मीठी वाणी से हमें क्या लाभ होता है? - meethee vaanee se hamen kya laabh hota hai?

जयपुर । ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोये यह तो अहम सभी ने सुन रखा और जब बात आती भी है मीठे बोल सुनने की तो हर कोई मंत्र मुग्ध हो जाता  है , मीठे वचन बोलने वाला व्यक्ति हर किसी को अच्छा लगता है पर क्या कभी आपने सोचा  है की मीठी वाणी बोलने का फायदे  भी हो सकता आई किसी ने यहा सोचा हो या नही पर अनुभव जरूर किया होगा आखिर मीठे वचन है ही ऐसी चीज़ ।

आज हम थोड़ हट कर बात करने जा रहे है हाँ हम जानते हैं की आज आप क्या सोच रहे हाइनाप सोच रहे होंगे की यहभी कोई बात हुई की बोले का भी कोई फायदा हो सकता है तो हम आपको बता दें की जी हाँ बोलने का और मीठा बोलने का बहुत फायदा हो सकता है कैसे और क्या आइये जानते हैं इस बारे में ।

मीठा वचन बोलने का फायदा :-

वह कहते हैं ना की यदि रोगी डॉक्टर के पास जाये और डॉक्टर उससे प्यार से बोलता है और मीठे वचन कहता है तो उसकी आधी बीमारी वहीं खत्म हो जाती है । तो यह लोगों को ठीक करेने का भी काम करती है ।

मीठी वाणी इंसान को एक दूसरे के तरफ आकर्षित करती है और इससे इंसान का व्यवहार दूसरे के साथ अच्छा बना रहता है और वो दूसरों के दिलों में उतर जाता है।

मीठी वाणी बोलने के कारण आप खुद भी काफी शांत रहते हैं यह आपके दिल और दिमागी हालत के लिए बहुत ही अच्छा  होता है ।

मिहि वाणों के कारण गुस्सा कम आता है और यदि आपके सामने वाले व्यक्ति को भी आ रहा है तो मीठी वाणी उसको भी शांत कर देता है ।

मीठी वाणी के कारण संबंध हमेशा अच्छे बने रहते हैं घर परिवार दोस्त कभी नही टूटते ।

मीठी वाणी से यदि आप पर कभी कोई मुसीबत भी आ जाती है तो लोग आपकी मदद के लिए तैयार रहते हैं जबकि कटु वाणी बोलने वाले व्यक्ति की कोई मदद नही करना चाहता है।

मीठी वाणी बोलकर आप मुश्किल से भी मुश्किल काम को आसानी से करा सकते हैं।

मीठी वाणी से आप दूसरों के दिलों का सुकून बन सकते हैं।

सबसे अच्छी और बड़ी बात मीठी वाणी के कारण आपका ही नही आपके साथ जो जुड़े हुए लोग हैं उन सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है क्योकि वह कई लोगों को राहत पहुंचता है ।

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विषयसूची

  • 1 वाणी का महत्व अपने शब्दों में 8 से 10 वाक्यों में लिखिए?
  • 2 मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए?
  • 3 लेखक ने मीठी वाणी के क्या लाभ बताए हैं?
  • 4 मनुष्य मधुर वाणी कब बोलता है?
  • 5 मीठी वाणी बोलने के क्या फायदे हैं?
  • 6 मन में मधुर वचन से कवि का क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंमधुर वाणी मनोनुकूल होती है जो कानों में पड़ने पर चित्त द्रवित हो उठता है। वाणी की मधुरता ह्रदय-द्वार खोलने की कुंजी है। एक ही बात को हम कटु शब्दों में कहते हैं और उसी को हम मधुर बना सकते हैं। वार्तालाप की शिष्टता मनुष्य को आदर का पात्र बनाती है और समाज में उसकी सफलता के लिए रास्ता साफ़ कर देती है।

मधुर वाणी का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंमधुर वाणी व्यक्ति की छवि को समाज में अलंकृत कर देती है। मधुर वाणी बोलने के कारण व्यक्ति दूसरे अन्य व्यक्तियों से भी मधुर वाणी ही सुनता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को केवल मधुरता पूर्वक ही बोलना चाहिए।

मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंहमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश होगा हम उतने ही दूसरों के प्रिय बन सकते हैं । हमारी बोली में माधुर्य के साथ – साथ शिष्टता भी होनी चाहिए । अगर हम मृदु वचन बोलेंगे तो इनका प्रभाव दूसरे व्यक्ति पर अच्छा पड़ेगा। मीठी वाणी जीवन के सौंदर्य को निखार देती है और व्यक्तित्व की अनेक कमियों को छिपा देती है ।

मृदुभाषी समाज में किसका प्रसार करता है?

