पहली बार करवा चौथ का व्रत कैसे करें? - pahalee baar karava chauth ka vrat kaise karen?

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पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत तो जान लें पूजा की सरल विधि, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

करवाचौथ का दिन हर सुहागिन महिला के लिए बहुत खास होता है। इस दिन महिलाऐं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। करवाचौथ के दिन महिलाऐं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं यानी पूरे दिन पानी भी नहीं पीती हैं। करवा चौथ के दिन व्रत-पूजन करते समय नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है।

करवा चौथ का दिन हर सुहागिन महिला के लिए बहुत खास होता है। इस दिन महिलाऐं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियाँ भी अपने होने वाले पति के लिए या मनचाहे पति के लिए यह व्रत रखती हैं। इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर को है। करवा चौथ के दिन महिलाऐं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं यानी पूरे दिन पानी भी नहीं पीती हैं। करवा चौथ के दिन व्रत-पूजन करते समय नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है। ऐसे में अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो हम आपको इस व्रत के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं-

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ऐसे करें दिन की शुरुआत 

दिन देश के हर हिस्से में करवा चौथ का व्रत अलग-अलग तरीके से रखा जाता है। जैसे पंजाब में महिलाऐं सुबह सरगी खाने के साथ इस व्रत की शुरुआत करती हैं। तो कुछ महिलाऐं करवा चौथ के दिन रात में चाँद देखे बिना कुछ भी खाती या पीती नहीं हैं। करवा चौथ के दिन सूरज उगने से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती है। सरगी में बहू के लिए कपड़े, सुहाग का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर और खाने की चीज़ें जैसे फेनियाँ, शक्करपारे, फ्रूट्स, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखा जाता है। सास की दी हुई सरगी खाकर बहू अपने व्रत की शुरुआत करती है। अगर ससुराल से दूर रहती हैं तो सास अपनी बहू के लिए सरगी के पैसे भिजवा सकती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाऐं सुबह नहाकर सास का दिए हुए कपड़े और शृंगार की चीज़ें पहनती हैं। इसके बाद सूरज डूबने से पहले करवा चौथ की कथा सुनी जाती है। अगर आप घर पर अकेली हैं या आपने ऑफिस से छुट्टी ली है तो करवा चौथ की पूजा या कथा सुनने जाने से पहले शाम के खाने और पूजा की सारी तैयारी कर सकती हैं।  

करवा चौथ के दिन ऐसे करें पूजा

करवा चौथ के दिन औरतें कथा सुनने के लिए मंदिर जाती हैं या गली-मौहल्ले की औरतें भी आपस में ही कथा सुन लेती हैं। करवा चौथ की कथा सूरज ढलने से पहले ही सुनी जाती है। शाम के वक्त करवा चौथ व्रत की कथा नहीं सुनी जाती है इसलिए समय से सब तैयारियां कर लें और सूरज ढलने से पहले ही कथा सुन लें। करवा चौथ की कथा सुनते समय साबुत अनाज और मीठा साथ में रखकर कहानी सुनी जाती है। इसके बाद सात सुहागन आपस में गाना गाते हुए थालियां फेरती हैं। थाली तब तक फेरी जाती है जब तक हर किसी की थाली उसके पास नहीं पहुंच जाती। वहीं, अगर आप ऑफिस में हैं या कथा सुनने नहीं जा सकती हैं तो ऐसे में आप अकेले कहानी पढ़ सकती हैं या मोबाइल पर कहानी सुन सकती हैं। कथा सुनने के बाद बहु को अपनी सास के लिए बायना निकालना होता है। इसमें सास के लिए कपड़े, सुहाग का सामान, खाने की चीज़ें जैसे मिठाई, मठ्ठी, गुलगुले आदि, पानी का लोटा, शगुन के पैसे ज़रूर रखें। हर सास अपनी बहु को करवा चौथ पर करवा देती है। इसी तरह बहू भी अपनी सास को करवा देती है। कहानी सुनते या पूजा करते समय आपको दो करवे रखने होते हैं।  सास के दिए करवे से चाँद को अर्घ्य दिया जाता है, वहीं दूसरे करवे में पानी भरकर बहु बायना देते समय अपनी सास को देती है। 

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रात में इस तरह तोड़ें व्रत 

करवा चौथ के दिन कुछ औरतें शाम को कथा सुनने के बाद पानी, चाय या जूस आदि पी लेती हैं और फल व ड्राईफ्रूट भी खाती हैं। वहीं, कुछ जगहों पर चाँद देखने के बाद ही पानी पीने का रिवाज होता है। रात में चाँद को अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद औरतें छलनी से पहले चाँद को और फिर अपने पति को देखती हैं। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर करवा चौथ का व्रत खोला जाता है। चाँद देखने के बाद आप खाना खा सकती हैं। करवा चौथ के दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं। जैसे पंजाब में करवा चौथ के दिन साबुत उड़द की दाल और फेनियाँ जरूर बनाई जाती है। वहीं, उत्तर प्रदेश में इस दिन चावल के आटे से फरे बनाए जाते हैं। कुछ लोग इस दिन पूड़ी-सब्ज़ी, कढ़ी, खीर आदि भी खाते हैं। हालाँकि, आजकल तो ज़्यादातर वर्किंग औरतें बाहर डिनर करना ही पसंद करती हैं।

- प्रिया मिश्रा

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करवा चौथ का व्रत पहली बार कैसे करते हैं?

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।.
स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।.
देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।.
निर्जला व्रत का संकल्प लें।.
इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।.
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। ... .
माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।.

करवा चौथ के व्रत में क्या क्या खाते हैं?

करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है।.
दिल के आकार की बेक्ड मठरी ... .
मठरी ... .
बनारसी दम आलू ... .
नवरत्न कोरमा ... .
साग पनीर ... .
पनीर बटर मसाला ... .
मेथी मलाई पनीर ... .
कड़ाही पनीर.

करवा चौथ व्रत की पूजा कैसे की जाती है?

प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥' * करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। * कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। * तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।

करवा चौथ के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

करवा चौथ के द‍िन भूलकर भी मांस, मछली, अंडा और मुर्गा आदि तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। ध्‍यान रखें इस न‍ियम का पालन केवल व्रती मह‍िलाओं को ही नहीं बल्कि उनके पतियों को भी करना चाह‍िए। मान्‍यता है क‍ि अगर इस न‍ियम का पालन न क‍िया जाए तो व्रत करना व्‍यर्थ जाता है। करवा महारानी भी व्रती पर प्रसन्‍न नहीं होतीं।

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