पिंडदान करने में कितना खर्चा आता है? - pindadaan karane mein kitana kharcha aata hai?

अगर आप भी पितृपक्ष मेले के दौरान गया आ रहे हैं, तो आपके लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने कई तरह की सुविधाओं वाला पैकेज जारी किया है. इससे आपको वहां पिंडदान करने में सहूलियत तो होगी ही, साथ ही पंडों को मनमाने दान-दक्षिणा देने से भी बच जाएंगे. आने-जाने और रहने-खाने का पूरा इंतजाम तो हैं ही, पूजा-सामग्री और पंडितों को देने के लिए अलग से एक पैसा भी नहीं खर्च करना पड़ेगा.

हिन्दू धर्म में अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान एक अहम् कर्मकांड माना जाता है. वैसे तो देश के हरिद्वार, गंगासागर, कुरुक्षेत्र, चित्रकूट, पुष्कर, जगन्नाथ पुरी, बद्रीनाथ सहित 55 स्थानों पर पिंडदान किए जाते हैं, सबका अपना-अपना महत्त्व है, लेकिन गया में किए गए श्राद्ध की महिमा का गुणगान तो खुद भगवान राम ने भी किया है. माना जाता है कि सीता जी के साथ भगवान राम ने भी अपने पिता राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था. ऐसा कहा जाता है कि बिहार के गया में फल्गु नदी के तट पर अगर आप अपने पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध करते हैं तो इससे उन्हें मोक्ष मिलता है, और फिर उन्हें जन्मों के बंधन से भी हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है. पितृपक्ष के दौरान गया में पिंडदान करने का खास महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि ये भगवान विष्णु का नगर है. यहां भगवान विष्णु स्वयं पितृ देवता के रूप में मौजूद रहते हैं. विष्णु पुराण में भी इसका जिक्र है. इसमें कहा गया है कि पितृपक्ष में गया में जिन लोगों का पूरी श्रद्धा के साथ पिंडदान किया जाता है, वह सीधा पूर्वजों तक पहुंचता है और उनके स्वर्ग जाने का रास्ता तय करता है. गरुड़ पुराण में भी ये वर्णन है कि पिंडदान करने अगर आप गया जा रहे हैं तो घर से निकलने पर गया तक चलने वाले एक-एक कदम पितरों के स्वर्ग की एक-एक सीढ़ी बनते जाते हैं.

गया में 12 सितम्बर से 17 दिवसीय पितृपक्ष मेला शुरू हो रहा है जो 28 सितंबर तक चलेगा. इसे देखते हुए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने 5 तरह के टूर पैकेज की शुरुआत की है. जिसके लिए श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं. सभी का किराया अलग-अलग है, इसमें आने-जाने से लेकर खाना-पीना और पूजा के लिए पंडित और पूजन सामग्री की कीमतें शामिल हैं. ऐसे में इसमें से अपने लिए किसी भी एक पैकेज को चुनकर आप गया के पंडों की मनमानी से बच सकते हैं और निश्चिंत होकर मोक्ष नगरी में पिंडदान कर सकते हैं.

पटना-पुनपुन-गया-पटना पैकेज:

BSTDC का यह पैकेज एक दिन का है, इसमें पटना से पुनपुन और गया में पूजा करके वापस पटना आना होगा. इस पैकेज में तीन कैटेगरी शामिल हैं. कैटेगरी 1 में एक व्यक्ति के लिए किराया 13,350 रुपए है. दो व्यक्ति के लिए 13,780 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 23,250 रुपए है. इसमें लक्ज़री फोर स्टार होटल में आपके ठहरने का इंतजाम रहेगा.

वहीं कैटेगरी 2 पहले वाले पैकेज की अपेक्षा थोड़ा सस्ता है. इसमें एक व्यक्ति का शुल्क 12,300 रुपए, दो व्यक्तियों का 15,670 और चार व्यक्तियों का शुल्क 21,150 है. इसमें आपके लिए सेमी लक्ज़री वाले 3 स्टार होटल में रहने का प्रबंध रहेगा.

