One Line Answer
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया?
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Solution
नवाब साहब ने करीने से सजी खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़ककर लेखक से खाने के लिए आग्रह किया तो लेखक ने साफ़ मना कर दिया। जबकि लेखक खीरे खाना चाहता था। इसका कारण यह था लेखक पहली बार नवाब साहब को खीरा खाने के लिए मना कर चुका था।
Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)
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Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - अतिरिक्त प्रश्न
Q 6Q 5Q 7
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2
Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़
अतिरिक्त प्रश्न | Q 6
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नवाब साहब खीरे की फाँकों को खिड़की से फेंककर क्या दिखाना चाहते थे?
Answer: नवाब साहब ने खीरे की फांकों को खिड़की से बाहर फेंक दिया क्योंकि वह अपने सहयात्री को अपनी नवाबी का उदाहरण दिखाना चाहते थे तथा खुद को एक शाही नवाब दिख लाना चाहते थे।
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों के साथ क्या किया?
नवाब साहब ने बहुत नजाकत और सलीके से खीरा काटा, उन पर नमक-मिर्च लगाया। उन नमक-मिर्च लगी खीरे की फाँकों को खाया नहीं अपितु सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया था। उनकी इस हरकत का यह कारण होगा कि वे एक नवाब थे, जो दूसरों के सामने खीरे जैसी आम खाद्य वस्तु खाने में शर्म भव करते थे।
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों को कैसे देखा?
Solution : (क) नवाब साहब ने खीरे की कटी फाँकों पर नमक-मिर्च बुरक कर उन्हें प्यासी नजरों से देखा। वे उसके स्वाद और गंध की कल्पना में .
35 खीरे की फाँकों को खिड़की से बाहर फेंक कर नवाब साहब ने तौलिए से क्या किया?
नवाब साहब ने खीरे की सब फाँकों को खिड़की के बाहर फेंककर तौलिए से हाथ और होंठ पोंछ लिए और गर्व से गुलाबीआँखों से हमारी ओर देख लिया, मानो कह रहे हों- यह है खानदानी रईसों का तरीका ! नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।