राष्ट्रीय मानवाधिकार में शिकायत कैसे करें? - raashtreey maanavaadhikaar mein shikaayat kaise karen?

– Sample Letter:

Sample letter to National Human Rights Commission on Eviction

(This letter is an indicative sample letter, there is no such case like this happened in reality.)

Online Application can also be filed through the following link:

//164.100.158.189/HRComplaint/pub/NewHRComplaint.aspx

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग 

तिथि –

सेवा में

विषय – राज्य /शहर/ स्थान/ बस्ती/ तारीख/ घटना

ज़बरन बेदख़ली के मामले में दख़ल हेतु विनती

महोदय/ महोदया,

इस पत्र के माध्यम से हम आपका ध्यान   (दिनांक, समय)           को हुए ज़बरन तोड़-फोड़ तथा बेदख़ली की ओर केंद्रित करना चाहते हैं।

घटना की तारीख-

घटना का स्थान-

गैर कानूनी जबरन बेदखली की विस्तृत जानकारी, बेदखली किसने करायी__________________________

मानव अधिकारों का हनन _________________ के द्वारा कराये गए इस गैर कानूनी _________________

अभ्युक्त की विस्तृत जानकारी  

(नाम ,पद, अधिकारी )

माननीय आयोग से हमारी प्रार्थना है कि

________________________________________________________________

भवदीय

(नाम, पता एवं हस्ताक्षर )

पुलिस आपकी FIR दर्ज करने से मना करती है या देरी करती है, उस सूरत में भी आप मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.

पुलिस आपकी FIR दर्ज करने से मना करती है या देरी करती है, उस सूरत में भी आप मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : April 17, 2018, 13:54 IST

    लगभग हर रोज़ खबरें आती हैं जिनमें लिखा होता है, मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को लताड़ा या कोर्ट को हिदायत दी. बहुत बार पीड़ितों को मुआवज़ा दिलवाने में भी मानवाधिकार आयोग का नाम आता है. बहुत से अपराधों और ज़्यादतियों के मामले में चाहे वे जनता की तरफ से हो या सरकार के किसी तंत्र के तरफ से, पुलिस और कानून की नज़र से जो अपराध निकल जाते हैं, मानवाधिकार आयोग उनपर कड़ी नज़र रखता है.

    मानवाधिकार क्या है? 

    मानवाधिकार का मतलब उन सभी अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिश्ठा से जुड़े हुए हैं. यह अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से साफ़ साफ़ लिखे  गये हैं. इसके अलावा वो अधिकार जो अंतर्राष्ट्रीय समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार किये गये हैं उन्हें  मानवाधिकार माना जाता है.  इन अधिकारों में प्रदुषण मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार, अभिरक्षा में यातनापूर्ण और अपमानजनक व्यवहार न होने का  अधिकार, और महिलाओं के साथ प्रतिश्ठापूर्ण व्यवहार का अधिकार शामिल है.

    मानवाधिकार आयोग क्या है? 

    मानवाधिकार आयोग  28 अक्टूबर 1993 को मानव अधिकार अध्यादेश के संरक्षण के तहत गठित एक स्वायत्त सार्वजनिक संस्था है.  इसे मानव अधिकार अधिनियम, 1993  द्वारा एक वैधानिक आधार दिया गया था. भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मानव अधिकारों के संरक्षण और प्रचार के लिए जिम्मेदार है. इस अधिनियम द्वारा परिभाषित "जीवन से संबंधित अधिकार, स्वतंत्रता, समानता और संविधान द्वारा गारंटीकृत व्यक्ति की गरिमा या अवतरित अंतर्राष्ट्रीय करार. मानव अधिकार विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग बात है मानवाधिकार स्थैतिक नहीं हैं, बल्कि प्रकृति में गतिशील हैं. नए अधिकार समय-समय पर पहचाने जाते हैं और लागू होते हैं. केवल मानव अधिकारों के नवीनतम विकास से पूरी तरह से परिचित व्यक्तियों को उनकी जागरुकता दूसरों की तुलना में बेहतर मदद कर सकती है.

    मानवाधिकार आयोग कैसे काम करता है?

    मानवाधिकार आयोग अपने सामने प्रस्तुत किसी पीड़ित या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर किसी याचिका पर सुनवाई एवं कार्यवाही कर सकता है. इसके अतिरिक्त आयोग न्यायालय की स्वीकृति से न्यायालय के सामने लम्बित मानवाधिकारों के प्रति हिंसा सम्बन्धी किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है. आयोग के पास यह शक्ति है कि वह सम्बन्धित अधिकारियों को पहले से सूचित करके किसी भी जेल का निरीक्षण कर सके.  आयोग मानवाधिकारों से सम्बन्धित संधियों पर भी ध्यान देता है और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंन्तर काम करता है.

    मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटाने की शर्तें-

    आमतौरपर आयोग द्वारा स्वीकृत की जाने वाली मानवाधिकारों के उल्लंघन सम्बन्धी याचिकाएं ऐसी होनी चाहिए -

    घटना शिकायत करने से एक वर्ष से अधिक समय पूर्व घटित होनी चाहिए;

    शिकायत अर्द्ध-न्यायिक प्रकार की होनी चाहिए;

    शिकायत अनिश्चित या अज्ञात नाम से होनी चाहिए;

    शिकायत घटिआ किस्म की  नहीं होनी चाहिए;

    आयोग की सीमाओं से बाहर की शिकायतें नहीं होनी चाहिए

    उपभोक्ता सेवाओं एवं प्रशासनिक नियुक्तियों से सम्बन्धित मामले हो सकते हैं

    मानवाधिकार आयोग में शिकायत कैसे दर्ज करवाएं? 

    आयोग में शिकायत दर्ज कराना बेहद आसान है. बहुत से लोग नहीं जानते हैं किआयोग में शिकायत बिलकुल मुफ्त दर्ज की जाती है. आयोग द्वारा फैक्स और टेलीग्राम के ज़रिये भी शिकायतें भी स्वीकार की जाती हैं. देश का मकोई भी नागरिक आयोग के चेयरमैन को सम्बोधित करते हुए एप्लीकेशन दे सकता है. बहुत बार ऐसा होता है कि पुलिस आपकी FIR दर्ज करने से मना करती है या देरी करती है, उस सूरत में भी आप मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जुड़ा ताजा मामला

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. मामले में मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश के डीजीपी से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर रिपोर्ट में जानकारी देने को कहा है कि उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, जिन्होंने एफआईआर दर्ज करने से इंकार किया.

    आयोग ने कहा है कि डीजीपी बताएं कि न्यायिक हिरासत में हुई मौत की रिपोर्ट आयोग को 24 घंटे के अंदर क्यों नहीं दी गई? मामले में मृतक की हेल्थ रिपोर्ट भी मांगी गई है, जब वह जेल में निरुद्ध किया गया था. साथ ही पूछा गया कि जेल प्रशासन की तरफ से उसका क्या उपचार किया गया. ये सारी रिपोर्ट मुख्य सचिव और डीजीपी को चार सप्ताह के अंदर आयोग को भेजनी होगी.

    आयोग के अनुसार मुख्यमंत्री आवास पर रेप पीड़िता आत्मदाह की कोशिश करती है और बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाती है. इस घटना के एक दिन बाद ही उन्नाव जेल में पीड़िता के पिता की मौत हो जाती है, जो न्यायिक हिरासत में थे. मामले में पीड़िता आरोप लगाती है कि रेप का आरोप वापस नहीं लेने के कारण विधायक ने उसके पिता की हत्या करवा दी. आयोग ने कहा कि अगर ये आरोप सही हैं तो पीड़ित परिवार के मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है.

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    Tags: Supreme Court, उन्नाव, क्राइम

    FIRST PUBLISHED : April 17, 2018, 13:54 IST

    गुप्त शिकायत कैसे करें MP?

    पुलिस के मोबाइल नंबर 99775-63904 पर कोई भी वाट्स अप, मैसेज करके अपनी शिकायत या सूचना दे सकता है। जिसे खुद एसपी मॉनीटरिंग करेंगे। यह नंबर आम जनता के लिए जारी कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर शिकायत कर सकता है।

    गुप्त शिकायत कैसे करें Rajasthan?

    सिटीजन कॉल सेंटर (181) पर फ़ोन के माध्यम से शिकायतों को दर्ज कराने व् उसकी सूचना प्राप्त करने की निः शुल्क सुविधा । इस संपर्क ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लोगो के समय की भी बचत होगी और उन्हें कही जाने नहीं पड़ेगा । इस पर आप घर बैठे ही ऑनलाइन जन शिकायत विभाग राजस्थान में शिकायत दर्ज करा सकते है।

    मानवाधिकार का उद्देश्य क्या है?

    सही उत्तर शांति और सुरक्षा स्थापित करना है। मानवाधिकारों का मुख्य उद्देश्य शांति और सुरक्षा स्थापित करना है।

    गुप्त शिकायत कैसे करें Haryana?

    कोई भी नागरिक मुख्य मंत्री, हरियाणा के साथ अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है मैन्युअल रूप से सीएम खिड़की को निम्नलिखित स्थानों पर जाकर: उपायुक्त कार्यालय, पंचकूला अपने संबंधित तहसील का एसडीएम कार्यालय मुख्यमंत्री निवास, मुख्यमंत्री या मंत्री कार्यालय, हरियाणा सिविल सचिवालय, सेक्टर 1, चंडीगढ़

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