प्रागैतिहासिक काल कौन सा काल है? - praagaitihaasik kaal kaun sa kaal hai?

प्राचीन इतिहास (Ancient History)
प्रागैतिहासिक काल  
एवं
(Question & Anwar)

प्रागैतिहासिक काल |Pragetihasik kal :-

 प्राचीन इतिहास को पढ़ने की दृष्टी से तीन भागों में बाँटा गया  है।

1) प्रागैतिहासिक काल 

प्रागैतिहासिक काल किसे कहते है? जिस काल में मनुष्य द्वारा घटनाओं का कोई भी लिखित में विवरण नहीं मिलता है उसे प्रागैतिहासिक  काल कहते है। इसमे पुरातात्विक साक्ष्य मिलते है। परंतु लिखित साक्ष्य नहीं मिलते।

2) आद्य ऐतिहासिक काल :-

आद्य ऐतिहासिक काल उस काल को कहते है, जिसमे लिखित में लेख भी मिले है लेकिन उन लेखों को पढ़ा नहीं जा सका। हड़प्पा काल  को आद्य ऐतिहासिक काल में ही रखा गया है।

3) ऐतिहासिक काल या इतिहास :- 

उस काल को कहा जाता है, जिसमे लिखित साक्ष्य मिले भी है और उन्हें पढ़ा भी जा सका। अर्थात इस काल में पुरातात्विक साक्ष्य एवं लिखित साक्ष्य दोनों मिले और पढें भी गए।   उदा. अशोक के अभिलेख ।

प्रागैतिहासिक काल का क्या अर्थ है:- 

इसमे लिखित साक्ष्य नहीं मिले, केवल पुरातात्विक साक्ष्य ही मिले है। इन साक्ष्यों में कई ऐसी चीजों के साक्ष्य या चिन्ह मिले जैसे - पत्थरों के प्राचीन औजार, जिन स्थानों पर मानव  रहते थे उनके चिन्ह, पुरानी गुफाओं की कला (जैसे भीमबेटका की गुफाएं , मध्यप्रदेश में , इसमे गुफा चित्रकारी का प्राचीन इतिहास मिलता है। ) इस काल में मानव छोटे छोटे कबीलो या समूह में रहते थे और जंगली जानवरों से जूझते हुए जीवन बिताते थे। उस समय में ऐसे कई जानवर थे जो आज आधुनिक समय में विलुप्त हो गए है।

प्रागैतिहासिक काल को तीन युगों में बांटा गया   है :- 
I)   पाषाण युग
II)  कांस्य युग ( तांबा एवं काँसा)
III) लौह युग


I) पाषाण युग :- 

- पाषाण युग में  पत्थर के हथियार एवं औजार  बनाये जाते थे । क्योंकि मानव अपनी और अपने कबीले की जंगली जानवरों से रक्षा करे के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे। इसलिए इन्ही पत्थरों को कुछ आकर देकर औजार बनाते थे।

II) कांस्य युग :-

- इस समय हथियार एवं औजार कांसे ( ब्रॉन्ज़) के बनाते थे।

III) लौह युग :- 

- इस समय तक लौहे का उपयोग शुरू हो गया था, अतः औजार, हथियार बनाने में लौहे का प्रयोग होने लगा था।

पाषाण युग को  निम्न  भागों में  बाँटा गया :-
1) पुरा पाषाण युग ।
2) मध्य पाषाण युग ।
3) नव पाषाण युग ।

1) पुरा पाषाण युग :-

 लक्षण

  • पुरा पाषाण युग में मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार आखेट या शिकार था।
  • पशु पालन का ज्ञान नहीं था।
  • आग का अविष्कार हुआ पर उपयोग करने का  ज्ञान नहीं था। 


औजार :-

  • अधिकांश औजार स्फटिक (पत्थर) के बने थे। 
  • सन् 1863 ई० में  रॉबर्ट ब्रुस फुट  वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पुरापाषाण कालीन औजारों की खोज की थी। 
  • प्रथम भारतीय पुरापाषाण  कलाकृति, पल्लावरम  नामक स्थान से प्राप्त हुई थी।

2) मध्य पाषाण युग :- 

  • इस काल में पशुपालन की शुरुआत हो गई थी।
  • मध्य पाषाण काल में औजार मैक्रोलिथ अर्थात सूक्ष्म पाषाण/ पत्थर के बनाये जाते थे। 
  • मृदभांड के प्राचीनतम साक्ष्य भी मिले है। (मिट्टी का सुराहीदार बर्तन) (इलाहाबाद, उ.प्र)


