रामायण और महाभारत के अनुवादक कौन थे? - raamaayan aur mahaabhaarat ke anuvaadak kaun the?

हिंदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। यह कार्य बादशाह अकबर के हुक्म से उनके दरबार के खास विद्वान मुल्ला अब्दुल कादिर बदायूंनी ने 16वीं सदी में किया था। मुल्ला कादरी फारसी, अरबी और उर्दू भाषा के साथ संस्कृत के भी प्रकांड विद्वान थे।

इसे सुनेंरोकेंहिंदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। बदायूंनी द्वारा रचित महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब ‘रज्म-नामा’ नाम से मशहूर हुई। अकबर ने खुद भी इस कार्य में समय देने का फैसला किया। मुल्ला कादिर लिखते हैं कि बादशाह ने मुझे बुलाकर कहा कि नकीब खां के साथ मिलकर इसका अनुवाद करें।

राजीनामा फारसी अनुवाद है किसका?

इसे सुनेंरोकेंरज़्मनामा (फ़ारसी: رزم نامہ, जंग की किताब) महाभारत का फ़ारसी अनुवाद है जो कि मुग़ल बादशाह अकबर के समय में करवाया गया था। 1574 में अकबर ने फ़तेहपुर सीकरी में मकतबख़ाना (अनुवादघर) शुरू किया। इसके साथ अकबर ने राजतरंगिणी, रामायण, वग़ैरा जैसे संस्कृत ग्रंथों को फ़ारसी में अनुवाद करने के लिए हिमायत दी।

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अकबर के अनुसार रामायण का फारसी में अनुवाद किसने किया?

इसे सुनेंरोकेंबदायूं : ¨हदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। यह कार्य बादशाह अकबर के हुक्म से उनके दरबार के खास विद्वान मुल्ला अब्दुल कादिर बदायूंनी ने 16वीं सदी में किया था। मुल्ला कादरी फारसी, अरबी और उर्दू भाषा के साथ संस्कृत के भी प्रकांड विद्वान थे।

महाभारत का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करने वाले पहले भारतीय कौन थे?

इसे सुनेंरोकें19वीं सदी के किसारी मोहन गांगुली अंग्रेज़ी भाषा में महाभारत का अनुवाद करने वाले पहले व्यक्ति थे।

महाभारत में किसका वर्णन है?

इसे सुनेंरोकेंमहाभारत भारत का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। इसे भारत भी कहा जाता है। यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है।

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रामायण कितनी भाषा में लिखा गया है?

इसे सुनेंरोकेंरामायण कितनी भाषाओं में लिखा हुआ है? रामायण बाईस भाषाओं मेँ लिखा गया है। हालांकि महर्षि वाल्मीकि का संस्कृत ग्रंथ रामायण भारतीयों में सबसे अधिक प्रभावशाली है, लेकिन राम की कहानी कम से कम २२ भाषाओं में उपलब्ध है। जिनमें जापानी ,थाई , चीनी, नेपाली और तिब्बती भाषाएं भी शामिल हैं।

राम कथा के कवि का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंरामायण हिन्दू रघुवंश के राजा राम की गाथा है। । यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य, स्मृति का वह अंग है। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ भी कहा जाता है। रामायण के छः अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं, इसके २४,००० श्लोक हैं।

कलयुग किसका पुत्र था?

इसे सुनेंरोकेंभविष्य पुराण के अनुसार, कलयुग में युधिष्ठिर वत्सराज नाम के रजा के पुत्र बने और कलयुग में उनका नाम मलखान हुआ। इस कलयुग में भीम वीरन के नाम से जन्में थे और वे और उनके राज्य का नाम था वानरस। अब बात करें द्रौपदी की तो उनका जन्म अजमेर के पृथ्वीराज के बीती वेला के रूप में होगा।

बदायूं : ¨हदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। यह कार्य बादशाह अकबर के हुक्म से उनके दरबार के खास विद्वान मुल्ला अब्दुल कादिर बदायूंनी ने 16वीं सदी में किया था। मुल्ला कादरी फारसी, अरबी और उर्दू भाषा के साथ संस्कृत के भी प्रकांड विद्वान थे। उनके नाम से मुल्ला अब्दुल कादिर एकेडमी भी यहां करीब 17 साल पहले स्थापित हुई। अब अकादमी के साथ बज्मे किरतासो कलम नामक अदबी संगठन ने दोनों किताबों की प्रतियां बदायूं लाने की कोशिश शुरू कर दी है।

