रास्ता खुलवाने का कानूनी धारा bihar - raasta khulavaane ka kaanoonee dhaara bihar

नीमकाथाना: जिन किसानों को अपने खेत यानी जमीन तक जाने के लिए रास्ते नहीं मिल पा रहे हैं, उनको खेती करने में आ रही परेशानी अब दूर किया जायेगा। प्रशासन के स्तर पर ऐसे लोगों को रास्ते दिलवाए जाएंगे इस प्रकार की परेशानी झेल रहे हैं। इसके लिए सरकार एक बार फिर से प्रदेश भर में अभियान शुरू कर दिया गया है।

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गांवों में बंद रास्ते खुलवाने का यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा। इसको लेकर राजस्व विभाग की ओर से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया गया है। सभी कलेक्टरों को हर सप्ताह रिपोर्ट सरकार को भेजनी होगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार ऐसी शिकायतें आती है कि किसान के खेत तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता। उसके पहले खेत वाला व्यक्ति अपने जमीन की बाउंड्री कर देता है, जिससे रास्ता बंद हो जाता है। इससे किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पाता।

राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956, 3(i) में रास्ते की समस्या व समाधान के मामले लंबित नहीं छोड़ने का प्रावधान बताया गया है। सरकार ने आम रास्तों की समस्या के निपटारे के लिए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 में नई धारा 251 ए भी जोड़ी है।

क्या है अधिनियम 1956, 3(i)


एक साल पहले सरकार की ओर गांवों में बंद रास्ते खुलवाने के लिए  ऐसा अभियान चलाया  गया था। इससे राज्य के हजारों लोगों को फायदा हुआ था। इसके बावजूद नए सिरे से सरकार के पास रास्ते को लेकर शिकायतें आनी शुरू हो गई थी।

सरकार के पोर्टल भी इसकी शिकायतें आ रही थी, जिसको देखते हुए राज्य सरकार पिछले साल की तर्ज पर नए सिरे से इसी महीने से अभियान की शुरूआत कर दी है।

राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव रामनिवास जाट की ओर से सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया है। उनसे साप्ताहिक रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा है, जिससे यह पता चल सके कि अभियान से कितने लोगों को फायदा हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसडीएम के स्तर पर ऐसे विवादों का निस्तारण किया जाता है।

..प्रशासन स्थगन आदेश के महिनों बाद भी नहीं कर रहा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, फरियादी अधिकारियों के चक्कर काट-काट हुआ परेशान

नायब तहसीलदार मीणा ने कहा नहीं मिल रहा पुलिस बल, चुनाव बाद कार्रवाई हो सकेगी संभव, ग्राम पंचायत संडावता का मामला

सचित्र एसआरपी 13 फरियादी भटक रहा न्याय के लिए।

सारंगपुर।नवदुनिया न्यूज

जनपद पंचायत सारंगपुर के अंतर्गत लगने वाली ग्राम पंचायत संडावता में एक व्यक्ति ने अपने पुस्तैनी रास्ते का हवाला देकर विगत वर्ष दूसरे किसान की कृषि भूमि में 12 फीट का रास्ते की मांग की थी, जिस पर प्रशासन ने रास्ते के लिए भूमि दिलवा भी दी। लेकिन अब उसी रास्ते की भूमि पर रास्ते की मांग करने वाला व्यक्ति मकान खड़ा कर रहा है, जिसे रोकने और अतिक्रमण हटाने में प्रशासन अनदेखी कर रहा है। बुधवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे फरियादी ने एसडीएम एसएल सोलंकी से की शिकायत में बताया कि गोपाल पिता नंदराम जाति तेली निवासी संडावता ने भूमि सर्वे क्रमांक 385/2 व 383/8 की मध्य मेड से रास्ता खुलवाने की मांग की थी, प्रशासन द्वारा रास्ता उसकी कृषि भूमि से खोल दिया गया, लेकिन अब उसी रास्ते की भूमि पर हरिप्रसाद पिता गोपालसिंह मकान का निर्माण निर्माण कर रहा है, जिसे रोकने में प्रशासन रुचि नहीं ले रहा है। फरियादी महेश नाथ ने बताया कि उसके संडावता टप्पा कार्यालय, तहसीलदार तथा एसडीएम कार्यालय के कई बार चक्कर काटकर न्याय की मांग कर चुका है कि प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।

