*भारत के प्राचीन वैज्ञानिक ऋषि कौन-कौन थे?* *भारत के 10 आविष्कारक ऋषि* परमाणु सिद्धांत के आविष्कारक : परमाणु बम के बारे...
Posted by श्री कृष्ण भक्त स्तुतियाँ on Wednesday, April 8, 2020*भारत के प्राचीन वैज्ञानिक ऋषि कौन-कौन थे?* *भारत के 10 आविष्कारक ऋषि* परमाणु सिद्धांत के आविष्कारक : परमाणु बम के बारे...
Posted by श्री कृष्ण भक्त स्तुतियाँ on Wednesday, April 8, 2020परमाणु की खोज किसने की थी और कब की? Parmanu ki khoj kisne ki thi
परमाणु की खोज किसने की थी और कब की? Parmanu ki khoj kisne ki thi
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परमाणु शब्द ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है जिसको विभाजित नहीं किया जा सकता है परमाणु किसी तत्व का वह सबसे छोटा कण है, जो किसी रासायनिक क्रिया में भाग ले सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है सभी पदार्थ चाहे वह ठोस , द्रव या गैस हो परमाणु से मिलकर बने होते हैं। और परमाणु भी तीन कणो से मिलकर बना होता है जिन्हे इलेक्ट्रान , प्रोटॉन , और न्यूट्रॉन कहते हैं।
दो या दो से अधिक परमाणु आपस में मिलकर अणु का निर्माण करते हैं और अणुओ के द्वारा पदार्थ का निर्माण होता है।
परमाणु की खोज किसने की थी? Parmanu ki khoj kisne ki thi
परमाणु की खोज जॉन डाल्टन ने 1808 में की थी
जॉन डाल्टन एक गणितज्ञ और रासायनिक वैज्ञानिक थे जिन्होंने सबसे पहले यह सिद्ध किया की पदार्थ छोटे – छोटे कणो से मिलकर बना होता है जिन्हे उन्होंने परमाणु किया और डाल्टन ने 1803 में अपना परमाणु सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसे डाल्टन का परमाणु सिद्धांत कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं और नाभिक के चारों और इलेक्ट्रान चक्कर लगते हैं उन्होंने बताया की परमाणु नाभिक और इलेक्ट्रान से मिलकर बना होता है।
इसलिए जॉन डाल्टन को परमाणु का खोजकर्ता माना जाता है।
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परमाणु बम का आविष्कार अमेरिकी मूल के वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने किया था। इनकी देखरेख में पहला एटम बम परीक्षण सोमवार 16 जुलाई 1945 को अमेरिका में किया गया था। इस परीक्षण के लिए अमेरिका ने लॉस अलामोस से 200 मील दूर अलेमो गोडो॑ के रेगिस्तान के उत्तर भाग को चुना था।
19वीं सदी से पहलेे इस प्रकार के हथियार को कल्पना ही समझा जाता था। लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिक J.Robert Oppenheimer ने इसे साबित कर दिखाया। जब दुनिया में पहला परमाणुुुु बम का परीक्षण कराया गया। उस समय कहीं देश इसे बनाने में लगे हुए थे। यही कारण है कि आज पृथ्वी पर हजारोंं परमाणु बम उपस्थित हैं।
परमाणु बम बनाने का शुरुआत साल 1939 में ही हो गया था।
जाने आविष्कारक कौन थे परमाणु का सिद्धांत की खोज किसने की थी ? परमाणु का सिद्धांत का आविष्कार का नाम क्या था ?
उत्तर : “परमाणु का सिद्धांत” की खोज या आविष्कार “डाल्टन” नामक वैज्ञानिक ने किया था , डाल्टन ये वैज्ञानिक के थे अर्थात में परमाणु का सिद्धांत का आविष्कार सन ईसवीं में हुआ था |
प्रश्न : परमाणु का सिद्धांत के खोजकर्त्ता कौन थे नाम बताइए और खोज कब की गयी थी ?
उत्तर : परमाणु का सिद्धांत के खोजकर्ता डाल्टन नामक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्होंने ईस्वीं में में परमाणु का सिद्धांत की एक महान खोज की थी |
प्रश्न : परमाणु का सिद्धांत का आविष्कार कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर : परमाणु का सिद्धांत का आविष्कार / खोज सन ईस्वीं में हुआ था और इसकी खोज में किया था और इसके खोजकर्त्ता के नाम के रूप में डाल्टन नामक वैज्ञानिक का नाम लिया जाता है |
प्रश्न : परमाणु का सिद्धांत की खोज कैसे हुई ? / परमाणु का सिद्धांत के आविष्कार होने के पीछे की कहानी क्या है ?
उत्तर : इतिहास में परमाणु का सिद्धांत की खोज के पीछे डाल्टन नाम के वैज्ञानिक का नाम जुड़ा है जिन्होंने ईस्वीं में में इस महान खोज कर दुनिया को बताया |
कणाद एक ऋषि थे। वायुपुराण में उनका जन्म स्थान प्रभास पाटण बताया है। स्वतंत्र भौतिक विज्ञानवादी दर्शन प्रकार के आत्मदर्शन के विचारों का सबसे पहले महर्षि कणाद ने सूत्र रूप में लिखा। ये "उच्छवृत्ति" थे और धान्य के कणों का संग्रह कर उसी को खाकर तपस्या करते थे। इसी लिए इन्हें "कणाद" या "कणभुक्" कहते थे। किसी का कहना है कि कण अर्थात् 'परमाणु तत्व' का सूक्ष्म विचार इन्होंने किया है, इसलिए इन्हें "कणाद" कहते हैं। किसी का मत है कि दिन भर ये समाधि में रहते थे और रात्रि को कणों का संग्रह करते थे। यह वृत्ति "उल्लू" पक्षी की है। किस का कहना है कि इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर ने उलूक पक्षी के रूप में इन्हें शास्त्र का उपदेश दिया।
आधुनिक दौर में अणु विज्ञानी जॉन डाल्टन के भी हजारों साल पहले महर्षि कणाद ने यह रहस्य उजागर किया कि द्रव्य के परमाणु होते हैं।
उनके अनासक्त जीवन के बारे में यह रोचक मान्यता भी है कि किसी काम से बाहर जाते तो घर लौटते वक्त रास्तों में पड़ी चीजों या अन्न के कणों को बटोरकर अपना जीवनयापन करते थे। इसीलिए उनका नाम कणाद भी प्रसिद्ध हुआ।[1]
भौतिक जगत की उत्पत्ति सूक्ष्मातिसूक्ष्म कण परमाणुओं के संघनन से होती है- इस सिद्धांत के जनक महर्षि कणाद थे।