राहु दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएं
कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और अन्य ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. कहा जाता है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है.
X
कुंडली में राहु कमजोर होने पर इसकी शांति के उपाय करने चाहिए
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 फरवरी 2021,
- (अपडेटेड 20 फरवरी 2021, 5:42 PM IST)
स्टोरी हाइलाइट्स
- मानसिक तनाव बढ़ाता है राहु दोष
- जीवन में बाधाएं पैदा करता है राहु
- राहु दोष के लिए करें शांति उपाय
राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक पापी ग्रह माना गया है जो जीवन में बाधाएं पैदा करता है. कुंडली के अनुसार राहु जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है. कुंडली में राहु और केतु के कारण काल सर्प दोष का योग बनता है.
कुंडली में राहु दोष के प्रभाव- कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. कहा जाता है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है. कुंडली में राहु कमजोर होने पर इसकी शांति के उपाय करने चाहिए. इससे कष्टों में कमी आती है और बाधाएं दूर होने लगती हैं.
राहु दोष के शांति के उपाय- राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप करना चाहिए. राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करें. गोमेद रत्न धारण करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है. राहु की वजह से होने वाली बीमारियों और बाधाओं से बचने के लिए राहु यंत्र की पूजा करें.
ये भी पढ़ें
- 18 मई से खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट, बसंत पंचमी पर निकला शुभ मुहूर्त
- Kumbh: नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया, करते हैं खुद का पिंडदान
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें
ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह कहा गया है. किसी व्यक्ति की कुंडली में इन दोनों छाया ग्रहों के अशुभ प्रभाव मिलने पर उसे तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. राहु-केतु के कष्टों को दूर करने का उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख —
राहु-केतु का नाम आते ही लोगों को अक्सर डर लगने लगता है. ज्योतिष में इन दोनों को छाया ग्रह माना गया है. ज्योतिष के अनुसार किसी भी कुंडली में राहु और केतु के कारण ही कालसर्प दोष निर्मित होता है. कहते हैं कि जिस कुंडली में राहु-केतु यदि अपने अशुभ फल देने लगते हैं, उस इंसान का जीवन नर्क बन जाता है. उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसके पग-पग पर बाधाएं आती हैं. कई बार हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि हर तरफ निराशा ही हाथ लगती है. ज्योतिष में राहु-केतु से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गये हैं, जिन्हें करते ही चमत्कारिक रूप से इन दोनों से जुड़े कष्ट दूर हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं राहु-केतु के सरल-सहज उपायों के बारे में –
राहु के उपाय
- राहु की शांति के लिए इसके बीजमंत्र ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करें. घर में राहु यंत्र की स्थापना करने से राहु का दुष्प्रभाव दूर होता है.
- राहु से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए आपको अपने आराध्य देव की मूर्ति किसी सिक्के पर बनवाकर प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए.
- राहु के कष्टों से बचने के लिए भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें.
- राहु के कष्टों से बचने के लिए उड़द, गर्म कपड़े, सरसों, काला फूल, राई आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए. राहु का दान हमेशा शनिवार के दिन करना चाहिए.
- राहु की शांति के लिए शनिवार के दिन किसी नदी में कोयला, काला तिल, पानी वाला नारियल, कच्चा दूध, तांबा आदि प्रवाहित करना चाहिए.
केतु के उपाय
- रविवार के दिन किसी दिव्यांग व्यक्ति को भोजन कराना चाहिए.
- केतु से जुड़े कष्टों को दूर करने के ‘ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए.
- केतु के दोष को दूर करने के लिए घर में चितकबरा कुत्ता या चितकबरे रंग की गाय पालें.
- केतु का रंग चितकबरा है और इसका दिन रविवार है. इसलिए केतु से जुड़े उपायों को रविवार के दिन विशेष रूप से करना चाहिए.
- केतु की शुभता पाने के लिए तिल, झण्डी, काजल, गरम कपड़े, सतनजा, मूली आदि का दान करना चाहिए.
ये भी पढ़ें — God Sun Worship : रावण वध से पहले श्रीराम ने की थी सूर्य वंदना, आप भी पाएं सूर्यदेव से आरोग्य और विजय का वरदान
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)