इसे सुनेंरोकेंतुलसी ने कहा है -‘मीठे वचन तैं सुख उपजत चहुँ ओर’ । मृदुभाषी समाज में सद्भावना का प्रसार करता है।

लेखक ने मीठी वाणी के क्या लाभ बताए हैं?

इसे सुनेंरोकें(i) कबीर के अनुसार मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ होता है?(क) दूसरों को सुख मिलता है। (ख) अपने आप को सुख मिलता है। (ग) मन दुखी हो जाता है।

मधुर वाणी का महत्व कब और भी बढ़ जाता है?

इसे सुनेंरोकेंमधुर बोलने वाले का समाज में बहुत आदर होता है। मधुरभाषी के मुख से निकला एक-एक शब्द सुनने वाले के मन को लुभाता है। उसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति उसके वश में हो जाता है। मीठी वाणी केवल सुनने वाले को ही आनंदित नहीं करती वरन् बोलने वाले को भी आनन्द पहुंचाती है।

मनुष्य मधुर वाणी कब बोलता है?

इसे सुनेंरोकेंएक सुभाषित में भी कहा गया है कि जो सदा सुवचन बोलता है, वह समय पर बरसने वाले मेघ की तरह सदा प्रशंसनीय व जनप्रिय होता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि हम जिन शब्दों का उच्चारण करते हैं, उनकी गूंज वातावरण के जरिये सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में समा जाती है।

जीवन में मधुर भाषण का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंवाणी से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान होती है। मधुर वाणी हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। छोटे से छोटे व बड़े से बड़े कार्य जो बड़े-बड़े सूरमा भी नहीं कर पाते, वे केवल वाणी के माधुर्य से संपन्न हो जाते हैं। मधुर वाणी का सबसे बड़ा उदाहरण कोयल और कौवा हैं।

मीठी वाणी बोलने के क्या फायदे हैं?

इसे सुनेंरोकेंमीठी वाणी बोलने से सुनने वाले के मन से क्रोध और घृणा की भावना सम्पात हो जाती हैं। इसके साथ ही हमारा अंतःकरण प्रसन्न होने लगता हैं प्रभावस्वरूप औरों को सुख और तन को शीतलता प्राप्त होती है।

मधुर वाणी बोलने से क्या लाभ है?

अहंकार मिटता है,तथा अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है।

  • सबसे मित्रता होती है।
  • सबसे अच्छी तरह बातें कर सकते हैं।
  • मन में मधुर वचन से कवि का क्या आशय है?

    इसे सुनेंरोकेंयह सुननेवाले के मन को प्रभावित व आनंदित करती है। इसके प्रभाव से मन में स्थित शत्रुता, कटुता वे आपसी ईष्र्या-द्वेष के भाव समाप्त हो जाते हैं। मीठी वाणी बोलने से सुननेवालों को शांति प्राप्त होती है। इसलिए हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए कि जिसे सुनकर लोग आनंद की अनुभूति करें।

    मधुर वाणी बोलने का क्या लाभ है?

    इसे सुनेंरोकें1)अहंकार मिटता है,तथा अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है। 2) सबसे मित्रता होती है। 3)सबसे अच्छी तरह बातें कर सकते हैं।

    मीठी बोली से क्या लाभ है?

    मधुर वाणी से कान मधुर होंगे। कान से मन को शब्द-ज्ञान होता है। शब्द-ज्ञान मधुर होने से मन आनंदित हो उठता है।

    मीठी वाणी क्यों बोलना चाहिए?

    जिसकी वाणी मीठी होती है, वह सबका प्रिय बन जाता है। प्रिय वचन हितकारी और सबको संतुष्ट करने वाले होते हैं। फिर मधुर वचन बोलने में दरिद्रता कैसी? वाणी के द्वारा कहे गए कठोर वचन दीर्घकाल के लिए भय और दुश्मनी का कारण बन जाते हैं।

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