पितरों की पूजा कौन सी दिशा में करनी चाहिए? - pitaron kee pooja kaun see disha mein karanee chaahie?

अगर आप घर में पूर्वजों या पितरों की तस्वीरें रखती हैं तो आपको वास्तु के कुछ नियमों को फॉलो करना चाहिए जिससे घर की सुख समृद्धि बनी रहे।   

हमारे घर में हमारे पितरों यानी कि मृत पूर्वजों की तस्वीरें जरूर रखी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की तस्वीर घर की सुख समृद्धि का कारण तो बनती ही हैं साथ ही घर के लोगों पर पूर्वजों का पूरा आशीर्वाद भी बना रहता है। इसी वजह से पूर्वजों की तस्वीरें कुछ लोग घर के लिविंग रूम में रखते हैं, तो कुछ लोग इन्हें बेड रूम या पूजा के स्थान के पास रख देते हैं। पूर्वजों को लोग नियमित रूप से याद भी करते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि घर में पूर्वजों की तस्वीर रखने की भी अपनी एक निर्धारित दिशा होती है और यदि सही दिशाओं में पूर्वजों की तस्वीरें न राखी गयीं तो घर में सुख शांति आने की बजाय आपको कलह कलेश का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जाजानें पूर्वजों की तस्वीरों के लिए कौन सा स्थान ठीक होता है और इसके लिए वास्तु के कौन से नियमों का पालन करना जरूरी है। 

फ्रेम में लगाकर शेल्फ पर रखें 

यदि आप पूर्वजों की तस्वीर अपने घर में कहीं भी रखती हैं तो आपको ध्यान में रखना होगा कि उन तस्वीरों को हमेशा फ्रेम में लगाकर किसी शेल्फ या अलमारी में ही रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की तस्वीर कभी भी दीवार पर लटका कर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से पूर्वजों का अपमान होता है और उनकी कृपा दृष्टि नहीं प्राप्त होती है बल्कि ये पितृ दोष का कारण भी बनता है। 

एक से ज्यादा तस्वीर न लगाएं 

अक्सर देखा जाता है कि हम पितरों की तस्वीर लगाते समय एक ही पूर्वज की कई तस्वीरें घर के अलग-अलग स्थानों पर लगा लेते हैं। जबकि एक ही पूर्वज की तस्वीर एक से ज्यादा नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से पितर रुष्ट हो जाते हैं और घर में कलह क्लेश होने लगता है। 

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इन स्थानों पर भूलकर भी न लगाएं पूर्वजों की तस्वीर 

वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा ऐसे स्थान पर रखें, जहां बाहरी लोगों की उन पर नजर न जाएं। ऐसा माना जाता है कि किसी बाहरी की नज़र यदि पूर्वजों की तस्वीरों पर पड़ती है तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। इसलिए घर के लिविंग रूम में पितरों की तस्वीर न रखें। इसके अलावा घर के बेडरूम में भी पूर्वजों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। बाहरी व्यक्ति की नजर पड़ने से नकारात्मकता पैदा होती है।

पूजा स्थान पर पितरों की तस्वीर न रखें 

ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों का स्थान ईश्वर के समान होता है लेकिन ईश्वर के साथ कभी भी पूर्वजों की तस्वीर की पूजा नहीं करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र में देव और पितृ का स्थान अलग-अलग होता है इसलिए भगवान और पितरों की तस्वीर को एक ही जगह न रखें। पूजा के स्थान में पितरों की तस्वीर लगाने से जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं ऐसा करने से घर-परिवार में अशांति का माहौल भी बन सकता है। यही नहीं वास्तु शास्त्र में पितरों की तस्वीर के साथ कभी भी जीवित लोगों की तस्वीर भी नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से जीवित लोगों की आयु भी कम हो सकती है और उनका जीवन संकट में पड़ सकता है। 

किन दिशाओं में लगाएं पूर्वजों की तस्वीर 

वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की ओर लगाना चाहिए। चूंकि दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है इसलिए उत्तर दिशा में तस्वीर लगाने से तस्वीर का मुंह दक्षिण दिशा की और होता है। इसलिए पितरों की तस्वीर ऐसे लगाएं कि तस्वीर का मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे।वहीं तस्वीरों को कभी भी दक्षिण और पश्चिम की दीवारों पर भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से भी घर की सुख समृद्धि की हानि होने लगती है। 

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इस प्रकार यदि आप घर में पितरों यानी कि मृत पूर्वजों की तस्वीरें लगाती हैं तो आपको यहां बताई सभी बातों का ठीक से ध्यान रखना चाहिए। 

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Image Credit: freepik and shutterstock 

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20 सितम्बर को पूर्णिमा का श्राद्ध पड़ रहा है और 21 सितम्बर से 6 अक्तूबर तक पितृपक्ष रहेगा। अक्सर इस अवधि में श्राद्ध के दिन परिवार के दिवंगत जनों को याद किया जाता है और उनका चित्र