3) नव पाषाण युग :-

लक्षण :-

  • नव पाषाण युग में पहिये का अविष्कार हुआ था।

पहिया
  • मनुष्यों में स्थाई  निवास की शुरुआत हो गई थी।
  • कृषि / खेती की शुरुआत भी नवपाषाण युग में हो गयी थी।
  • कृषि में सबसे पहली / प्राचीन फसल गेंहू (पहला खाद्यान्न)  एवं जौ की थी।

 


  • कृषि का सबसे पहला अन्न के उत्पादन करने का स्थान मेहरगढ़ (पश्चिमी बलूचिस्तान में स्थित है) पाया गया था। 
  • आग के उपयोग की जानकारी हो गई थी।
  • पशुपालन की शुरुआत हो गयी थी। सबसे पहले कुत्ते को पालतू जानवर बनाया गया था।
  • पहला औजार कुल्हाड़ी बनाया गया था जो  अतिरमपक्कम स्थान से प्राप्त हुआ है।


II) ताम्र पाषाण युग  (तांबा या काँसा ):- 

  • ताम्र पाषाण युग को नव पाषाण के बाद का समय माना जाता है। यह सभ्यता 5000 ई पूर्व की थी। 
  • ताम्र पाषाण युग तांबे और पत्थर का मिश्रित युग था। अर्थात इस समय तक लोग तांबे से परिचित हो चुके थे। और पत्थर के साथ साथ  तांबे का उपयोग करने लगे थे। इसे कांस्य युग का एक भाग कहा जा सकता है। 
  • मनुष्य द्वारा उपयोग की गई सर्वप्रथम धातु तांबा ही थी ।
  • ताम्र पाषाण युग से सबन्धित सबसे अधिक शोध्  पं. महाराष्ट्र में  हुए है। इसमे कुछ स्थान दैमाबाद, जोरवे , चन्दौली, ईनामगांव प्राप्त हुएहैं। इन्हे जोरवे संस्कृति में रखा गया।  

III) लौह युग :-

  • लौह युग ताम्र पाषाण युग के बाद आने वाला युग है। अर्थात अब मानव पत्थर के औजारो का उपयोग फिर  तांबे का उपयोग और इसके बाद लौहे का उपयोग भी करने  लगा था। इस युग में लौहे के साथ साथ अन्य ठोस धातुओं की खोज भी की गयी एवं उसका उपयोग भी सीख लिया था। 

प्रागैतिहासिक काल के बाद आता है आद्य ऐतिहासिक काल आता है। जिसमे सिंधु  सभ्यता|हड़प्पा सभ्यता को रखा गया है। सिंधु सभ्यता की  खोज से यह पता चला की यह एक नगरीय सभ्यता थी क्योंकी इसमे नगर नियोजन के साक्ष्य मिले।

प्रागैतिहासिक  काल के प्रश्न 

objective (Question & Anwar)

Q.    प्रागैतिहासिक काल में मानव के जीविका का मुख्य आधार क्या था।

Ans. शिकार

Q.  आग का अविष्कार किस काल में हुआ।

Ans. पूरा पाषाण काल में।

Q.  मनुष्य ने सर्वप्रथम किस धातु का उपयोग किया।

Ans.  तांबा ।

Q.  पहिये का अविष्कार किस काल में हुआ।

Ans. नव पाषाण काल में।

Q.  मानव द्वारा सर्वप्रथम किस  जानवर  को  पालतू बनाया गया।

Ans. कुत्ता।

Q.  मानव के स्थाई निवास की प्रवृति की शुरुआत किस काल में हुई ।

Ans. नव पाषाण काल।

Q.  कृषि का अविष्कार किस काल में हुआ।

Ans. नव पाषाण काल।

Q.  सबसे प्राचीन/ प्रथम फसल कौन सी थी।

Ans. सबसे प्रथम फसल गेंहू  एवं जौ थी।

Q.  कृषि के प्रथम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए।

Ans. मेहरगढ़ (पश्चिमी बलूचिस्तान )।

Q. पुरापाषाण कालीन औजारों की खोज सर्वप्रथम किसने की थी। 

Ans.  राबर्ट ब्रुस फुट (1863 ई.) ।

Q.  सर्वप्रथम औजार की प्राप्ति कहाँ से हुई  थी।

Ans. पल्लावरम् नामक स्थान से। 

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