पहाड़ी लोगों के बारे में जानकारी - pahaadee logon ke baare mein jaanakaaree

पहाड़ों का महत्व, ख़ासकर युवाओं के लिए!

पृथ्वी के लगभग 27 प्रतिशत हिस्से पर पहाड़ विराजमान हैं और ये भी ध्यान देने की बात है कि ये पहाड़ एक टिकाऊ आर्थिक विकास की तरफ़ दुनिया की बढ़त में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं. भविष्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 के अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर युवाओं की भूमिका को रेखांकित किया गया है. बुधवार, 11 दिसंबर को मनाए गए इस दिवस के मौक़े पर इस वर्ष की थीम रखी गई है - Mountains matter for Youth.

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का कहना है कि दुनिया भर में ये पहाड़ उन  इलाक़ों में रहने वाले लगभग एक अरब 10 करोड़ लोगों की आजीविका चलाने और जीवित रहने के लिए समुचित संसाधन मुहैया कराते हैं. साथ ही पहाड़ मैदानी इलाक़ों में रहने वाले अन्य अरबों लोगों के लिए भी बहुत से फ़ायदे पहुँचाते हैं.

ये पहाड़ ताज़ा पानी, ऊर्जा और भोजन मुहैया कराते हैं, लेकिन ये संसाधन आने वाले दशकों में धीरे-धीरे कम होते जाएंगे.

इस वर्ष विश्व भर की तमाम पहाड़ी चोटियों के आसपास की पारिस्थितिकी व्यवस्था को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की महत्ता पर ज़ोर दिया गया है.

विश्व पर्वत दिवस पर कहा गया है कि ये एक ऐसा मौक़ा है जब बच्चों को इस बारे में शिक्षित किया जाए कि किस तरह अरबों लोगों के जीवन को चलाने में पहाड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

पहाड़ मैदानी इलाक़ों में रहने वाले अरबों लोगों को भी कई तरह के फ़ायदे पहुँचाते हैं. पहाड़ ताज़ा पानी, स्वच्छ ऊर्जा, भोजन और मनोरंजन के साधन मुहैया कराते हैं.

दुनिया भर में पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाले समुदायों की युवा आबादी का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा के प्रसार, प्रशिक्षण, रोज़गार और आधुनिकतम तकनीक मुहैया कराने से बड़ी मदद मिल सकती है.

अवसरों की कमी 

चूँकि पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाले युवजन के लिए अवसरों की कमी रहती है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के मौक़े पर हालात बेहतर बनाने की माँग की गई है ताकि पहाड़ी लोगों को बेहतर जीवन और रोज़गार की तलाश में मैदानी इलाक़ों की तरफ़ रुख़ करने से रोका जा सके.

समुचित निवेश के अभाव में अगर खेतीबाड़ी की ज़मीन को ख़ाली छोड़ दिया जाता है तो ज़मीन की उर्वरता कम हो जाती है और उसका क्षरण हो जाता है, साथ ही सांस्कृतिक मूल्य और प्राचीन परंपराएं भी भुला दी जाती हैं.

शिक्षा, प्रशिक्षण, बाज़ारों की उपलब्धता, विविधता भरे रोज़गार अवसर और अच्छी सार्वजनिक सेवाएँ उपलब्ध कराकर पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाली युवा पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है.

कार्रवाई की पुकार

अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर खाद्य व कृषि संगठन ने सुझाव दिया है कि युवजन पहाड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यूथ फ़ोरम, छात्रों की डीबेट्स, फ़ोटो और कला प्रतियोगिताएँ आयोजित करें. साथ ही पहाड़ों पर चढ़ाई और आयु के अनुसार अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जा सकता है.

साथ ही, पहाड़ी जीवन के बारे में सोचने और फ़िक्र करने वाले सभी लोगों को पहाड़ों की उपयोगिता और सततता के बारे में विचार विमर्श में शिरकत करने का आहवान किया गया है.

पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाले युवजनों से उनके जीवन की कहानियाँ साझा करने को कहा गया है और अपनी पसंद की तस्वीरें भी यहाँ प्रदर्शित करने को कहा गया है - #MountainsMatter.

