पिंजरे में पंछियों को क्या क्या कष्ट होते हैं? - pinjare mein panchhiyon ko kya kya kasht hote hain?

क्या किसी पिंजरे में कैद पंछी को आजाद कराना फायदेमंद हो सकता है। आप कहेंगे हां, उस पंछी के लिए तो फायदेमंद ही है। क्यों पैसे के खातिर कोई पंछियों को कैद करते हैं। अब हम ज्योतिष की बात करते हैं, ज्योतिष के मुताबिक भी पिंजरे में कैद पंछियों को आजाद कराना फायदेमंद होता है। ये कैसे फायदेमंद है और कौनसा ग्रह इससे सीधे सीधे प्रभावित होता है, ये बता रही हैं ज्योतिषविद साक्षी शर्मा।

राहु केतु वैसे तो छायाग्रह है परंतु इनका जनजीवन पर खास असर देखा जाता है। सूर्य और चन्द्रमा के कटाव बिन्दुओं से इनका निर्माण होता है। सूर्य और चन्द्रमा पर ही जीवन आधारित है अतः इनके कटाव बिन्दु भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ज्योतिष में इनका प्रभाव अत्यन्त रहस्यमयी होता है और अक्सर समझ नहीं आता। 23 सितंबर 2020 से राहु वृष राशि में वक्री हो गए है, ऐसे में आम जीवन पर कैसा रहेगा राहु का असर आइये जानते हैं।

राहु का जीवन पर असर-

राहु व्यक्ति के अन्दर नकारात्मक ऊर्जा भर देता है। व्यक्ति की सोच, खान-पान आदि दूषित हो जाते हैं। ऐसे लोग फास्ट फूड, शीतल पेय और नशे के आदी हो जाते हैं। इनकी जीवनचर्या बिल्कुल अनिश्चित होती है। पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं होता, अक्सर विवाह तनाव का कारण बनता है।

राहु को पॉजिटिव करने के उपाय-

नित्य प्रातः ब्रश करने के बाद तुलसी के 3 पत्ते खाएं। स्नान के बाद सफेद चन्दन मस्तक, कंठ और नाभि पर लगाएं। भोजन हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें। शनिवार को पिंजरे में कैद पक्षियों को आजाद करवाएं। गले में तुलसी की माला धारण करें। घर और दुकान में से अनुपयोगी वस्तुओं को हटा दें। हालांकि सोच को पॉजिटिव रखना और दूसरों की मदद करने से भी राहु अपने अच्छे परिणाम देता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

ज्योतिष की राय: पिंजरे में बंद पक्षी न रखें घर, भोगने पड़ते हैं कष्ट : इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे है के...

Posted by Swastik Jyotish Kendra on Monday, January 9, 2017

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के.

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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता से

प्रश्न 1.
हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते ?
उत्तर-
हर प्रकार की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते, क्योंकि उन्हें वहाँ उड़ने की आजादी नहीं है। वे तो खुले आसमान में ऊँची उड़ान भरना, नदी-झरनों का बहता जल पीना, कड़वी निबौरियाँ खाना, पेड़ की ऊँची डाली पर झूलना, कूदना, फुदकना अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग ऋतुओं में फलों के दाने चुगना और क्षितिज मिलन करना ही पसंद है। यही कारण है कि हर तरह की सुख-सुविधाओं को पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते।

प्रश्न 2.
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर-
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी इन इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं
(क) वे खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं।
(ख) वे अपनी गति से उड़ान भरना चाहते हैं।
(ग) नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं।
(घ) नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाना चाहते हैं।
(ङ) पेड़ की सब ऊँची फुनगी पर झूलना चाहते हैं।
वे आसमान में ऊँची उड़ान भरकर अनार के दानों रूपी तारों को चुगना चाहते हैं। क्षितिज मिलन करना चाहते हैं।

