पारिजात के पेड़ को हरसिंगार का पेड़ भी कहा जाता है। इसमें बहुत ही सुंदर और सुगंधित फूल उगते हैं। यह सारे भारत में पैदा होता है। इसे संस्कृत में पारिजात, शेफालिका। हिन्दी में हरसिंगार, परजा, पारिजात। मराठी में पारिजातक। गुजराती में हरशणगार। बंगाली में शेफालिका, शिउली। तेलुगू में पारिजातमु, पगडमल्लै। तमिल में पवलमल्लिकै, मज्जपु। मलयालम में पारिजातकोय, पविझमल्लि। कन्नड़ में पारिजात। उर्दू में गुलजाफरी। इंग्लिश में नाइट जेस्मिन। लैटिन में निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस कहते हैं।
1. पारिजात
का वृक्ष जिसके भी घर के आसपास होता है उसके घर के सभी तरह के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं।
2. पारिजात के फूलों को खासतौर पर लक्ष्मी पूजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन केवल उन्हीं फूलों को इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आप पेड़ से टूटकर नीचे गिर जाते हैं। जहां यह वृक्ष होता है वहां पर साक्षात लक्ष्मी का वास होता है।
3. पारिजात के फूलों की सुगंध आपके जीवन से तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां भर सकने की ताकत रखते हैं। इसकी सुगंध आपके मस्तिष्क को शांत कर देती है। घर परिवार में खुशी का माहौल बना रहता है और व्यक्ति लंबी आयु प्राप्त करता है।
parijaat
4. पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं। यह फूल जिसके भी घर-आंगन में खिलते हैं, वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है।
5. हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है। इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने का असरकारक उपाय है, लेकिन यह उपाय किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही किया जा सकता है। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
पौराणिक महत्व : उत्तर प्रदेश में दुर्लभ प्रजाति के पारिजात के चार वृक्षों में से हजारों साल पुराने वृक्ष दो वन विभाग इटावा के परिसर में हैं जो पर्यटकों को 'देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन' के बारे में बताते हैं। कहते हैं कि पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी जिसे इंद्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था। हरिवंशपुराण में इस वृक्ष और फूलों का विस्तार से वर्णन मिलता है।
पौराणिक मान्यता अनुसार पारिजात के वृक्ष को स्वर्ग से लाकर धरती पर लगाया गया था। नरकासुर के वध के पश्चात एक बार श्रीकृष्ण स्वर्ग गए और वहां इन्द्र ने उन्हें पारिजात का पुष्प भेंट किया। वह पुष्प श्रीकृष्ण ने देवी रुक्मिणी को दे दिया। देवी सत्यभामा को देवलोक से देवमाता अदिति ने चिरयौवन का आशीर्वाद दिया था। तभी नारदजी आए और सत्यभामा को पारिजात पुष्प के बारे में बताया कि उस पुष्प के प्रभाव से देवी रुक्मिणी भी चिरयौवन हो गई हैं। यह जान सत्यभामा क्रोधित हो गईं और श्रीकृष्ण से पारिजात वृक्ष लेने की जिद्द करने लगी।
पारिजात के पुष्प से परिजनों का स्वास्थ ठीक रहता है. (Image-shutterstock)
वास्तुशास्त्र (Vastu) में पेड़ पौधों और घर की वस्तुओं को सही दिशा और सही समय में रखने को लेकर कई नियम बताए गए हैं. यदि इनका पालन किया जाए तो घर में समृद्धि बनी रहती है. इन्हीं में से एक पौधा है हरसिंगार जिसे हम साधारण भाषा में पारिजात के नाम से भी जानते हैं.
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- News18Hindi
- Last Updated : August 20, 2022, 09:00 IST
हाइलाइट्स
पारिजात के फूलों की महक से तनाव और अनिद्रा जैसी चीजें दूर होती हैं.पारिजात का फूल माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है.वास्तुशास्त्र (Vastu) में घर की सुख-समृद्धि के लिए बहुत से ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो बहुत ही सरल हैं. ऐसा माना जाता है कि यदि इन उपायों को सही तरीके से किया जाए तो यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति अपने घर की हर वस्तु को वास्तु शास्त्र के हिसाब से रखे तो घर में सुख-समृद्धि का आना तय है. वास्तुशास्त्र के हिसाब से चीजों को रखने से जीवन में परेशानियां नहीं आती. इसी तरह कुछ पौधों को वास्तुशास्त्र में बहुत ही शुभ माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें यदि शास्त्रों में बताए गए विधान के अनुसार घर में लगाएं तो घर में माता लक्ष्मी का वास होता है. इसके बारे में हमें बता रहे हैं इंदौर के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित कृष्ण कांत शर्मा.
– माँ लक्ष्मी का प्रिय फूल
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि पारिजात का फूल माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है. पारिजात के पौधे (Parijat Plant) के फूल बहुत सुगंधित होते हैं और ये अपने आप ही टूट कर नीचे गिर जाते हैं. यह फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और ऐसा मानते हैं कि इन्हें घर में
लगाने से शांति बनी रहती है.
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-तनाव दूर करे
हरसिंगार या पारिजात के फूलों की महक इतनी अच्छी होती है कि इससे तनाव और अनिद्रा जैसी चीजें दूर होती हैं. इन फूलों की खुशबू से मानसिक
परेशानियां ठीक होती हैं और इसकी खुशबू मन को शांति भी देती है.
-स्वास्थ के लिए
ऐसा माना जाता है कि पारिजात का पौधा घर में लगाने से घर के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और दीर्घायु होने का वरदान भी मिलता है. धार्मिक महत्व के अलावा पारिजात के पौधे का और फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेद में भी किया जाता है. आयुर्वेद में पारिजात के फूलों से कई प्रकार की बीमारियों के रोकथाम की दवाइयां बनाई जाती हैं.
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-इस दिशा में लगाएं
पारिजात के पौधे को घर में लगाने को लेकर वास्तुशास्त्र में दिशाओं के बारे में बताया गया है. वास्तु में बताया है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए परिजात के पौधे को घर
की उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए.
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Tags: Dharma Aastha, Religion, Vastu, Vastu tips
FIRST PUBLISHED : August 20, 2022, 09:00 IST