जबकि कैटेगरी 3 इन दोनों पैकेज से भी सस्ता है. इसमें एक व्यक्ति का 11,500 रुपए, दो व्यक्तियों का 11,900 और चार व्यक्तियों का 19,500 रुपए खर्च आएगा. हालांकि इस पैकेज वाले श्रद्धालुओं को रुकने के लिए बजट एसी होटलों के कमरे उपलब्ध कराए जायेंगे.

पटना-पुनपुन-गया-बोधगया-नालंदा-राजगीर-पटना पैकेज :

ये पैकेज एक रात और दो दिनों का है. इसमें गया में पिंडदान कराकर नालंदा और राजगीर भी घुमाने की सुविधा दी जा रही है. इसमें भी तीन कैटेगरी शामिल है. लक्ज़री 4 स्टार होटल वाले पहले कैटेगरी में एक व्यक्ति का 15,310 रुपए, दो व्यक्तियों का 16,420 और चार व्यक्तियों का खर्च 29,250 रुपए होगा. वहीं कैटेगरी 2 में रहने के लिए सेमी लक्ज़री 3 स्टार होटल मिलेगा, अगर इस पैकेज को एक व्यक्ति लेते हैं तो 14,260 रुपए, दो व्यक्ति 15,370 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 27,150 रुपए लगेंगे. जबकि बजट वाले कैटेगरी 3 में एक व्यक्ति के लिए इस पैकेज का खर्च 13,400 रुपए, दो व्यक्तियों के लिए 14,510 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 25,450 रुपए होगा.

गया से गया पैकेज :

अगर आपके पास समय की कमी है और चाहते हैं कि एक दिन में ही गया में पिंडदान करके वापस लौट जाएं तो एक दिन वाला ये पैकेज आपके लिए सबसे अच्छा और किफायती पड़ेगा. इसमें भी सुविधाओं के अनुसार कैटेगरी एक, दो और तीन शामिल है. पहले वाले कैटेगरी में गया के लक्ज़री होटल में आपके लिए कमरे बुक रहेंगे. जिसके लिए एक व्यक्ति से 9,270 रुपए, दो व्यक्ति के लिए 9,930 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 19,850 रुपए चार्ज किए जायेंगे. वहीं, सेमी लक्ज़री वाले होटल की सुविधा देने वाले दूसरी कैटेगरी के लिए एक व्यक्ति से 8,880 रुपए, चार व्यक्तियों से 17,750 रुपए लिए जाएंगे. जबकि कैटेगरी 3 वाले बजट एसी होटल के लिए एक व्यक्ति को 7,400 रुपए, दो व्यक्तियों को 8050 रुपए और चार व्यक्तियों को 16,050 रुपए देने होंगे.

गया से गया (देर रात, सुबह और शाम) पैकेज :

एक रात और दो दिन वाले गया का ये पैकेज भी आप अपने सुविधाओं के अनुसार चुन सकते हैं. इस पैकेज को भी तीन कैटेगरी में रखा गया है. कैटेगरी एक बुक करने वालों को लक्ज़री होटल में रुकने की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए एक व्यक्ति का शुल्क 15,590 रुपए, दो व्यक्तियों का 16,685 रुपए और चार व्यक्तियों का शुल्क 31,605 रुपए होगा. वहीं सेमी लक्ज़री 3 स्टार होटल  वाले दूसरे कैटेगरी की कीमत एक व्यक्ति के लिए 13,490 रुपए, दो व्यक्तियों के लिए 11,960 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 27,405 रुपए रखी गयी है. अगर आप इस पैकेज का तीसरा कैटेगरी चुनते हैं तो इसमें आपको बजट एसी होटल मिलेगी. एक व्यक्ति का चार्ज 11,800 रुपए, दो व्यक्तियों का 12,900 रुपए और चार व्यक्तियों का 24,000 रुपए होगा.