प्रश्न 3.
भाव स्पष्ट कीजिए-
या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर
इस पंक्ति में कवि पक्षी के माध्यम से कहना चाहता है कि यदि मैं स्वतंत्र होता तो उस असीम क्षितिज से मेरी होड़ हो जाती। मैं इन छोटे-छोटे पंखों से उड़कर या तो उस क्षितिज से जाकर मिल जाता या फिर मेरा प्राणांत हो जाता।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
कई लोग पक्षी पालते हैं
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर-
(क) हमारे दृष्टिकोण से पक्षियों को पालना उचित नहीं है, इससे हम उनकी आजादी पर रोक लगा देते हैं। उनकी इच्छाओं, सपनों तथा अरमानों पर पाबंदी लग जाता है। अतः पक्षियों को पालना सही नहीं है। उन्हें प्रकृति में स्वच्छंद विचरण करने देना चाहिए। उन्हें वहीं प्रसन्नता मिलती है।
(ख) हमारे एक पड़ोसी ने तोता पाला था। उस पड़ोसी ने उसे मेले से खरीदकर लाया था। उसके परिवार के सभी सदस्य मन से उसकी देखरेख किया करते थे। प्रतिदिन उसके पिंजरे की सफ़ाई किया करते थे। एक कटोरी में पानी पीने के लिए तथा खाने के लिए चना दिया जाता था। इसके अलावे तोते को मौसमी फल तथा मिर्च भी खाने को दिया जाता था। मेरा पडोसी घंटों उस तोते से बातें किया करता था और उसे लेकर उसे घुमाने पार्क में जाया करता था। तोते ने घर के सभी सदस्यों के नाम रट लिए थे, लेकिन तोता खाना भारी मन से खाता था। जब मैं पड़ोसी के घर पिंजरे के पास जाता था तो वह हमारी ओर आशा भरी दृष्टि से देखता था।

प्रश्न 2.
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर
पक्षियों को पिंजरे में बंद करके उनकी आजादी का हनन होता ही है क्योंकि उनकी प्रकृति है ‘उड़ना। पिंजरे में बंद करके हम उन्हें पराधीन बना लेते हैं। जिससे उनकी आज़ादी तो समाप्त हो ही जाती है साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है क्योंकि पर्यावरण को संतुलित करने में भी पक्षियों का सहयोग रहता है। पक्षी आहार श्रृंखला को नियमित करते हैं। जैसे-घास को टिड्डा खाता है, टिड्डे को पक्षी खाते हैं और यदि पक्षी न हों तो टिड्डों की संख्या अत्यधिक हो जाएगी जो फसलों को नष्ट कर देंगे। यदि टिड्डे न हों तो घास इतनी बढ़ जाएगी कि मनुष्य परेशान हो जाएगा।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर
यह कहना गलत नहीं कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं क्योंकि शहरों में औद्योगीकरण के कारण विषैली गैसें और प्रदूषित जल पक्षियों के लिए हानिकारक होता है। दूसरी ओर अधिक-से-अधिक भवन निर्माण के कारण वनों व हरियाली वाले इलाकों को काटकर बड़े-बड़े भवन बना दिए जाते हैं, जिससे पक्षियों का आश्रय स्थल समाप्त हो जाता है। साथ ही वृक्षों से प्राप्त खाद्य पदार्थ, फल-फूल आदि उन्हें नहीं मिल पाते। ऐसा होने पर उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

पक्षियों से रहित वातावरण में आहार श्रृंखला प्रभावित हो जाएगी। पर्यावरण संतुलित नहीं रहेगा। इसके लिए हमें अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहिए व बाग-बगीचों का निर्माण करना चाहिए। फैक्टरियों को भी शहरों से दूर लगाकर धुएँ व प्रदूषित जल हेतु उचित प्रबंध करने चाहिए। (नोट-इन्हीं विचारों के आधार में वाद-विवाद कीजिए)।

पिंजरे में पक्षियों को क्या क्या कष्ट होते हैं?

पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं

पिंजरे में बंद होने पर पक्षी क्या सोचता होगा?

पिंजरे में बंद पक्षी पिंजरे से बाहर प्रकृति में जाने का तरीका सोचते हैं। एक पक्षी स्वतंत्र रूप से आकाश में उड़ता है। यह मुक्त प्रकृति का हिस्सा है। इसलिए, यह पिंजरे में नहीं रहना चाहता है।

पिंजरे में पंछी क्या क्या नहीं कर सकते?

प्रश्न-9 पिंजरे में पंछी क्या-क्या नहीं कर सकते? उत्तर - पिंजरे में पंछी पंख नहीं फैला सकते, ऊँची उड़ान नहीं भर सकते, बहता जल नहीं पी सकते और पेड़ों पर लगे हुए फल नहीं खा सकते

पक्षियों को क्या पसंद नहीं है?

Answer: 1. पक्षियों को मनुष्य के द्वारा उन्हें पिंजरे में बंद करना, लगातार जंगलों को काटना और पक्षियों का शिकार करना पसंद नहीं हैं।

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