विश्व पर्वत दिवस हर साल अरबों लोगों के जीवन में पहाड़ों की महत्ता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के इरादे से मनाया जाता है.

साथ ही पहाड़ी इलाक़ों के विकास में आने वाली बाधाओं को उजागर करने और वहाँ रहने वाले लोगों के जीवन और पर्यावरण में सकारात्मक सुधार लाने के वास्ते नई एकजुटता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती है.

क्या आप जानते हैं?

  • आलू, मक्का, टमाटर, सेब, चारा और जौ की फ़सल पहाड़ों में काफ़ी होते हैं.
  •  दुनिया की लगभग आधी से ज़्यादा मानवीय आबादी हर दिन पहाड़ों से आने वाले पानी पर निर्भर है.
  • पारिवारिक खेतीबाड़ी पहाड़ी इलाक़ों की अर्थव्यवस्था की बुनियाद है.
  • विकासशील देशों की लगभग 53 प्रतिशत ग्रामीण पहाड़ी आबादी खाद्य असुरक्षा के कगार पर है.
  • मानवीय आबादी को पनबिजली, सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा और बायोगैस के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा मुहैया कराने में पहाड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

पहाड़ी (अंगरेजी: Hill) एगो थलरूप हवे, ई आसपास के जमीन से ऊँच उठल उभार के रूप में होला आ कुछ दशा में एकर चोटी भी साफ-साफ पहिचाने लायक होला। पहाड़ आ पहाड़ी के बीचा में अंतर के बारे में कौनों एक राय भा सटीक परिभाषा ना बाटे। हालाँकि, एह बात पर सभ एकमत बा कि पहाड़ी, पहाड़ के तुलना में कम ऊँचाई वाली होखे ले आ एकर ढाल पहाड़ के तुलना में कम तेज होलें।

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पृथिवी के थलरूप

परबत-पहाड़महादीपी मैदानजलबहाव थलरूपग्लेशियलसमुंद्र-तटीयज्वालामुखीहवाArtificial

थलरूप सभ के लिस्ट

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पहाड़ी लोग कैसे रहते हैं?

पहाड़ी लोग आम तौर पर अच्छे, सीधे साधे, सरल और बहादुर होते हैं। वे बेकार के झमेले में पड़ना पसंद नही करते। हिमाचल हो या हो उत्तराखंड, इन दोनों राज्यो में पहाड़ियों की संख्या सबसे ज्यादा हैं। आप अगर इन दोनों राज्यो के आंकड़े उठा के देखोगे तो आपको यहाँ किसी भी तरह का कोई अपराध कम सुनने को मिलेगा।

पहाड़ का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

पहाड़ ताज़ा पानी, स्वच्छ ऊर्जा, भोजन और मनोरंजन के साधन मुहैया कराते हैं. दुनिया भर में पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाले समुदायों की युवा आबादी का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा के प्रसार, प्रशिक्षण, रोज़गार और आधुनिकतम तकनीक मुहैया कराने से बड़ी मदद मिल सकती है.

पहाड़ी लोग क्या खाते हैं?

वहीं उतराखंडी मिठाई, अर्से, गुड़ की जलेबी, झंगरियाल, पल्लर, मंड़वे की रोटी, मक्के की रोटी, कंडाली का साग, तोर की दाल, व पंचमढ़ी दाल, जिसमें हींग व जख्या का तड़का लगा होगा, लाल चावल, कुमाउनी चटनी, मड़वे के समोसे व मोमो व उतराखंड में पैदा होने वाली सब्जी भी इस भोजन का हिस्सा हैं

पहाड़ी जीवन क्या है?

जब एक पहाड़ी घोड़ा न लादने पर पिटता है, और फिर संन्यासी होकर लापता हो जाता है, तब पहाड़ उसकी उस गहरी आत्मग्लानि का चित्र नहीं खींचते जिसके कारण वह ऐसा करने को बाध्य होता है, जिसके कारण वह अपने कुटुम्बियों, अपने बाल-बच्चों का ध्यान भुलाकर, अपने व्यक्तित्व को इसलिए कुचल डालता है कि उस व्यक्तिगत जीवन में केवल परमुखापेक्षा ...

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