतों को संविधान और विभिन्न स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है ।
  6. वित्तीय स्वायत्तता निश्चित करने के लिए विभिन्न स्तर की सरकारों के लिए राजस्व के अलग - अलग स्त्रोत निर्धारित है ।
  7. इस प्रकार संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य है देश की एकता की सुरक्षा करना इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं का पूरा सम्मान करना।

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शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर है? इसके उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।

एकात्मक सरकार संघात्मक सरकार
(i) एकात्मक सरकार में शासन का एक ही स्तर होता है। शक्तियों का केन्द्रीकरण होता है। केंद्र के पास सारी शक्तियाँ होती है। उदाहरण के लिए जापान।

(ii) एकात्मक सरकार में संविधान लिखित भी हो सकता है और अलिखित भी। उदाहरण के लिए इंग्लैंड।

(iii) एकात्मक सरकार छोटे देशों के लिए उपयुक्त है।

(iv) इस व्यवस्था में केंद्रीय सरकार राज्य को विशेष आदेश नहीं दे सकती।

(v) इसमें नागरिकों को एकहरी नागरिकता प्राप्त होती उदाहरण के लिए इग्लैंड में।

(i) इस सरकार में दो स्तरों की सरकार होती है। संघात्मक सरकार में शक्तियों का विभाजन केंद्र व प्रान्त के बीच होता है। उदाहरण के लिए भारत।

(ii) संघात्मक सरकार में संविधान लिखित होना आवश्यक है क्योंकि शासन में शक्तियों का बँटवारा होता है। उदाहरण के लिए भारत।

(iii) संघात्मक सरकार सरकार बड़े देशो के लिए उपयुक्त है।

(iv) इस व्यवस्था में केंद्रीय सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है। उदाहरण के लिए भारत में केंद्रीय सरकार प्रांतीय और स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है।


(v) इसमें नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्राप्त होती उदाहरण के लिए अमेरिका में।

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1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्वपूर्ण अंतरों को बताइए।

1992 के संविधान के पहले और बाद के स्थानीय शासन में निम्नलिखित अंतर आए जो इस प्रकार है:
(i) 1992 के पहले स्थानीय सरकार के पास अपने कोई अधिकार या संसाधन नहीं थे। परन्तु 1992 के संविधान के बाद की राज्य सरकारों से यह अपेक्षा की गई, वे अपने राजस्व और अधिकारों के कुछ अंश स्थानीय सरकारों को देगी।
(ii) 1992 के पहले स्थानीय सरकारों के लिए नियमित रूप से चुनाव नहीं होते थे, परन्तु 1992 के संविधान के बाद नियमित रूप से चुनाव होने लगे।
(iii) 1992 के पहले महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए सींटे आरक्षित नहीं थी। जबकि 1992 के संविधान के बाद महिलाओं के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं पिछड़े वर्ग के लिए भी सींटे आरक्षित की गई।

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भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।

समान विशेषता- भारत और बेल्जियम दोनों में मिलती-जुलती विशेषता यह है कि दोनों लोकतांत्रिक देश है।दोनों देशो में केंद्र सरकार राज्य सरकार से ज्यादा ताकतवर है। दोनों में त्रि-स्तरीय सरकार है।
भिन्न विशेषता- भारतीय संघ में कुछ राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है। जैसे जम्मू-कश्मीर का अपना कानून है परन्तु बेल्जियम में सभी राज्यों के अधिकार सामान है। बेल्जियम की तरह भारत में विभिन्न संघ स्वयं आकर किसी राज्य या केंद्र से जुड़े नहीं हैं।

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  7. संघवाद क्या है? संघवाद की मुख्य विशेषताएं।

संघवाद –

संघवाद संवैधानिक राज संचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं। इस संविदा के अनुसार एक संघीय सरकार एवं अनेक राज्य सरकारें संघ की विभिन्न इकाइयाँ हो जाती हैं।