निर्माण का स्थगन आदेश, पर कार्रवाई अब तक नहीं

राजस्व निरीक्षक वृत्त 01 संडावता द्वारा प्रतिवेदन के आधार पर आवेदक महेश पिता सांवरलाल जाति नाथ ग्राम संडावता के 144 वर्ग फीट रास्ता भूमि पर हरिप्रसाद पिता गोपालसिंह 144 वर्ग फीट रास्ता भूमि पर अवैध रूप से कालमम बीम के गड्ढे खोदकर मकान के निर्माण पर संडावता टप्पा नायब तहसीलदार ने 18 जनवरी 2019 को रोक लगाई थी और निर्माण सामग्री हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज तक निर्माण जारी है। फरियादी का कहना है कि टप्पा कार्यालय से 20 फरवरी 2019 तथा 7 मार्च 2019 को अनावेदक को सिर्फ नोटिस देकर औपचारिकता निभाई, कार्रवाई आज तक नहीं की गई है।

मांगी थी दो लोगों की भूमि से जमीन, दिया सिर्फ एक की भूमि से रास्ता

दर्जनों बार नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं एसडीएम से न्याय की गुहार लगा चुके फरियादी श्रीनाथ ने बताया कि वर्ष 2017 में अनावेदक ने उसकी एवं अन्य दूसरे व्यक्ति की कृषि भूमि में से रास्ते की मांग की थी उस समय भी प्रशासन ने केवल श्रीनाथ के खेत में से 12 फीट भूमि दे दी, जिसका दुरूपयोग अनावेदक खुलेआम कर चुका है, जिस पर प्रशासन कार्रवाई को तैयार नहीं है। एसडीएम ने कुछ दिनों में कार्रवाई के लिए आश्वासन दिया है।

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चुनाव बाद करेंगे कार्रवाई

इस मामले में हम संज्ञान ले चुके हैं, मगर हम स्वयं चुनाव कार्य में व्यस्त हैं। पुलिस बल भी चुनाव के चलते हमें उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। 23 मई को चुनाव होने जाने के बाद हम पुलिस बल के साथ पहुंचकर रास्ते से निर्माण कार्य को हटाने की कार्रवाई करेंगे। यदि इस बीच पुलिस बल मुहैया हो जाता है तो भी हम सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।

रास्ता बंद करने पर कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 339 व 341 के तहत यदि कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को आने जाने से रोकता है तो वो रास्ता रोकने का अपराध करता है| आने-जाने का अर्थ उन लोगों से है जहां आने जाने का उसे अधिकार है। जहां जाने का अधिकार है वहां जाने से यदि कोई रोकता है तो वह आने जाने से रोकने का अपराध करता है।

जमीन का रास्ता कैसे खुलवाएं?

ऐसे परिस्थिति में आप नया रास्ता खुलवाने के लिए वहाँ के S.D.M/S.D.O से आग्रह कर सकते हैं। यदि आपको जो रास्ते का समस्या है वही समस्या और भी व्यक्ति को है तो पब्लिक पेटिशन ही तैयार करें। यदि आप लोग नगर निगम में रहते हैं तो नगर निगम कार्यालय में आवेदन जमा करें।

रास्ता का अधिकार क्या है?

रास्ते के लिए भूमि देने वाले पहले कास्तकार को रास्ता लेने वाले कास्तकार से दिलाएगा। एसडीएम इसके बाद पैसा देकर रास्ते की भूमि देने वाले की खातेदारी से काट पैसे से भूमि लेने वाले कास्तकार के खातेदारी में दर्ज कर लेगा। 2. राज्य सरकार ने एसडीएम को पगडंडी की जमीन को 30 फिट तक चौड़ी सड़क करने का अधिकार दिया है।

क्या किसी के निजी जमीन से किसी एक या दो चार लोगों के लिए रास्ता देने का प्रावधान है?

इसके लिए जिस खेत से रास्ता दिया जाता है, उसके लिए जितनी भूमि रास्ते मे आती है, उस भूमि की डीएलसी रेट से दो गुना राशि रास्ता चाहने वाले से दिलवाई जाती है। इसके बाद रास्ता सरकारी दर्ज किया जाता है। उस पर सरकार का हक हो जाता है। एसडीएम की बात सुनकर सोपत बाई, कालू व नरेश ने कहा कि यह बात तो हमें आज तक किसी ने नहीं बताई।

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