अति आबादी: इंसान की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है. 20वीं शताब्दी के शुरू में दुनिया की आबादी 1.6 अरब थी, आज यह 7.5 अरब है और 2050 तक 10 अरब हो जाएगी. इतनी विशाल आबादी प्राकृतिक संसाधनों पर भारी बोझ डाल रही है. संसाधनों तक पहुंचने की होड़ के चलते अफ्रीका और एशियाई महाद्वीप में विवाद भी होने लगे हैं.
वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन: हमारी आबोहवा और समुद्री जल कार्बन से भर चुका है. वातावरण में घुली सीओटू पराबैंगनी विकिरण को सोखती और छोड़ती है. इससे हवा गर्म, जमीन और पानी गर्म होते हैं. इस प्रक्रिया के बिना धरती बर्फीली हो जाएगी. लेकिन हवा में कार्बन की अति से सेहत को नुकसान पहुंच रहा है और गर्म होती धरती जलवायु परिवर्तन का सामना भी कर रही है.
जंगलों की कटाई: कई प्रकार के पौधों और जन्तुओं को आसरा देने वाले जंगल रोज काटे जा रहे हैं. खासकर वर्षावनों वाले इलाके में. जंगल कार्बन सोखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. लेकिन जंगलों को काटकर सोयाबीन, ताड़ और दूसरे किस्म की खेती की जा रही है. आज धरती का 30 फीसदी हिस्सा जंगलों से ढंका है. लेकिन हर साल 73 लाख हेक्टेयर जंगल काटे जा रहे हैं. जो की बहुत दुखद है.
मिट्टी का क्षरण: आजकल अत्यधिक खाद के इस्तेमाल, एक जैसी खेती और जरूरत से ज्यादा चारा काटने की चलते दुनिया भर में मिट्टी की क्वालिटी खराब हो रही है.
यूएन के मुताबिक हर साल 1.2 करोड़ हेक्टयेर जमीन खराब होती जा रही है.
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लाइफस्टाइल डेस्क : पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके महत्व को बताने के लिए हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022) मनाया जाता है। पिछले कुछ समय में दुनिया भर में बढ़ते प्रदूषण और मानव गतिविधियों के चलते पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा है। पृथ्वी और इंसान दोनों ही ईश्वर की दी हुई बेहद अनमोल चीजें हैं। लेकिन इंसान ही पृथ्वी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। जिसकी शुरुआत कहीं ना कहीं हमारे
घर से ही होती है। ऐसे में आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हम आपको बताते हैं ऐसी 11 चीजें (household things) जो आपके घर में मौजूद रहती हैं और कहीं ना कहीं पर्यावरण प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होती है।
वेट वाइप्स
घरों में इस्तेमाल होने वाली वेट वाइप्स से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है। वेट वाइप्स में भी आमतौर पर प्लास्टिक होता है, जो कागज की तरह पानी में नहीं घुलते हैं, इसलिए अपना चेहरा धोने या घर की सफाई करते समय रियूज होने वाले कॉटन कपड़ों का इस्तेमाल करें।
सिंगल यूज प्लास्टिक
डिस्पोजेबल कटलरी से लेकर पानी की बोतलें, बैग और फूड रैपिंग तक, प्लास्टिक हर जगह है और इसका निष्पादन कभी नहीं हो पाता है। ये पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते है। ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह पेपर बैग और स्टील की बोतलों का यूज करें।
माइक्रोबीड्स
माइक्रोबीड्स एक मिलीमीटर से कम के ठोस प्लास्टिक कणों से निर्मित होते हैं। ये इतने छोटे होते है कि आसानी से जल निस्पंदन सिस्टम को पार कर सकते हैं और समुद्र में तक में पहुंच जाते है, जो हमारे समुद्री जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। रिपोर्ट के अनुसार एक बार की बारिश से 100,000 प्लास्टिक कण समुद्र में प्रवेश कर सकते हैं।
टेप
शायद आपको नहीं पता होगा कि सेलो टेप का एक छोटा सा टुकड़ा पर्यावरण पर कितना बड़ा प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में आप प्लास्टिक टेप की जगह मास्किंग टेप और सिलोफन जैसे टेप का यूज कर सकते है।
कंडोम
परिवार नियोजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला कंडोम पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक डिस्पोज नहीं होती है और जानवर इसे खा लेते हैं जो उनके पेट में जाकर बेहद नुकसान पहुंचाता है।
टी बैग
लगभग हर घर में टी बैग का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन ये टी बैग पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, ये टी बैग प्लास्टिक का उपयोग करके सील कर दिया जाता है, जिसका निष्पादन पूरी तरह से नहीं हो पाता है।
लाइट बल्ब
सीएफएल और एलईडी बल्ब में सीसा, तांबा और जस्ता जैसे धातु के अधिक घटक होते हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते है। ऐसे में जब आप किसी फ्यूज बल्ब को ऐसे ही कचरे में फेंक देते है, तो उससे ना जाने कितनी जीव-जंतुओं को नुकसान हो सकता है।
सिगरेट
सिगरेट न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए खराब हैं बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी विनाशकारी हैं। WHO के अनुसार, तंबाकू वनों की कटाई, मिट्टी के कटाव, जल प्रदूषण और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वृद्धि जैसी चीजों के लिए जिम्मेदार है। सिगरेट का निर्माण और उत्पादन भी हर साल लाखों टन ठोस कचरा पैदा करता है, और सिगरेट लाइटर के उत्पादन में महत्वपूर्ण प्लास्टिक, धातु और ब्यूटेन शामिल हैं।
रेजर
हेयर रिमूव करने के लिए हर घर में जिस रेजर का इस्तेमाल किया जाता है उसे एक दो या ज्यादा से ज्यादा 5 इस्तेमाल करने के बाद आप फेक देते हैं। लेकिन यह रेजर डिस्पोजेबल नहीं होता है। इसकी ब्लेड से लेकर इसमें जो प्लास्टिक से इस्तेमाल किया जाता है वह जीव जंतुओं और अन्य प्राणियों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
हैंड जेल
अधिकांश जीवाणुरोधी जैल में ट्राइक्लोकार्बन (TCC) और ट्राइक्लोसन (TCS) होते हैं, ये रसायन पर्यावरण के लिए हानिकारक होते है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सीवेज और कीचड़ में 60% रसायन पाया जाता है। ये झीलों और नदियों को दूषित करते हैं और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं।
कुछ सनस्क्रीन
शोध से पता चला है कि कुछ सनस्क्रीन में ऑक्सीबेंज़ोन, पराबैंगनी फिल्टर समेत कुछ ऐसे तत्व होते है, जो विभिन्न समुद्री जीवों के लिए हानिकारक हैं।