संविधान की संघीय व्यवस्था-

  • स्वतन्त्रता प्राप्ति के उपरान्त भारत में जिस संघीय व्यवस्था को अपनाया गया है, वह ब्रिटिश शासन व्यवस्था में अपनाई गई व्यवस्था का ही प्रतिरूप है। ब्रिटिश शासन व्यवस्था में भारत में केन्द्र के पास अधिक शक्तियाँ थीं तथा उनका अनुसरण करने में भारतीयों को कभी कोई आपत्ति नहीं हुई।
  • भारत की एकता तथा अखण्डता को बनाए रखने के लिए भी शक्तिशाली केन्द्र की आवश्यकता को महसूस किया गया। संविधान के निर्माताओं ने विगत अनुभव के आधार पर राज्यों को केन्द्र की तुलना में कम अधिकार प्रदान किए।
  • आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से भी केन्द्र को शक्तिशाली बनाया गया। ग्रामीण विकास को नई दिशा प्रदान करने में केन्द्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
  • सामाजिक तथा आर्थिक परिवर्तन के कारण भी सभी संघीय राज्यों में केन्द्र की शक्तियाँ बँटती जा रही हैं।कल्याणकारी योजनाओं के निर्माण तथा आर्थिक संकट एवं युद्धों के भय को समाप्त करने में राज्यों की अपेक्षा केन्द्र की भूमिका अधिक महत्त्वपूर्ण है; अत: केन्द्र को शक्तिशाली बनाना अपरिहार्य है।
  • भारत के राजनीतिज्ञों तथा विधिवेत्ताओं ने यह भी महसूस किया कि यदि केन्द्र को शक्तिशाली न बनाया गया तो राज्य आपस में मिलकर केन्द्र के विरुद्ध कोई भी षड्यन्त्र रच सकते हैं अथवा किसी विदेशी राष्ट्र को देश के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं।

संघवाद की मुख्य विशेषताएं-

लिखित एवं कठोर संविधान

भारतीय संविधान लिखित संविधान है। इसमें 395 अनुच्छेद हैं। इसका निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था। संविधान कठोर है क्योंकि इसका संशोधन विशिष्ट प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। संविधान संशोधन में केंद्र तथा राज्य दोनों की समान भूमिका है।

Table of Contents

  • संघवाद –
  • संविधान की संघीय व्यवस्था-
  • संघवाद की मुख्य विशेषताएं-
  • लिखित एवं कठोर संविधान
  • शक्तियों का विभाजन
  • स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका
  • एकात्मक की और झुकी हुई संघात्मक व्यवस्था
  • प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)
  • संघवाद किसे कहते हैं
  • संघवाद की एक विशेषता बताइए।

शक्तियों का विभाजन

संविधान द्वारा केंद्र तथा राज्यों में शक्तियों का विभाजन किया गया है। इस संबंध में तीन सूचियों केंद्र सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची का निर्माण किया गया है। अविशिष्ट शक्तियां केंद्र को प्रदान की गई है।

इन्हें भी पढ़ें:- भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएं।

स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका

शक्तियों के विभाजन को बनाए रखने तथा संविधान की रक्षा करने के उद्देश्य से स्वतंत्र,सर्वोच्च तथा निष्पक्ष न्यायपालिका की भी व्यवस्था की गई है।

एकात्मक की और झुकी हुई संघात्मक व्यवस्था

भारतीय संघवाद की यह प्रमुख विशेषता है कि यहां एकात्मक की ओर झुकी है।इसलिए कुछ विद्वानों ने इससे आज संघ की संज्ञा प्रदान की है तो कुछ नहीं इसके शरीर को संघात्मक तथा आत्मा को एकात्मक की संज्ञा प्रदान की है।

प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)

संघवाद किसे कहते हैं

संघवाद संवैधानिक राज संचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं। इस संविदा के अनुसार एक संघीय सरकार एवं अनेक राज्य सरकारें संघ की विभिन्न इकाइयाँ हो जाती हैं।

संघवाद की एक विशेषता बताइए।

भारतीय संघवाद की यह प्रमुख विशेषता है कि यहां एकात्मक की ओर झुकी है।इसलिए कुछ विद्वानों ने इससे आज संघ की संज्ञा प्रदान की है तो कुछ नहीं इसके शरीर को संघात्मक तथा आत्मा को एकात्मक की संज्ञा प्रदान की है।

Read more – भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएं।

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संघवाद क्या है इसकी मुख्य विशेषताएं?

इसे आमतौर पर संघवाद कहा जाता है। इससे एक ही लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर अलग-अलग इलाकों का साथ रहना और चलना संभव हो पाता है।

संघवाद क्या है Class 10 Notes?

🔹 संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर की राजनीतिक व्यवस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है , इसमें एक संधीय ( केन्द्रीय ) स्तर की सरकार और दूसरी प्रांतीय ( राज्यीय ) स्तर की सरकारें । 🔹 संघीय शासन व्यवस्था में सत्ता का वितरण दो या दो से अधिक स्तर पर किया जाता है ।

संघवाद क्या है Drishti IAS?

संघवाद और सहकारी संघवाद वास्तव में महासंघ दो तरह की सरकारों के बीच सत्ता साझा करने और उनके संबंधित क्षेत्रों को नियंत्रित करने हेतु एक समझौता होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि संघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें देश के भीतर सरकार के कम-से-कम दो स्तर मौजूद हैं- पहला केंद्रीय स्तर पर और दूसरा स्थानीय या राज्य स्तर पर।

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