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Pitru Paksha 2021 start and end dates: 20 सितम्बर को पूर्णिमा का श्राद्ध पड़ रहा है और 21 सितम्बर से 6 अक्तूबर तक पितृपक्ष रहेगा। अक्सर इस अवधि में श्राद्ध के दिन परिवार के दिवंगत जनों को याद किया जाता है और उनका चित्र पूजा-अर्चना के समय रखा जाता है। कुछ लोग पूर्वजों के चित्रों को अलमारी या बाक्स में बंद करके रख देते हैं और इन्हें ऐसे ही अवसर पर बाहर निकालते हैं। कुछ घरों और व्यापारिक स्थलों पर पूर्वजों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें या कहीं-कहीं उनकी मूर्तियां भी दिखाई दे जाती हैं।

Pitru photo direction: हमारे देश में कुछ राजनेता अपने जीते जी ही अपनी मूर्तियां सार्वजनिक स्थानों पर लगवा देते हैं जो वास्तु नियमों के विपरीत है। घरों में भी पूर्वजों के चित्र यदि वास्तु नियमों के अनुसार रखे जाएं तो स्वर्गीय जनों का परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है।
कुछ लोग आधुनिक गुरुओं के चित्र भी देवी-देवताओं के चित्रों के साथ रख देते हैं। क्या पूर्वजों के चित्र दीवार पर लटकाएं या आदर सहित लकड़ी या ऐसे ही किसी स्टैंड पर रखें? आइए समझें वास्तु एवं शास्त्र सम्मत क्या है!

Pitru Paksha 2021 Vastu Shastra Tips: पितरों की एक से अधिक तस्वीर न लगाएं। घर के प्रवेश द्वार के सामने पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। एक से अधिक तस्वीर लगाने से घर में नकारात्मकता आती है। कभी भी घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर न रखें। भगवान के साथ पितरों की तस्वीर घर में प्रतिकूल प्रभाव लेकर आती है। शयन कक्ष और बैठक में पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।

Pitru ki photo kaha lagaye: ऐसा माना जाता है कि शयन कक्ष और बैठक में पितरों की तस्वीर लगाने से घर के लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। कोशिश करें कि पितरों की तस्वीर ऐसी जगह न लगाएं जहां घर से अंदर आते और बाहर जाते आपकी नजर पड़े। इससे कार्यों में अड़चनें पैदा हो सकती हैं। रसोई घर में पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।

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Pitru Paksha 2021 Vastu Shastra Tips: घर में पितरों की तस्वीर उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। माना जाता है कि पितरों की तस्वीर का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है।

Pitru photo vastu: शौचालय और स्नानघर के पास गलती से भी पितरों की तस्वीर न लगाएं। घर में पूर्वजों की फोटो कभी मध्य स्थान में कभी नहीं लगानी चाहिए, ऐसा करने से मान-सम्मान की हानि होती है। पश्चिम या दक्षिण में लगाने से संपत्ति की हानि होती है। पितरों की तस्वीर घर में सभी जगहों पर नहीं लगानी चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता। इससे तनाव बना रहता है। कुछ लोग घर के मंदिर में भी पूर्वजों की तस्वीर लगा लेते हैं और पूजा करते हैं। शास्त्रों में पितरों का स्थान भले ही उच्च माना गया है, लेकिन पितरों और देवताओं का स्थान अलग है।

माना जाता है कि पूजा घर में पितरों की तस्वीर लगाने से जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। घर-परिवार में अशांति छा सकती है। पितरों के फोटो के साथ जिंदा सदस्यों की फोटो न लगाएं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की फोटो को कभी भी घर के जीवित लोगों की तस्वीरों के साथ नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवित लोगों की आयु कम होती है और उनके जीवन पर संकट आने की आशंका बनी रहती है तथा व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में अपने पुरखों की तस्वीर को कभी भी लटका कर नहीं रखना चाहिए। तस्वीरों को हमेशा लकड़ी के स्टैंड पर ही रखना चाहिए। फोटो को लटकाना शुभ नहीं माना जाता।

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पितरों का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?

माना जाता है कि पितरों की तस्वीर का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। Pitru photo vastu: शौचालय और स्नानघर के पास गलती से भी पितरों की तस्वीर न लगाएं। घर में पूर्वजों की फोटो कभी मध्य स्थान में कभी नहीं लगानी चाहिए, ऐसा करने से मान-सम्मान की हानि होती है।

पितरों की दिशा कौन सी है?

वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की ओर लगाना चाहिए। चूंकि दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है इसलिए उत्तर दिशा में तस्वीर लगाने से तस्वीर का मुंह दक्षिण दिशा की और होता है।

पितरों का स्थान कहाँ होना चाहिए?

घर का दक्षिण-पश्चिम का दिशा पितरों का दिशा होता है… वास्तु के अनुसार पितरो का सर्वोतम स्थान दक्षिण-पश्चिम में है… माता-पिता की तस्वीर दक्षिण-पूर्व मे लगाने से उन का आशीर्वाद सदा मिलता रहता है…

पितरों का स्थान कैसे बनाएं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को हमेशा घर के उत्तरी हिस्से के कमरों में लगाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिस भी स्थान पर लगाएं वहां उत्तरी दिवार से इनकी तस्वीर से लगाएं ताकि इनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे। दक्षिण की दिशा को यम और पितरों की दिशा कहा गया है। इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।

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