गया-बोधगया-राजगीर-नालंदा-गया पैकेज :

Bihar State Tourism Development Corporation Ltd. के पांचवे और इस अंतिम पैकेज में आपको गया में पंडितों द्वारा पूरे विधि-विधान से पिंडदान करने की सुविधा तो मिलेगी ही, इसके साथ ही बोधगया, राजगीर, नालंदा भी घूमने का मौका मिलेगा. ये पैकेज एक रात और दो दिनों का है. पहले कैटेगरी के लिए एक व्यक्ति को 13,230 रुपए, दो व्यक्तियों को 14,340 रुपए और चार व्यक्तियों को 24,990 रुपए शुल्क लगेंगे. दूसरे कैटेगरी में बुक करने पर एक व्यक्ति को 12,180 रुपए, दो व्यक्तियों को 13,290 रुपए और चार व्यक्तियों को 22,890 रुपए लगेंगे. जबकि अगर आप तीसरा कैटेगरी चुनते हैं तो एक व्यक्ति के लिए किराया 11,350 रुपए, दो व्यक्तियों का 12,450 रुपए और चार व्यक्तियों के लिए 21,200 रुपए चार्ज लगेंगे.

इसके साथ ही बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. हर साल की तरह इस बार भी ई-पिंडदान की सुविधा दे रही है. इसके माध्यम से देश-विदेश के लोग जहां हैं, वहीं से ऑनलाइन पिंडदान कर सकते हैं. इसका शुल्क वैसे तो 19 हजार रुपए है, लेकिन जीएसटी लगाकर कुल 19,950 रुपए लगेंगे. ऑनलाइन ई-पिंडदान में पंडित द्वारा गया में तीन जगहों पर विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी में पिंडदान कराया जाएगा और उसका मंत्रोच्चार से लेकर दान-दक्षिणा साथ ही पूरे विधि-विधान के साथ की गयी पूजा की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिसे सीडी, डीवीडी या पेन ड्राइव के जरिए आपके पास भेज दिया जायेगा.

आपको बता दें कि इन सभी पैकेजों के पेमेंट के लिए BSTDC ने अपना बैंक डिटेल्स भी दिया है. गया जी में पिंडदान के लिए इनमें से कोई भी पैकेज बुक करने वाले श्रद्धालुओं को B.S.T.D.C. के पटना में बीरचंद पटेल मार्ग, आर.ब्लॉक स्थित बैंक ऑफ़ इंडिया के अकाउंट में निर्धारित पैसे भेजने होंगे.

पितृपक्ष मेले के दौरान अगर आप भी पिंडदान के लिए बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की इनमें से कोई पैकेज ऑनलाइन बुक करना चाहते हैं तो ऑफिसियल वेबसाइट www.bstdc.bih.nic.in या www.pitrapakshagaya.com देखें.

पिंडदान में कितना खर्च आता है?

गया शहर के 4-5 मुख्य वेदियों पर पिंडदान के लिए 2-5 हजार रुपए लिए जा रहे हैं। शहर से बाहर बोधगया या प्रेत शिला पर पिंडदान के लिए अधिक पैसे लग रहे हैं। अगर कोई यात्री सिर्फ फल्गु नदी या विष्णुप्रद मंदिर में पिंडदान करना चाहे तो उसे कम से कम 500 रुपए देने पड़ते हैं।

पिंडदान में कितना समय लगता है?

वैसे तो गया पिंडदान में 1 दिन, 2 दिन, 3 दिन 5 या 7 दिन भी लग सकते हैं. इसके अलावा कुछ पिंडदान विधि 3 से 5 घंटे में भी पूर्ण हो जाती हैं. पिंडदान की प्रक्रिया तथा विधि विधान ब्राह्मण पर निर्भर करता हैं.

कितने पिंड दान करना चाहिए?

सात पिंड या चावल में मिक्स गेहूं के आटे से बने गोले, शहद और दूध के साथ मृतक और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रसाद के रूप में तैयार किए जाते हैं और इन्हें मंत्रों के जाप के दौरान चढ़ाया जाता है। मथुरा में तर्पण कर लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्‍न करते हैं।

पिंड दान कब करना चाहिए 2022?

पितृ पक्ष 2022 इस बार 10 से 25 सितंबर तक पितृ पक्ष है। यह पक्ष पितरों को समर्पित रहता है। इस दौरान पिंड दान और तर्पण कर अपने पितरों को प्रसन्‍न किया जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए

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