बादशाह अकबर के दरबार में यूं तो एक से बढ़कर एक विद्वान थे, लेकिन उनमें मुल्ला अब्दुल कादिर बदायूंनी एक ऐसी शख्सियत रहे, जिनका अरबी फारसी के साथ ही संस्कृत पर भी गजब का अधिकार था। मुल्ला कादरी का जन्म भले ही राजस्थान में हुआ था, लेकिन बाद में तालीम के सिलसिले में वे बदायूं आए और यहीं के होकर रह गए। 1573 ई. में जमाल खां और हकीम एनुल मुतक इन्हें अकबर के दरबार में ले गए और इन्हें दरबारी विद्वानों में शामिल कर लिया गया। मुल्ला कादिर ने मुंतखिबुत तवारीख नाम से दो जिल्दों में किताब लिखी है, जो विद्वानों के बीच बहुचर्चित हुई। इसकी पहली जिल्द में ¨हदुस्तान के इतिहास पर रोशनी डाली गई है, जबकि दूसरे भाग में अकबर के दरबार के हालात का वर्णन है। इसी किताब में लिखा है कि अकबर संस्कृत नहीं जानते थे, इसलिए वे इच्छा के बावजूद रामायण और महाभारत नहीं पढ़ पा रहे थे। मुंतखिबुत तवारीख के पेज 269 पर लिखा है महाभारत ¨हदुस्तान की प्राचीन और बड़ी किताब है, जिसमें बहुत से किस्से, नसीहतें, मुल्क की तरक्की, अखलाको आदाब, ¨हदू मजहब और इबादतों की तफसील है। यह सभी बातें ¨हदुस्तान के प्राचीन राजाओं कौरवों और पांडवों की जंग पर बयान की गई हैं। इसी किताब में आगे जिक्र है कि अकबर बादशाह ने कहा कि ¨हदुओं के रामायण महाभारत जैसे खास ग्रंथ को विद्वानों ने संस्कृत में लिखा है। इसका फारसी में अनुवाद कर अपने नाम से प्रकाशित कराया जाए। यह वाकेआत अब तक फारसी में बयान नहीं किए गए, इसलिए दिलचस्प और नए रहेंगे। अकबर ने खुद भी इस कार्य में समय देने का फैसला किया। मुल्ला कादिर लिखते हैं कि बादशाह ने मुझे बुलाकर कहा कि नकीब खां के साथ मिलकर इसका अनुवाद करें। कई महीनों की मेहनत के बाद वर्ष 1592 ई. महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब 'रज्म-नामा' नाम से मशहूर हुई। मुल्ला कादरी ने यह भी लिखा है कि 1591 ई. मैंने रामायण का फारसी में अनुवाद मुकम्मल कर बादशाह को पेश किया। यह अनुवाद चार साल में पूरा हुआ। अनुवाद के आखिर में एक शेर लिखा-मा किस्सा नौ शतीम बा सुल्तान कि रसान्द, जान सोखता करदेम बा जानान कि रसान्द। (मुंतखिबुत तवारीख पेज-312)। यह शेर बादशाह को बहुत पसंद आया। यह इत्तफाक है कि बदायूं की इस अजीम शख्सियत के दोनों अनूदित ग्रंथ रामायण व रज्मनामा यहां मौजूद नहीं हैं।

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महाभारत का फारसी अनुवाद का नाम क्या था?

महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब 'रज्म-नामा' नाम से मशहूर हुई। मुल्ला कादरी ने यह भी लिखा है कि 1591 ई. मैंने रामायण का फारसी में अनुवाद मुकम्मल कर बादशाह को पेश किया।

महाभारत और रामायण के लेखक कौन है?

रामायण को आदिकाव्य कहा जाता है, क्योंकि इसने वैदिक संस्कृत से भिन्न लौकिक संस्कृत में काव्यधारा का प्रवर्तन किया। इसके रचयिता वाल्मीकि आदिकवि कहे जाते हैं। दूसरी ओर महाभारत को इतिहास कहते हैं, जिसके रचयिता व्यास हैं।

रामायण का फारसी अनुवाद का नाम क्या है?

हिंदुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत का फारसी अनुवाद भी है। बदायूंनी द्वारा रचित महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब 'रज्म-नामा' नाम से मशहूर हुई। अकबर ने खुद भी इस कार्य में समय देने का फैसला किया। मुल्ला कादिर लिखते हैं कि बादशाह ने मुझे बुलाकर कहा कि नकीब खां के साथ मिलकर इसका अनुवाद करें।

पहले क्या हुआ रामायण या महाभारत?

भगवान श्री राम का अवतार त्रेता युग में हुआ था और भगवान श्रीकृष्ण का अवतार द्वापर युग में हुआ था , बाल्मिक रामायण की रचना बाल्मिक जी ने त्रेता युग में किया था और श्री वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना द्वापर युग में किया था । दोनों महाकाव्यों की तुलना करते हैं, तो हम अनुमान कर सकते हैं कि रामायण महाभारत से पहले लिखा गया।

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